हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के शोध छात्र रोहित वेमुला की खुदकुशी को मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने जातिगत मुद्दा मामने से इनकार कर दिया है।
दलित शोधार्थी रोहित की कथित आत्महत्या के बाद हैदराबाद विश्वविद्यालय के परिसर में आज ताजा विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। छात्रों के विरोध प्रदर्शन के बीच अब इसपर राजनीति भी होने लगी है। टीआरएस सांसद के नेतृत्व में हैदराबाद में जहां एक सामाजिक संगठन ने केंद्रीय मंत्री बंडारू दत्तात्रोय के आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन करने का प्रयास किया वहीं कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने विश्वविद्यालय का दौरा किया।
हैदराबाद विश्वविद्यालय के एक दलित छात्र की आत्महत्या के विरोध में जाने-माने लेखक अशोक वाजपेयी ने विश्वविद्यालय से उन्हें प्रदान की गई डी. लिट की उपाधी लौटाने का एलान किया है। वाजपेयी ने यह फैसला विश्वविद्यालय प्रशासन के दलित विरोधी रवैये के विरोध में लिया है जिसकी वजह से रविवार की रात रोहित वेमुला नाम के एक दलित छात्र को आत्महत्या करने पर मजबूर होना पड़ा।
दो सप्ताह पहले हैदराबाद विश्वविद्यालय के हॉस्टल से निकाले गए पांच दलित शोधार्थियों में से एक रोहित वेमुला ने रविवार को खुदकुशी कर ली। उसका शव कैंपस के एक हॉस्टल में पंखे से लटका मिला। इस मामले में केंद्रीय मंत्री बंडारू दत्तात्रेय पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय में एक शोध छात्र की आत्महत्या के मामले की पड़ताल के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने दो सदस्य जांच टीम हैदराबाद रवाना कर दी है। मंत्रालय ने इन आरोपों को खारिज किया है कि उसके हस्तक्षेप की वजह से यह घटना हुई। उधर, इस मामले में केंद्रीय राज्य मंत्री बंडारू दत्तात्रेय और विश्वविद्यालय के कुलपति के खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज किया है।
देश के प्रतिष्ठित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के निवर्तमान कुलपति एसके सोपोरी का कहना है कि जेएनयू को अक्सर राजनीतिक सक्रियता के मंच के रूप में देखा जाता है और अकादमिक क्षेत्र में इसके योगदान को नजरंदाज किया जाता है।
दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में योग गुरू रामदेव को भाषण देने के लिए आमंत्रित करने पर विवाद खड़ा हो गया है। भाजपा समर्थित अखिल भारतीय विद्याथी परिषद (एबीवीपी) ने रामदेव को बुलाने का स्वागत किया है जबकि वामपंथी छात्र संगठन इसका कड़ा विरोध कर रहे हैं।
योग गुरू रामदेव ने आज संकेत दिया कि वह जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय का अपना दौरा रद्द कर सकते हैं, जहां उन्हें मुख्य वक्ता के तौर पर संबोधन के लिए आमंत्रित किया गया है। वहीं विश्वविद्यालय ने एक छात्र समूह की आमंत्रण वापस लेने की मांग ठुकरा दी है।
संघर्ष का नाम जनकवि रमाशंकर 'विद्रोही' नहीं रहे। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में पिछले दो दशकों में आने वाले हजारों छात्र उनकी कविता सुनकर संघर्ष करना सीखे होंगे। 'आसमान में धान बोने वाला' ये निर्भीक कवि संघर्ष करते हुए ही मरा। सोशल मीडिया पर विद्रोही की कविताओं का उत्सव सा जारी है। आंदोलनों में उनकी कविताएं गूंजती रहती हैं लेकिन उनकी चर्चित कविताओं में ‘जब भी किसी गरीब आदमी का अपमान करती है, ये तुम्हारी दुनिया, तो मेरा जी करता है, कि मैं इस दुनिया को उठाकर पटक दूं।’, ‘मैं भी मरूंगा और भारत के भाग्य विधाता भी मरेंगे लेकिन मैं चाहता हूं कि पहले जन-गण-मन अधिनायक मरें, फिर भारत भाग्य विधाता मरें ’, ‘आज तो चाहे कोई विक्टोरिया छाप काजल लगाए या साध्वी ऋतंभरा छाप अंजन लेकिन असली गाय के घी का सुरमा, तो नूर मियां ही बनाते थे...’ , ‘मैं किसान हूं आसमान में धान बो रहा हूं, कुछ लोग कह रहे हैं कि पगले, आसमान में धान नहीं जमा करता, मैं कहता हूं पगले, अगर जमीन पर भगवान जम सकता है तो आसमान में धान भी जम सकता है।..’ सोशल मीडिया पर इस जनकवि को श्रद्धांजलि देने वालों का सैलाब है-
उत्तर प्रदेश के मथुरा में पुलिस ने प्रबंधन कॉलेज के एक छात्र के पास से खाड़ी देशों के लोगों के लिए बनाए गए 160 जाली पासपोर्ट के साथ-साथ नकली कागजात बनाने वाले लैपटॉप, रबड़ स्टांप, एक लैंडलाइन और दो मोबाइल फोन बरामद किए हैं। खुफिया एजेंसियां इस छात्र से पूछताछ में जुटी हैं। वे खासतौर पर उसके खाड़ी एवं अन्य देशों से संबंध जानने की कोशिश कर रही हैं। पकड़ा गया छात्र बिहार के गोपालगंज का रहने वाला है।