जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार को जमानत पर जेल से रिहा कर दिया गया है। गुरुवार की शाम करीब साढ़े छह बजे कन्हैया को जेल से रिहा किया गया और वह वापस जेएनयू पहुंच चुके हैं।
विपक्ष ने मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी पर जेएनयू और हैदराबाद विश्वविद्यालय मुद्दों के बारे में कथित तौर पर गलतबयानी और संसद को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन के नोटिस की मांग दोनों सदनों में उठाई जबकि बसपा प्रमुख मायावती ने मांग की कि स्मृति को गलत बयान देने के लिए सदन से माफी मांगनी चाहिए।
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार को दिल्ली हाईकोर्ट ने अंतरिम जमानत दे दी। देशद्रोह के आरोप में जेल में बंद कन्हैया को अदालत ने कुछ शर्तों के साथ छह महीने की अंतरिम जमानत दी है।
जाने-माने अर्थशास्त्री और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के सेवानिवृत प्रोफेसर अरुण कुमार देश में मौजूदा आर्थिक हालात को वैश्विक आर्थिक सुस्ती की देन मानते हैं। उनका यह भी मानना है कि हर सरकार राजकोषीय घाटा कम करने के लिए ही चिंतित रहती है और उसी मुताबिक बजट बनाकर किसी लक्ष्य तक पहुंचने में विफल रहती है। इसे वह गलत धारणा मानते हैं। आउटलुक के राजेश रंजन से बातचीत में उन्होंने रोजगार, घरेलु मांग, विकास दर आदि बढ़ाने पर जोर दिया।
छात्र राजनीति का इतिहास बहुत पुराना है। राष्ट्र के नव-निर्माण से लेकर आज तक यह जारी है। हाल में भारत के विश्वविद्यालयों से एक आंधी उठी है जो हो सकता है देश की राजनीति के लिए बवंडर साबित हो
जेएनयू में वामपंथ का गहरा प्रभाव रहा है। यहां वैकल्पिक विचारधारा को वैधानिक, नैतिक स्थान नहीं दिया गया। इस विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय कम्युनिस्ट आंदोलन के सभी अवशेष-माओवाद से लेकर ट्राटस्कीवाद तक मिल जाएंगे।
वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी आलोक कुमार वर्मा ने आज दिल्ली पुलिस के नए आयुक्त के रूप में प्रभार संभाल लिया है। वर्मा ने इस पद को एक ऐसे समय पर संभाला है, जब जेएनयू प्रकरण से निपटने को लेकर दिल्ली पुलिस आलोचनाओं का सामना कर रही है।
केंद्रीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की ओर से अपने संस्थान परिसरों में प्रमुखता से राष्ट्रीय ध्वज फहराने का प्रण किए जाने के कुछ दिनों बाद केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने सभी केंद्रीय विद्यालयों को अपने स्कूल की इमारतों पर रोजाना तिरंगा फहराने का आदेश दिया है।
आईआईटी बॉम्बे के शिक्षकों के एक समूह ने कहा है कि उच्च शिक्षा के कुछ संस्थान ऐसी गतिविधियों की शरणस्थलियां बन गए हैं, जो राष्ट्रहित में नहीं हैं। शिक्षकों के इस समूह ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से अपील की है कि वे छात्रों को परिसरों में विचारधाराओं के युद्ध का पीड़ित न बनने का संदेश दें।
जेएनयू में देश विरोधी नारों को लेकर दर्ज देशद्रोह के मामले में विशवविद्यालय के एक अन्य छात्र आशुतोष ने जांच में शनिवार को शिरकत की। मामले में पुलिस उसे तलाश रही थी और उसे पेश होने के लिए सम्मन भेजा गया था।