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राजनाथ का दावा-जेएनयू प्रदर्शन को हाफिज सईद का समर्थन, विपक्ष ने मांगे सबूत

राजनाथ का दावा-जेएनयू प्रदर्शन को हाफिज सईद का समर्थन, विपक्ष ने मांगे सबूत

केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आज यह दावा कर राजनीतिक विवाद पैदा कर दिया कि जेएनयू में पिछले दिनों संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरू की फांसी के विरोध में हुए कार्यक्रम को आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद का समर्थन मिला था। राजनाथ के बयान के तुरंत बाद विपक्षी पार्टियों ने मांग की कि गृह मंत्री जेएनयू परिसर में हुए कार्यक्रम को लेकर किए गए अपने दावे को साबित करने के लिए सबूत दें।
सीपीएम मुख्यालय पर युवकों के एक समूह ने किया हमला

सीपीएम मुख्यालय पर युवकों के एक समूह ने किया हमला

युवाओं के एक समूह ने राजधानी दिल्ली में स्थित माकपा के मुख्यालय में हमला करने की कोशिश की। पुलिस ने हमला करने वालों में से एक को हिरासत में ले लिया है। माकपा सूत्रों ने कहा कि युवकों ने पत्थर फेंके और माकपा देश छोड़ो जैसे नारे लगाए।
कृपया मेरे बेटे को आतंकवादी नहीं कहिए: कन्हैया की मां

कृपया मेरे बेटे को आतंकवादी नहीं कहिए: कन्हैया की मां

जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार की मां ने अपील करते हुए कहा, कृपया मेरे बेटे को आतंकवादी मत कहिए। कन्हैया की मां मीना देवी एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता हैं और साढ़े तीन हजार रूपये प्रति माह कमाती हैं।
जेएनयू को राष्ट्रविरोधी बताने के खिलाफ आगे आए शिक्षक

जेएनयू को राष्ट्रविरोधी बताने के खिलाफ आगे आए शिक्षक

संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरू की फांसी के खिलाफ जेएनयू परिसर में एक आयोजन को लेकर जारी विवाद के बीच विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने लोगों से संस्थान को राष्‍ट्र विरोधी करार ना देने की अपील की।
कन्हैया की गिरफ्तारी पर जेएनयू में एकत्र हुए वाम और कांग्रेस नेता

कन्हैया की गिरफ्तारी पर जेएनयू में एकत्र हुए वाम और कांग्रेस नेता

जेएनयू में राष्ट्रविरोधी नारेबाजी के आरोप में छात्र संघ अध्यक्ष को गिरफ्तार किए जाने के विरोध में आयोजित एक विरोध सभा में विभिन्न दलों के नेता शामिल हुए। सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी, भाकपा सचिव डी राजा के अलावा कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी छात्रों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए जेएनयू परिसर पहुंचे। विरोध में हिस्सा लेकर नेताओं ने छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार की रिहाई की मांग की। इस बीच, सरकार ने जोर देकर कहा कि इस प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी को देशद्रोही गतिविधियों का अड्डा नहीं बनने दिया जा सकता।
जेएनयू विवाद: गृह मंत्री से मिले वाम नेता, बोले कन्हैया को रिहा करें

जेएनयू विवाद: गृह मंत्री से मिले वाम नेता, बोले कन्हैया को रिहा करें

जेएनयू में कथित देश विरोधी नारेबाजी का मामला गंभीर होता जा रहा है। जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार की गिरफ्तारी को लेकर वाम दलों के नेताओं ने शनिवार को गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की। इस मुलाकात में वाम नेताओं ने गृह मंत्री से कन्हैया कुमार की रिहाई के साथ ही मामले की गंभीरता से जांच की मांग की। मिली जानकारी के अनुसार शनिवार दोपहर बाद वाम नेताओं ने इस मामले पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से भी मुलाकात की है।
जेएनयू विवादः छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया गिरफ्तार

जेएनयू विवादः छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया गिरफ्तार

जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में देशविरोधी नारेबाजी और संसद हमले के दोषी अफजल गुरू की बरसी मनाने को लेकर दिल्ली पुलिस ने सख्त रुख अपना लिया है। इस मामले में जेएनयू के छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने पूछताछ के बाद कन्हैया को गिरफ्तार किया।
जेएनयू: अफजल की फांसी के खिलाफ कार्यक्रम की जांच के आदेश

जेएनयू: अफजल की फांसी के खिलाफ कार्यक्रम की जांच के आदेश

दिल्‍ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) प्रशासन ने संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरू की फांसी के विरोध में संस्थान परिसर में आयोजित किए गए एक कार्यक्रम की अनुशासनिक जांच के आदेश दिए हैं।
इंजीनियरिंग के प्रोफेसर जगदीश कुमार होंगे जेएनयू के नए कुलपति

इंजीनियरिंग के प्रोफेसर जगदीश कुमार होंगे जेएनयू के नए कुलपति

आईआईटी दिल्ली के प्रोफेसर एम. जगदीश कुमार जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के नए कुलपति होंगे। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय के भेजे चार नामों में से जगदीश कुमार के नाम को मंजूरी दी है। भाजपा नेता सुब्रमण्‍यम स्‍वामी को जेएनयू का वीसी बनाए जाने की अटकलों के बाद यह नियुक्ति चर्चाओं में आ गई थी।
'राजनीतिक सक्रियता में नजरअंदाज जेएनयू का अकादमिक योगदान'

'राजनीतिक सक्रियता में नजरअंदाज जेएनयू का अकादमिक योगदान'

देश के प्रतिष्ठित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के निवर्तमान कुलपति एसके सोपोरी का कहना है कि जेएनयू को अक्सर राजनीतिक सक्रियता के मंच के रूप में देखा जाता है और अकादमिक क्षेत्र में इसके योगदान को नजरंदाज किया जाता है।
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