पाकिस्तान के ऐबटाबाद में ओसामा बिन लादेन के ठिकाने से मिले अलकायदा के एक दस्तावेज में साल 2008 में लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों द्वारा किए गए मुंबई हमले को जाबांज फिदाई बताया गया है।
पाकिस्तान के दक्षिणी बंदरगाह शहर कराची में बुधवार को आठ बंदूकधारियों ने एक बस में घुस कर यात्रियों पर अंधाधुंध गोलीबारी कर दी जिसमें अल्पसंख्यक शिया इस्माइली मुस्लिम समुदाय के कम से कम 41 लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए।
उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अरविन्द कुमार जैन ने बांदा जिले के एक चर्च में घुसकर कुछ युवकों द्वारा पथराव और तोड़फोड़ किये जाने के मामले में अपर पुलिस अधीक्षक समेत सम्बन्धित पुलिस अफसरों की लापरवाही की जांच करके कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कराची में शिया इस्माइली समुदाय को निशाना बनाकर किए गए हमले की निंदा की है और कहा है कि दुख की इस घड़ी में भारत पाकिस्तान की जनता के साथ दृढ़तापूर्वक खड़ा है।
मई 2011 में मारे जाने से कुछ माह पहले अल कायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन अपना पूरा ध्यान अमेरिका के महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर हमला बोलने पर केंद्रित कर रहा था।
बाज़ार को बेचने हैं सौंदर्य को बढ़ाने वाले संसाधन इसलिए ‘च्वाइसेस’ या विकल्पों की बात हो रही है। लेकिन मुझे परेशानी इस बात से ज्यादा है कि वही स्त्री जब भारत के सड़कों, गलियों, खेतों, खलिहानों, कस्बों में बलत्कृत, क्षत-विक्षत मृत शरीर के रूप मे पाई जाती है। तब ना आपको उस पर बात करने से गुरेज है और ना उसका छायांकन करने में। लेकिन वही स्त्री जीवित अवस्था में अपने उसी शरीर पर हक की बातें करती है तो आपको 'परिवार व्यवस्था' से लेकर 'स्त्री देवी' के भ्रम के टूटने की धमक सुनाई देने लगती है।
जब वह मेरे दफ्तर मिलने के लिए आए तो अचानक ही लगा कि मेरा दफ्तर भी विकलांग व्यक्ति के लिए कितना असुविधाजनक है। वह हथेलियों में हवाई चप्पल पहने हुए पूरी सहजता और जबर्दस्त आत्मविश्वास के साथ दफ्तर में आ चुके थे। तकरीबन लपकते हुए वह कुर्सी की ओर बढ़े।
भारतीय उपमहाद्वीप में आतंकवादी संगठन अलकायदा की शाखा के जिस आतंकवादी को आतंकवादियों के बीच एक उभरते सरगना के रूप में देखा जा रहा था, वह जनवरी में पाकिस्तान में हुए अमेरिकी ड्रोन हमले में मारा गया था।
पाकिस्तान की जानी-मानी मानवाधिकार कार्यकर्ता सबीन महमूद की कराची में गोली मार कर हत्या कर दी गई है। सबीन पर अज्ञात बंदूकधारियों ने हमला किया जब वे बलूचिस्तान में अपहरण और कथित उत्पीड़न पर आयोजित एक सेमिनार का संचालन करके अपनी मां के साथ घर लौट रहीं थीं।