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मौजूदा सरकार में विज्ञान की नासमझी: पीएम भार्गव

मौजूदा सरकार में विज्ञान की नासमझी: पीएम भार्गव

वह उम्र के उस पड़ाव में हैं, जहां कांपते हाथों के साथ लड़खड़ाती जुबान से लोग अपने बीते दिनों की उपलब्धियों को गिनते-गिनवाते हैं लेकिन उनका मामला अलग है। वह खुद ही पूछते हैं, बताओ मेरी उम्र कितनी है, फिर मेरे मौन को मेरी दुविधा समझकर खुद ही जवाब देते हैं, 86 साल। नहीं लगता न, अगर ये पार्किंसंस (हाथों-पैरों के स्वत: हिलने की बीमारी) न परेशान करता तो शायद बिल्कुल भी न लगता। पुष्प मित्र भार्गव (पी.एम.भार्गव) देश के आला वैज्ञानिक, बायोलॉजिस्ट हैं। उन्हें इस बात की फिक्र है कि अगर देश में जीन संवद्धित (जीएम) फसलों को मंजूरी मिल गई तो इससे किस तरह न सिर्फ पर्यावरण, खेती को नुकसान होगा बल्कि आने वाली पीढ़ियों को नुकसान होगा।
अब आ गया एम-गवर्नेंस का जमाना

अब आ गया एम-गवर्नेंस का जमाना

इलेक्ट्रॉनिक प्रौद्योगिकी और स्मार्ट फोन के इर्द-गिर्द ही सिमट चुकी है पूरी युवा आबादी। इसी आबादी के बीच ई-गवर्नेंस और ई-कॉमर्स ने गहरी पैठ बना ली है। भारत में फिलहाल 63 प्रतिशत लोगों के पास मोबाइल फोन आ गए हैं जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में हर महीने 30 प्रतिशत मोबाइल उपभोक्ता बढ़ते जा रहे हैं। वैश्विक स्तर पर देखें तो भारत स्मार्टफोन का दूसरा बड़ा बाजार बन गया है। नेटवर्किंग समाधान कंपनी सिस्को का अध्ययन बताता है कि अगले चार साल में यहां 65 करोड़ से ज्यादा स्मार्टफोन उपभोक्ता हो जाएंगे।
नेस्ले ने पूरे देश से मैगी वापस मंगाई, कई देशों में प्रतिबंध

नेस्ले ने पूरे देश से मैगी वापस मंगाई, कई देशों में प्रतिबंध

मैगी की गुणवत्ता को लेकर छिड़े विवाद के बीच नेस्ले इंडिया ने आज पूरे देश मैगी वापस लेने का फैसला किया है। नेपाल, ब्रिटेन और सिंगापुर ने भी भारत में बने मैगी नूडल्स को बैन कर दिया है। शुक्रवार को प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस पूरे मामले पर स्वास्थ्य सचिव को तलब किया है।
दिल्ली में मैगी के नमूने फेल, नेस्‍ले पर मुकदमा संभव

दिल्ली में मैगी के नमूने फेल, नेस्‍ले पर मुकदमा संभव

मैगी नूडल्‍स में हानिकारक तत्‍वों को लेकर दिल्‍ली में हुई जांच में कई नमूने फेल। दिल्‍ली सरकार नेस्‍ले कंपनी के खिलाफ कर सकती है कार्रवाई
सस्‍ते कर्ज की आस, रेपो रेट 0.25% घटा

सस्‍ते कर्ज की आस, रेपो रेट 0.25% घटा

रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती की है, जिससे कर्ज सस्‍ता होने की उम्‍मीद बढ़ गई है। फिलहाल बैंकाें को आरबीआई से सस्‍ता कर्ज मिलेगा। माना जा रहा है कि जल्‍द ही बैंक इस राहत को ग्राहकों तक भी पहुंचाएंगे।
मुख्यधारा का मीडिया भी फैला रहा है अफवाह

मुख्यधारा का मीडिया भी फैला रहा है अफवाह

सोशल मीडिया का इस्तेमाल किस प्रकार अफवाहें फैलाने के लिए किया जाता है यह हम अतीत में देख चुके हैं मगर अब मुख्यधारा का मीडिया भी इस प्रकार की गतिविधियों में लिप्त हो जाए तो लोगों को और अधिक सावधान रहने की जरूरत है।
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