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Search Result : "ट्रांसजेंडर कर्मचारी"

चर्चाः सरकार के दाएं-बाएं में ही टक्कर | आलोक मेहता

चर्चाः सरकार के दाएं-बाएं में ही टक्कर | आलोक मेहता

यह पहला अवसर है, जबकि केंद्र सरकार का दायां हाथ बाएं हाथ को मरोड़ रहा है। भविष्य निधि की ब्याज दर घटाने पर श्रम मंत्रालय हाहाकार कर रहा है। वह वित्त मंत्रालय के विरूद्ध आवाज उठा रहा है।
निजीकरण के खिलाफ बैंक कर्मियों की 25 मई को हड़ताल

निजीकरण के खिलाफ बैंक कर्मियों की 25 मई को हड़ताल

बैंक कर्मचारियों की एक प्रमुख यूनियन ने आज कहा कि उसने बैंकिंग क्षेत्र का निजीकरण करने के सरकार के प्रयासों के विरोध में 25 मई को हड़ताल का आह्वान किया है।
ईपीएफ पर कर प्रस्ताव की वापसी तय

ईपीएफ पर कर प्रस्ताव की वापसी तय

सरकार ने आम बजट 2016 में कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) से निकासी पर टैक्स लगाने के विवादास्पद प्रस्ताव पर कदम पीछे खींचने का मन बना लिया है। सरकार ने इसे वापस लेने पर मंगलवार को विचार करने का फैसला किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी प्रस्ताव वापसी का संकेत दिया है।
हुंदै का कामगारों के साथ वेतन समझौता, 19 हजार तक बढ़ा वेतन

हुंदै का कामगारों के साथ वेतन समझौता, 19 हजार तक बढ़ा वेतन

हुंदै मोटर इंडिया ने आज कहा कि उसने अपने चेन्नई संयंत्र के कर्मचारियों के साथ एक वेतन निपटान समझौते पर हस्ताक्षर किया है जिसके तहत अगले तीन साल में टेक्नीशियनों की तनख्वाह में प्रतिमाह 19,000 रुपये तक की वृद्धि होगी।
संयुक्त राष्ट्र ने समलैंगिक अधिकारों के समर्थन में डाक टिकट जारी किए

संयुक्त राष्ट्र ने समलैंगिक अधिकारों के समर्थन में डाक टिकट जारी किए

संयुक्त राष्ट्र डाक प्रशासन ने समलैंगिक महिलाओं, समलैंगिक पुरूषों, द्विलिंगी और ट्रांसजेंडर लोगों के अधिकारों के समर्थन में छह नए डाक टिकट जारी किए हैं।
कलाई पर अब नहीं सजेगी ये घड़ी

कलाई पर अब नहीं सजेगी ये घड़ी

यूं तो कलाई घड़ी का पूरा कारोबार ही संकट में है। हाथ में थमा मोबाइल फोन एक साथ घड़ी, कैलेंडर, डायरी और इस तरह के दसियों काम को अंजाम देता है मगर इस कंपनी का बंद होना पुरानी पीढ़ी के लोगों के लिए शायद कुछ ज्यादा निराशाजनक है। एक दौर था जब हिंदुस्तान मशीन टूल्स यानी एचएमटी की घड़ियों की तूती बोलती थी और देश की हर कलाई पर यह घड़ी सजती थी।
पुरुष-पुरुष प्यार के कारण जीवन जेल हो गया

पुरुष-पुरुष प्यार के कारण जीवन जेल हो गया

राजस्थान के रहने वाले नकुल शर्मा काफी परेशान हैं। इस दफा उन्हें संसद से काफी उम्मीद थी कि धारा 377 से संबंधी विधेयक पर जरूर कुछ न कुछ होगा। आखिरकार सर्वोच्च न्यायालय ने गेंद संसद के पाले में डाली है। लेकिन कांग्रेसी नेता शशि थुरूर का विधेयक पटल तक पर नहीं आ सका। इस संबंध में नकुल शर्मा की परेशानी यह है कि वह गे यानी समलैंगिक हैं। उनका कहना है कि उन्हें लैंगिक अल्पसंख्यक का दर्जा चाहिए। अपनी कहानी के जरिये नकुल बताते हैं कि बलात्कार सिर्फ मर्द औरत के बीच नहीं होता है बल्कि उनके जैसे असंख्य लोगों के साथ होता है तो कोई कानून नहीं है जो उन्हें न्याय दिलवा सके।
अदालती नोटिसों के बावजूद पेश नहीं हो रही डाउ

अदालती नोटिसों के बावजूद पेश नहीं हो रही डाउ

भोपाल गैस हादसे मामले में अमेरिकी कैमिकल कंपनी डाउ लगातार अदालत द्वारा जारी किए गए समन की अवहेलना कर रही है। यह लगातार तीसरी बार है जब भोपाल जिला अदालत में पेशी के लिए जारी किए गए समन की अनदेखी कर कंपनी अदालत में पेश नहीं हुई।
धारा 377 के खिलाफ लामबंद होंगे लैंगिक अल्पसंख्यक

धारा 377 के खिलाफ लामबंद होंगे लैंगिक अल्पसंख्यक

धारा 377 पर संसद में चर्चा तक नहीं हो सकी। भाजपा सांसदों ने विधेयक टेबल तक नहीं होने दिया। गौरतलब है कि गत दिवस लोकसभा में कांग्रेस नेता शशि थरूर ने धारा 377 संशोधन विधेयक पेश किया था। विधेयक को लोकसभा में हार का सामना करना पड़ा। इस विधेयक के खिलाफ 71 और पक्ष में कुल 24 वोट डले। इस दिन को लेस्बियन, गे, बाईसेक्सुअल एंड ट्रांसजेंडर (एलजीबीटी) समुदाय ने काला दिवस बताया।
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