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Search Result : "डॉ. अरुण शर्मा"

राजकोषीय घाटा नहीं, मांग बढ़ाने की चिंता जरूरी: प्रो. अरुण कुमार

राजकोषीय घाटा नहीं, मांग बढ़ाने की चिंता जरूरी: प्रो. अरुण कुमार

जाने-माने अर्थशास्त्री और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के सेवानिवृत प्रोफेसर अरुण कुमार देश में मौजूदा आर्थिक हालात को वैश्विक आर्थिक सुस्ती की देन मानते हैं। उनका यह भी मानना है कि हर सरकार राजकोषीय घाटा कम करने के लिए ही चिंतित रहती है और उसी मुताबिक बजट बनाकर किसी लक्ष्य तक पहुंचने में विफल रहती है। इसे वह गलत धारणा मानते हैं। आउटलुक के राजेश रंजन से बातचीत में उन्होंने रोजगार, घरेलु मांग, विकास दर आदि बढ़ाने पर जोर दिया।
जेटली ने कहा, ईपीएफ पर फैसला बजट पारित होते समय करेंगे

जेटली ने कहा, ईपीएफ पर फैसला बजट पारित होते समय करेंगे

हर महीने थोड़ा-थोड़ा करके जो पैसा आप अपने बुढ़ापे के लिए बचाते हैं उस भविष्य निधि के पैसे पर टैक्स लगाने की मोदी सरकार की घोषणा ने देश के वेतनभोगी तबके को नाराजगी से भर दिया है। इस नाराजगी को देखते हुए केंद्र सरकार अब इस फैसले से पीछे हटने की राह तलाश रही है।
कैंपस से निकली विचारों की आंधी

कैंपस से निकली विचारों की आंधी

छात्र राजनीति का इतिहास बहुत पुराना है। राष्ट्र के नव-निर्माण से लेकर आज तक यह जारी है। हाल में भारत के विश्वविद्यालयों से एक आंधी उठी है जो हो सकता है देश की राजनीति के लिए बवंडर साबित हो
गांव गरीब की मटकी में मीठा, कारोबारियों की थाली में मलाई

गांव गरीब की मटकी में मीठा, कारोबारियों की थाली में मलाई

देश में सरकार की चौतरफा हो रही आलोचना के बीच केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली जब वर्ष 2016-17 का बजट प्रस्तुत करने 29 फरवरी को लोकसभा में खड़े हुए तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पूरी सरकार दम साधे यह देख रही थी आखिर यह बजट उन्हें जनता के बीच खड़े होने का भी मौका देगा या नहीं। लेकिन जेटली सब तय करके बैठे थे और उन्होंने बजट भाषण की शुरुआत ही इन पंक्तियों से करके अपने इरादे जता दिए थे: 'कश्ती चलाने वाले ने जब हार के दी पतवार हमें लहर-लहर तूफान मिले और मौज-मौज मंझधार हमें फिर भी दिखाया है हमने और फिर ये दिखा देंगे सबको इन हालात में आता है दरिया पार करना हमें
चर्चा : मनमोहन के रेगिस्तान में मोदी की नई फसल। आलोक मेहता

चर्चा : मनमोहन के रेगिस्तान में मोदी की नई फसल। आलोक मेहता

मनमोहन सिंह ने आधुनिक अर्थव्यवस्था के नाम पर अपने कदमों से कांग्रेस की जमीन को रेगिस्तान में बदला। नरेन्द्र मोदी की सरकार ने उसी जमीन पर अच्छी फसल के लिए हवा-पानी का इंतजाम नए वित्तीय वर्ष के बजट से कर दिया।
कहानी - दूर है किनारा

कहानी - दूर है किनारा

अंजू शर्मा मूलतः कवयित्री हैं। उनकी कविताएं आसपास की घटनाओं और जीवन के अनुभवों से गुजर कर शब्दों का चोला पहनती हैं। उनकी कविता चालीस साला औरतें पिछले दिनों बहुत चर्चितं रही थी। हाल ही कहानी लिखना शुरू करने वाली अंजू की कहानियों ने अलग मुकाम बना लिया है। सभी प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में कहानियां प्रकाशित।
आर्थिक समीक्षाः जीएसटी पर जोर,  7 से 7.75 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान

आर्थिक समीक्षाः जीएसटी पर जोर, 7 से 7.75 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान

आम बजट से तीन दिन पहले संसद में शुक्रवार को पेश आर्थिक समीक्षा में अगले वित्त वर्ष की आर्थिक वृद्धि 7 से 7.75 प्रतिशत के दायरे में रहने की उम्मीद जताते हुए जीएसटी सहित तमाम आर्थिक सुधारों को आगे बढ़ाने, सब्सिडी कम करने और राजकोषीय अनुशासन के रास्ते पर बने रहने पर जोर दिया गया है।
दुर्गा पर आपत्तिजनक टिप्पणी के लिए माफी मांगें स्मृति: विपक्ष

दुर्गा पर आपत्तिजनक टिप्पणी के लिए माफी मांगें स्मृति: विपक्ष

विपक्षी दलों ने आज राज्यसभा में मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी से सदन के बाहर देवी-देवता के बारे में की गई आपत्तिजनक टिप्पणियों को सदन में पढ़ने के लिए उनसे माफी मांगने को कहा जबकि स्मृति ने अपना बचाव करते हुए कहा कि उनसे जेएनयू छात्रों के खिलाफ उनके बयानों के बारे में प्रमाण देने को कहा गया था।
तेरे बिन ही ठीक थे लादेन

तेरे बिन ही ठीक थे लादेन

इस फिल्म का सीक्वेल देखने के बाद इच्छा होती है कि संविधान में संशोधन कर एक नियम डाला जाए कि पकाऊ सीक्वेल बनाने पर सजा का प्रावधान हो।
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