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Search Result : "तनी हुई रस्सी पर"

कैसे हुई आइएएस रवि की मौत

कैसे हुई आइएएस रवि की मौत

कर्नाटक के ईमानदार आइएएस अफसर डीके रवि की मौत का मामला राज्य की विधानसभा से लेकर देश की संसद तक में गूंज चुका है। राजनीतिक पार्टियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है लेकिन रवि की मौत के राज से अब तक पर्दा नहीं हट पाया है।
नहीं हुई लखवी की रिहाई

नहीं हुई लखवी की रिहाई

जकिउर रहमान लखवी को जेल से उसकी रिहाई के पहले ही लोक सुरक्षा आदेश के तहत और 30 दिनों के लिए हिरासत में ले लिया है।
मुफ्ती के आदेश पर नहीं हुई मसरत की रिहाई?

मुफ्ती के आदेश पर नहीं हुई मसरत की रिहाई?

जम्मू कश्मीर के गृह विभाग द्वारा जम्मू के डीएम को लिखे गए एक पत्र ने कट्टरपंथी अलगाववादी नेता मसरत आलम की रिहाई पर नया विवाद खड़ा कर दिया है। पत्र में दावा किया गया है कि उसकी रिहाई का आदेश इस साल फरवरी में भेजा गया था, जब राज्यपाल एनएन वोहरा राज्य के प्रभारी थे।
टीम अखिलेश फिर हुई सक्रिय

टीम अखिलेश फिर हुई सक्रिय

दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की ऐतिहासिक जीत ने कई सियासी दलों को झटका दे दिया है। आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता दिल्ली में जीत के बाद बिहार, पंजाब और उत्तर प्रदेश में ताल ठोंकने की तैयारी कर रहे हैं।
कैसे हुई सुनंदा की मौत?

कैसे हुई सुनंदा की मौत?

सुनंदा पुष्कर की संदिज्ध मौत का राज गहराता जा रहा है। लेकिन उससे भी बड़ा राज यह है कि आखिर पुलिस विभाग के अधिकारी इस मामले में सही तथ्य क्यों नहीं दे पा रहे हैं। एक साल पुराने इस मामले में दिल्ली पुलिस की जांच पर भी सवाल उठने लगे हैं। क्योंकि पुलिस अभी पूछताछ के अलावा किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी है और मामले को संदिज्ध ही बताया जा रहा है।
आसां हुई दिल की निगरानी

आसां हुई दिल की निगरानी

अमेरिका में भारतीय मूल के चिकित्सक डॉ. जय एस. यादव ने हृदय की निगरानी के लिए एक ऐसा उपकरण बनाया है जो दिल से फेफड़े की ओर जाने वाली धमनी (पल्मोनरी आर्टरी) में रक्त के दबाव की सटीक मॉनिटरिंग करता है और वह भी मरीज के घर में रहने के दौरान।
थाली हुई दादी-नानी की कहानी

थाली हुई दादी-नानी की कहानी

बाजार अब रेडी-टू-ईट यानि फटाफट खाद्य पदार्थों से भरा पड़ा है। मुंबई का बड़ा-पाव से लेकर कुछ भी घर लाओ, गरम करो और खाओ। फ्रोजन मार्केट यानि बर्फ में जमाई खाद्य सामग्री का बाजार तेजी से बढ़ रहा है।
शिशिर की शर्वरी हिंस्र पशुओं भरी

शिशिर की शर्वरी हिंस्र पशुओं भरी

बढ़ती कन्या भ्रूण हत्या के अलावा आउटलुक के अस्तित्व के इन 12 वर्षों में भारतीय समाज की दूसरी हिंसा कृषि संकट और बढ़ते शहरीकरण के प्रसंग में दिखती है। सन 2001 के पूर्ववर्ती दशक में शहरी आबादी 6.18 करोड़ बढ़ी थी जो 2001 से 2011 के बीच 9.1 करोड़ बढ़ी। ग्रामीण आबाद 2001 के पूर्ववर्ती दशक में 11.3 करोड़ बढ़ी थी लेकिन 2001 से 2011 के बीच यह सिर्फ 9.06 करोड़ बढ़ी। यानी शहरी आबादी वृद्धि दर के मुकाबले ग्रामीण आबादी वृद्धि दर कम हुई। यानी आजीविका के अभाव में या विभिन्न परियोजनाओं के चलते बड़ी संख्या में ग्रामीण आबादी उजडक़र शहरों में आई। यह तर्क दिया जा सकता है कि विकास के कारण ग्रामीण आबादी की गतिशीलता बढ़ी और वह शहरों में बेहतर अवसर तलाशने आई इसलिए इसे आपदा-पलायन नहीं कह सकते। लेकिन इस दौरान शहरों में भी संगठित रोजगार घटा यानी गांवों से शहरों में होने वाला आव्रजन आपदा-पलायन ही था। यही कृषि संकट का भी दौर रहा जब देश में बड़े पैमाने पर किसानों ने आत्महत्या की।
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