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Search Result : "तसलीमा नसरीन"

टैगोर और नज़रुल को नृत्य संगीत से श्रद्धांजलि, तसलीमा नसरीन ने सुनाई टैगोर पर अपनी नई कविता

टैगोर और नज़रुल को नृत्य संगीत से श्रद्धांजलि, तसलीमा नसरीन ने सुनाई टैगोर पर अपनी नई कविता

प्रख्यात लेखिका तसलीमा नसरीन ने आज गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर पर एक शानदार  बंगला कविता सुनाकर...
नमाज मस्जिद या ईदगाह में अदा हो, लेकिन बाकी धर्मावलंबियों पर भी यह लागू हो: तस्लीमा नसरीन

नमाज मस्जिद या ईदगाह में अदा हो, लेकिन बाकी धर्मावलंबियों पर भी यह लागू हो: तस्लीमा नसरीन

भारत में रह रहीं बांग्लादेश की निर्वासित लेखिका तस्लीमा नसरीन ने मस्जिद या ईदगाह से बाहर नमाज पढ़ने...
‘तसलीमा-रुश्दी नहीं दिखेंगे अगले लिटफेस्ट के मंच पर’

‘तसलीमा-रुश्दी नहीं दिखेंगे अगले लिटफेस्ट के मंच पर’

जयपुर साहित्य महोत्सव में बांग्लादेशी लेखिका तसलीमा नसरीन के बोलने का विरोध होने के बाद आयोजकों ने कहा कि उन्हें पुन: आमंत्रित नहीं करने के प्रदर्शनकारियों के अनुरोध पर विचार होगा। जब कि मेहरूनिसा के मुताबिक उन्हें व रुश्दी को मंच नहीं दिया जाएगा।
सेंसरशिप का सबसे बुरा रूप स्व सेंसरशिप : तसलीमा नसरीन

सेंसरशिप का सबसे बुरा रूप स्व सेंसरशिप : तसलीमा नसरीन

कई मौकों पर कट्टपंथियों के गुस्से का सामना कर चुकीं जानी मानी बांग्लादेशी लेखिका तसलीमा नसरीन का मानना है कि सेंसरशिप का सबसे बुरा रूप स्व सेंसरशिप है। बांग्लादेश में लेखकों, अल्पसंख्यक समुदाय के नेताओं और नास्तिक ब्लाॅगरों के खिलाफ बढ़ते हमलों पर तसलीमा ने कहा कि घातक परिणामों से बचने के लिए अब कई लेखक स्व सेंसरशिप अपनाने को मजबूर हो गए हैं।
सबसे सुरक्षित और सच्चा धर्मनिरपेक्ष देश है भारत : तस्लीमा

सबसे सुरक्षित और सच्चा धर्मनिरपेक्ष देश है भारत : तस्लीमा

मशहूर बांग्लादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन ने साफ कहा है कि भारत उनका घर है और उनके पास अपना शेष जीवन निर्वासन में बिताने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है।
सबसे सुरक्षित और सच्चा धर्मनिरपेक्ष देश है भारत: तस्लीमा नसरीन

सबसे सुरक्षित और सच्चा धर्मनिरपेक्ष देश है भारत: तस्लीमा नसरीन

निर्वासन के तहत भारत में रह रहीं मशहूर बांग्लादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन ने कहा है कि भारत सबसे सुरक्षित और सच्चा धर्मनिरपेक्ष मुल्क है।
मुस्लिम अभिभावक अपने बच्‍चों के मानसिक विकास पर दें ध्‍यान

मुस्लिम अभिभावक अपने बच्‍चों के मानसिक विकास पर दें ध्‍यान

अब समय आ गया है कि इस्‍लाम के ऐसे विचार और उनके अनुसरण को रोका जाए, जो धर्म के नाम पर हिंसा और मारकाट को बढ़ावा दे रहे हैं। कटटरपंथी बनने की बजाए मुस्लिम युवाओं को ऐसी शिक्षा दी जाए ताकि उनके मन में एक अच्‍छे और उदार मुस्लिम बनने की भावना पैदा हो। यह काम अभिभावक, शिक्षक और मुस्लिम विद़वान मिल-जुलकर कर सकते हैं। मुस्लिम अभिभावक अपने बच्‍चों के मानसिक विकास पर ध्‍यान दें।
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