पाकिस्तान उच्चायोग अब्दुल बसीत ने 23 मार्च को अपने देश के राष्ट्रीय दिवस पर हुर्रियत नेताओं को दावत दी कि मीडिया के एक हिस्से ने इसे द्विपक्षीय वार्ताओं से कश्मीरी अलगाववादी नेताओं को अलग रखने के भारत-पाक करार का पुन: उल्लंघन बताया। लेकिन सरकारी प्रतिक्रिया को देखें तो असहज होते हुए भी भारत सरकार के लिए यह मसला इतना बड़ा नहीं है कि पाकिस्तान के साथ बातचीत फिर स्थगित कर दी जाए।
पाकिस्तान के राष्ट्रीय दिवस पर आयोजित पार्टी में पहुंचे केंद्रीय मंत्री रिटायर्ड जनरल वीके सिंह ने ट्वीट के जरिए जो गुस्सा निकाला वह मीडिया के लिए नहीं बल्कि नरेंद्र मोदी की सरकार पर भी है। क्योंकि वीके सिंह को ऐसे समय में उस कार्यक्रम में जाने के लिए कहा गया जिसके लिए वह तैयार नहीं थे और मीडिया में सरकार की जगह सिंह की किरकिरी हुई।
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद ने सोमवार को कहा कि पाकिस्तान को राज्य में सीमा पार से घुसपैठ पर रोक लगाने के लिए कहा जाना चाहिए क्योंकि शांति के लिए यह आवश्यक है। इसके एक दिन पहले ही उन्होंने पाकिस्तान को आतंकवादियों पर काबू पाने के लिए कहा था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि पाकिस्तान के साथ सभी लंबित मुद्दों को आतंक और हिंसा मुक्त माहौल में द्विपक्षीय बातचीत के जरिए सुलझाया जा सकता है।
कश्मीर के अलगाववादी हुर्रियत नेताओं के पाकिस्तानी उच्चायुक्त अब्दुल बासित से यहां मुलाकात को लेकर भारत और पाकिस्तान में सोमवार फिर वाद-विवाद शुरू हो गया और भारत ने स्पष्ट किया कि किसी तीसरे पक्ष के लिए कोई भूमिका नहीं है।
पाकिस्तान के राष्ट्रीय दिवस पर आयोजित पार्टी में पहुंचे रिटायर्ड जनरल वीके सिंह ने वहां से निकलने के बाद गुस्से के अंदाज में एक के बाद एक ट्वीट कर अपनी नाराजगी जाहिर की। सिंह ने कुल छह ट्वीट किए जिनमें तीन ट्वीट में कर्तव्य के बारे में बताया है और तीन ट्वीट में वितृष्णा की परिभाषा दी है।