वैश्विक रेटिंग एजेंसी फिच ने मंगलवार को कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था चालू वित्त वर्ष में 7.1 प्रतिशत की दर से वृद्धि करेगी जबकि अगले दो वित्त वर्ष में यह बढ़कर 7.7 प्रतिशत तक रहेगी।
नोटबंदी की वजह से आर्थिक गतिविधियों के बुरी तरह प्रभावित होने की आशंकाओं को दरकिनार करते हुए चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 7 प्रतिशत रही है, जबकि पूरे वर्ष की वृद्धि का दूसरा अग्रिम अनुमान भी 7.1 प्रतिशत पर पूर्ववत रहा है। आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने इन आंकड़ों पर कहा कि ये आंकड़े पिछले वित्त वर्ष के ऊचे आधार प्रभाव की वजह से हैं और इनमें नोटबंदी का अधिक नकारात्मक प्रभाव नहीं दिख रहा है।
पेप्सिको की भारतीय मूल की सीईओ इंदिरा नूई ने कहा है कि वर्ष 2016 की अंतिम तिमाही में भारत में कंपनी का कारोबार विशेष तौर पर प्रभावित हुआ है और इसका असर अभी भी बना हुआ है। दिसंबर 2016 में खत्म हुई अंतिम तिमाही में प्राप्त मुनाफे के बारे में नूई ने कहा, नोटबंदी से लगभग पूरा उद्योग जगत, खासकर डिब्बाबंद उपभोक्ता सामान वाला क्षेत्रा प्रभावित हुआ है।
नोटबंदी से बने गतिरोध की वजह से भारत की सकल घरेलू उत्पाद :जीडीपी: वृद्धि अक्तूबर-दिसंबर तिमाही में करीब 6 प्रतिशत रह सकती है जबकि जनवरी-मार्च तिमाही में यह और धीमी पड़कर 5.7 प्रतिशत रह सकती है। नोमुरा की रिपोर्ट में यह अनुमान व्यक्त किया गया है।
रिलायंस इंडस्ट्रीज का एकीकृत शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष 2016-17 की तीसरी तिमाही में 3.6 प्रतिशत बढ़कर 7,506 करोड़ रुपये रहा। कंपनी ने एक बयान में कहा कि इससे पूर्व वित्त वर्ष 2015-16 की इसी तिमाही में कंपनी का शुद्ध लाभ 7,245 करोड़ रुपये था।
देश की दूसरी सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी इंफोसिस का एकीकृत शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष की अक्तूबर-दिसंबर तिमाही में सात प्रतिशत बढ़कर 3,708 करोड़ रुपये रहा।