सरकारी तेल कंपनियों ने 15 अगस्त की रात से पेट्रोल और डीजल की कीमत में कटौती कर दी है। पेट्रोल एक रुपये प्रति लीटर जबकि डीजल के दाम में दो रुपये प्रति लीटर की कटौती की गई।
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने कहा है कि आम निवेशकों से अवैध रूप से धन (जमाएं) जुटाने पर उसी समय काबू पाने की जरूरत है जबकि यह अपराध हो रहा हो क्योंकि एेसी कंपनियां पैसा जुटा लेने के बाद रातों रात गायब हो जाती हैं।
आनलाइन कारोबार करने वाली कंपनियों को अब अपनी वेबसाइट पर सरकार के साथ पंजीकरण का पूरा ब्योरा के साथ उस व्यक्ति के बारे में सूचना देनी होगी, जिससे शिकायतों या सवाल के लिये संपर्क किया जा सके।आनलाइन प्लेटफार्म समेत धोखाधड़ी वाली गतिविधियों से लोगों के साथ ठगी के मामले सामने आने के बाद सरकार ने यह कदम उठाया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को महंगाई सेे निजात कब दिलाएंगे। प्रधानमंत्री मोदी महंगाई को कम करने की कोई निश्चित तारीख देश को दें। यह कहना है कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी का, जिन्होंने लोकसभा में गुरुवार को महंगाई को लेकर पीएम मोदी पर जमकर निशाना साधा। मोदी के पुराने भाषणों का जिक्र करते हुए राहुल ने कहा कि पीएम मोदी यूपीए शासन के दौरान महंगाई पर जोरदार हमला बोलते थे। डायलाग मारते थे। जबकि अब उनके हाथ में सत्ता है तब भी वह महंगाई को काबू नहीं कर पा रहे हैं। उनके शासन में तो महंगाई ने देश का दम निकाल कर रख दिया है। राहुल गांधी ने कहा कि मोदी सरकार को देश के किसानों को नहीं भूलना चाहिए।
दुनिया की बड़ी कंपनियों की फॉर्च्यून 500 सूची में सात भारतीय कंपनियां जगह पाने में कामयाब रही हैं। इनमें इंडियन ऑयल कार्पोरेशन का स्थान सबसे ऊपर रहा है, जबकि ओएनजीसी सूची में स्थान बनाने में नाकाम रही।
बंबई शेयर बाजार की सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) गुरुवार को 107 लाख करोड़ रुपये के सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गया। सुबह के कारोबार में एक समय बंबई शेयर बाजार की सभी सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण1,07,00,756 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
रिजर्व बैंक के गवर्नर ने स्पष्ट शब्दों में चुनौती दी है कि ‘बताएं महंगाई कहां कम हुई है?’ सरकार के नेता और उनके कई समर्थक तर्क देते हैं कि ‘राजन द्वारा ब्याज दरों को ऊंचा रखने की नीति अपनाने से विकास की संभावनाओं पर बुरा असर पड़ा। लेकिन महंगाई कम हुई है।’
देश में पिछले दो सालों में खाने पीने की चीजों के दामों में बेेतहाशा बढ़ोतरी हुई है। लोग इसका रोना भी रो रहे हैं। लेकिन रोजमर्रा के उपयोग की इन वस्तुओं के दामों में कोई कमी नहीं आई। इन सबके बीच शिक्षा पर भी महंगाई की मार पड़ी है। पिछले दो सालोंं में स्कूलों की फीस और शिक्षण सामग्री भी महंगी हुई है।
ब्रिटेन की तेल खोज एवं उत्खननकर्ता कंपनी केयर्न एनर्जी ने भारत में अपनी इकाई के खिलाफ पिछली तारीख से कर लगाने के नोटिस को लेकर भारत सरकार से 5.6 अरब डॉलर के मुआवजे की मांग की है। भारत सरकार की ओर से 29,047 करोड़ रुपये की यह कर मांग 10 साल पुराने मामले से संबंधित है। इसमें 10,247 करोड़ रुपये की मूल कर मांग और 18,800 करोड़ रुपये ब्याज शामिल है।