केंद्रीय जलसंसाधन मंत्री उमा भारती ने कहा है वह राम मंदिर के लिए जेल क्या फांसी पर भी लटकने को तैयार हैं। भारती ने लखनऊ में शनिवार को यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से मुकाकात की और कहा कि योगी जी का सीएम बनना एक युग परिवर्तन है।
अयोध्या के विवादित स्थल मामले में सभी पक्षों को आपसी बातचीत से मसला सुलझाने के उच्चतम न्यायालय के सुझाव पर बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी :बीएमएसी: ने कहा कि प्रधान न्यायाधीश की मध्यस्थता में वह संवाद करने को तैयार हैं, लेकिन पूर्व के अनुभवों को देखते हुए इस मामले का हल आपसी बातचीत से होना मुमकिन नहीं है।
वित्त मंत्रालय ने आज कहा कि पिछली रात अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा नीतिगत ब्याज दरों में की गई 0.25 प्रतिशत की वृद्धि के लिए भारतीय बाजार पहले से ही तैयार हैं।
देश की साधारण बीमा कंपनियां अपने कारोबार के कई क्षेत्रों में दावा निपटान में लगातार बढ़ते घाटे और ब्याज दरों में गिरावट जैसे कारणों से कुछ खंडों में बीमा प्रीमियम की दरें 10-15 प्रतिशत तक बढ़ाने की योजना बना रही हैं ताकि उनका कारोबार लाभदायक बना रहे। ब्याज दरें घटने से इन कंपनियों की निवेश आय भी प्रभावित हो रही है।
पाकिस्तान के 39 कैदियों को रिहा करने के बाद आगे और सौहार्द्रपूर्ण संबंध बनाने की दिशा में भारत सक्रिय हो गया है। इसी क्रम में भारत अब पाकिस्तान के साथ सिंधु जल पर बातचीत को तैयार हो गया है। मीडिया की माने तो स्थायी सिंधु आयोग की बैठक इस महीने लाहौर में होने वाली है। भारत इस बैठक का हिस्सा हो सकता है।
बसपा सुप्रीमो मायावती पृथक बुंदेलखंड राज्य की वकालत करती हैं तो वहीं भाजपा की नेता और केंद्रीय मंत्री उमा भारती पृथक बुंदेलखंड राज्य को बेतुका मानती हैं। उमा की दलील है कि बुंदेलखंड का जो क्षेत्र मध्य प्रदेश में आता है, वह पृथक राज्य के लिए तैयार नहीं है।
बाबा रामदेव ने दोबारा जोर देकर कहा है कि 2000 का नोट देश के लिए घातक है, नुकसानदायक है क्योंकि आर्थिक और राजनीतिक अपराध में ऐसी ही बड़ी करेंसी उपयोग में आती है। वो नर्मदा सेवा यात्रा में हिस्सा लेने भोपाल आए थे।
उच्चतम न्यायालय ने मानसिक बीमारियों से ग्रस्त लोगों को उपचार के बाद अस्पताल से छुट्टी देने की बजाय उनके लिए एकीकृत राष्टीय नीति तैयार करने पर आज जोर दिया। प्रधान न्यायाधीश जगदीश सिंह खेहर, न्यायमूर्ति एन वी रमण और न्यायमूर्ति धनंजय वाई चंद्रचूड की खंडपीठ ने वकील जी के बंसल की जनहित याचिका का दायरा बढाते हुये इस संबंध में सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों से जवाब मांगा है। जनहित याचिका में उत्तर प्रदेश के विभिन्न मानसिक रोगी अस्पतालों से करीब 300 व्यक्तियों को छुट्टी का मामला उठाते हुए आरोप लगाया गया था कि उपचार के बावजूद वे अभी भी अस्पतालों में हैं और इनमें से अधिकांश समाज के गरीब तबके के हैं।