चार टेस्ट मैचों की सीरीज के मोहाली में चल रहे पहले टेस्ट मैच में भारत ने दक्षिण अफ्रीका को 108 रनों से हरा दिया है। इस जीत के साथ भारत ने सीरीज में अपनी बढ़त बना ली है।
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मोहाली में खेले जा रहे पहले टेस्ट मैच के पहले दिन बल्लेबाज फिरकी के जाल में बुरी तरह उलझे नजर आए। टॉस जीतने के बाद भारत की शुरुआत बेहद खराब रही और पूरी टीम 201 रनों पर सिमट गई। इसके जवाब में अश्विन और रवींद्र जडेजा ने दक्षिण्ा अफ्रीका को भी शुरुआत में ही झटके दे दिए। दिन का खेल खत्म होने तक दक्षिण अफ्रीका के 28 रन पर दो विकेट गिर चुके हैं।
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीसरे एकदिवसीय मैच के बाद से ही सोशल मीडिया पर यह चर्चा जोर-शोर से चलने लगी, 'अरे भाई, धोनी के साथ नहीं खेलना है तो साफ मना कर दो, मैदान पर इस तरह खेलकर क्यों टीम की लुटिया डूबा रहे हो?’
पांचवें और आखिरी एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच में दक्षिण अफ्रीका के 438 रन के विशाल स्कोर के आगे भारतीय टीम ने घुटने टेके। घरेलू मैदान पर भारत की सबसे बड़ी हार।
सह शिक्षा के इस्लामिक सिद्धांतों के अनुकूल ना होने की बात कहते हुए पाकिस्तान के एक धार्मिक संगठन ने सरकार से जल्द से जल्द पुरुषों एवं महिलाओं के लिए अलग-अलग शिक्षा तंत्र स्थापित करने को कहा है।
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मौजूदा एक दिवसीय क्रिकेट श्रृंखला में खराब फार्म से जूझ रहे सुरेश रैना का बचाव करते हुए कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने उसे बड़े शाट्स खेलने से पहले क्रीज पर खुद को थोड़ा समय देने की सलाह दी है।
राजकोट में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीसरे एकदिवसीय मैच में हार्दिक पटेल के व्यवधान डालने की धमकी को देखते हुए गुजरात में सत्तारूढ़ दल के कार्यकर्ताओं ने लगभग 20 हजार टिकट खरीद लिए हैं। पटेल समुदाय के लिए आरक्षण की मांग के लिए आंदोलन कर रहे नेता हार्दिक पटेल ने आरोप लगाया है कि पटेल समुदाय को टिकट नहीं बेचे जा रहे हैं।
रोहित शर्मा के शतक के बावजूद कानपुर में खेले गए पहले वनडे मैच में दक्षिण अफ्रीका ने भारत को पांच रनों से हार दिया। पिछले 10 दिन में यह दूसरा मौका है जब रोहित के शतक के बावजूद भारत को शिकस्त का सामना करना पड़ा है। दक्षिण अफ्रीका ने भारत के सामने जीत के लिए 304 रनों का लक्ष्य रखा था जिसके जबाव में भारत निर्धारित 50 ओवर में 7 विकेट पर 298 रन ही बना पाया। इस हार के साथ कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी और टीम में उनकी जगह पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
एनजीओ भारतीय जैन संगठन (बीजेएस) ने नेपाल में 100 स्वास्थ्य केंद्रों के निर्माण की योजना बनाई थी। लेकिन अब उसने अपना काम बंद कर दिया है क्योंकि वहां के प्रशासन ने कड़ी शर्तों को हटाने से इंकार कर दिया।
हाल ही में दिल्ली से सटे दादरी में हुई हिंसा समेत देश भर में अल्पसंख्यकों और दलितों पर हो रहे हमलों के खिलाफ मुस्लिम और नागरिक अधिकार संगठनों ने एकजुट होकर कहा ‘फासीवादी ताकतों के खिलाफ मरते-मरते भी लड़ाई जारी रखेंगे लेकिन इंशा अल्लाह मुल्क नहीं बंटने देंगे।’ मौका था जंतर-मंतर पर सांप्रदायिक और जातिगत हमलों के खिलाफ आयोजित प्रदर्शन का। गौरतलब है कि बीते दिनों दादरी में अखलाक अहमद नामक व्यक्ति के घर में गोमांस होने की अफवाह फैलाई गई, जिसके बाद हिंदू कट्टरपंथियों की भीड़ ने पीट-पीट कर अखलाक को मार दिया और उनके बेटे दानिश को बुरी तरह से घायल कर दिया।