शेयर बाजार बीएसई और एनएसई ने भारतीय स्टेट बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, एक्सिस बैंक और यस बैंक से डेबिट कार्ड डाटा चोरी के मुद्दे पर स्पष्टीकरण मांगा है।
उत्तर प्रदेश का चुनाव जैसे जैसे नजदीक आते जा रहा है राजनीति भी अपना गजब रंग दिखाते जा रही है। राजनीतिक दलों के नेताओं के बयान आने वाली तस्वीर पेश कर रहे हैं। इसी क्रम में बसपा के राष्ट्रीय महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने बरेली में कहा है कि जिस दिन दलित-मुस्लिम एक हो जाएंगे, उस दिन हिंदुस्तान पर मुसलमानों की हुकूमत होगी।
राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के पूर्व अध्यक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी एल पूनिया ने मोदी सरकार में दलितों पर अत्याचार के मामले बढ़ने का आरोप लगाते हुए आज कहा कि भाजपा का दलित प्रेम सिर्फ दिखावा है क्योंकि यह पार्टी दलित समुदाय से जुड़े असली मुद्दों पर आंख मूंद लेती है।
भारतीय बैंकिंग क्षेत्र को प्रभावित करने वाली अपनी तरह की सबसे बड़ी डेटा सुरक्षा में सेंधमारी की घटना से सार्वजनिक व निजी क्षेत्र के अनेक बैंकों के 32 लाख से अधिक डेबिट कार्ड प्रभावित होने की आशंका है। डेटा में यह सेंध कुछ एटीएम प्रणालियों में साइबर मालवेयर हमले के रूप में हुई है। हालांकि, सरकार ने लोगों से कहा है कि वे घबरायें नहीं।
गुजरात के दलित समुदाय के 200 से अधिक लोगों ने विजयादशमी के मौके पर बौद्ध संगठनों द्वारा आयोजित तीन अलग-अलग कार्यक्रमों में बौद्ध धर्म अपनाया। वहीं राज्य के 90 अन्य लोगों ने नागपुर में धर्मांतरण किया और इस तरह कुल 300 से अधिक दलितों ने बौद्ध धर्म को ग्रहण किया।
दलित नेता एवं उत्तर पश्चिम दिल्ली से भाजपा सांसद उदित राज ने निजी क्षेत्र और पदोन्नति में आरक्षण के लिए कानून बनाने की मांग करते हुए अनुसूचित जाति-जनजाति संगठनों के अखिल भारतीय परिसंघ की ओर से देशव्यापी आंदोलन चलाने और 28 नवंबर को दिल्ली के रामलीला मैदान में रैली करने का ऐलान किया।
गुजरात में गाय को लेकर दलितों की पिटाई का एक और मामला सामने आया है। कुछ लोगों ने मरी हुई गाय का शव उठाने से इंकार करने पर एक दलित परिवार की पिटाई की। जिस परिवार की पिटाई हुई उसमें एक प्रेग्नेंट महिला भी शामिल थी। यह मामला शनिवार को सामने आया है। पुलिस ने इस मामले में 6 लोगों को गिरफ्तार किया।
मुस्लिम, ईसाई और दलित संगठनों ने राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी से अनुरोध किया है कि वह कमजोर तबकों के लोगों की संवैधानिक अधिकारों की रक्षा करने में प्रभावी भूमिका निभाएं। इन समुदायों का कहना है कि केंद्र मे एनडीए सरकार और कुछ राज्यों में भाजपा सरकारों के आने के बाद से बड़े पैमाने पर इस समुदायों के मौलिक अधिकारों का हनन हुआ है।