नोबल पुरस्कार विजेता और बच्चों के हक की लड़ाई लड़ने वाले कैलाश सत्यार्थी ने देश में बढ़ रहे बाल यौन उत्पीड़न और ट्रैफिकिंग के खिलाफ युद्ध स्तर पर लड़ाई छेड़ने का एलान किया है। वह लोगों में जागरुकता पैदा करने के लिए 11 सितंबर से कन्याकुमारी से भारत यात्रा शुरू करेंगे। यह यात्रा विभिन्न हिस्सों से होते हुए 16 अक्तूबर को दिल्ली में समाप्त होगी। करीब एक करोड़ लोगों को इस मुहिम से जोड़ा जाएगा।
दहेज प्रताड़ना मामलो पर सुप्रीम कोर्ट ने अहम निर्देश दिए हैं। अब दहेज प्रताड़ना का कोई भी केस आते ही पति या ससुराल पक्ष के लोगों की एकदम से गिरफ्तारी नहीं होगी।
एक पाकिस्तानी नागरिक द्वारा इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग पर उसकी भारतीय पत्नी को अगवा करने का आरोप लगाने के मामले में एक नया मोड़ आया है। उस भारतीय महिला उज्मा ने पाकिस्तानी नागरिक ताहिर खान पर यौन उत्पीड़न और बंदूूूक की नोक पर निकामनामे पर दस्तखत कराने का आरोप लगाया है।
राजस्थान के कोटपूतली में लीला राम गुर्जर नाम के एक चाय वाले को दहेज के तौर पर 1 करोड़ 51 हजार रुपये देने के खिलाफ आयकर विभाग ने नोटिस जारी किया है। चाय वाले ने अपनी 6 बेटियों की शादी में ये रकम दहेज के तौर पर दी थी। लीला राम की बेटियों की शादी चार अप्रैल को हुई थी। शादी के बाद विदाई के समय दिए जा रहे डेढ़ करोड़ रुपये का वीडियो जब वायरल हुआ तो ये मामला सामने आया। वीडियो वायरल होने के बाद चाय वाले का पूरा परिवार घर से गायब हो गया, लेकिन आयकर विभाग के अधिकारियों ने उसके घर पर नोटिस लगा दिया है।
रोजमर्रा के जीवन में मोबाइल फोन की बढ़ती दखल अब मौत तक जा पहुंची है। खुदकुशी से पहले सुसाइड वीडियो बनाकर अपनेे अंतिम बयान को दर्ज करने का चलन जोर पकड़ने लगा है। दहेज की वजह से परेशान हैदराबाद की अंजुम फैजान नामक महिला ने आत्महत्या से पहले मोबाइल पर वीडियो बनाया और फिर खुदकुशी कर ली। अंजुम ने बयान में कहा, ‘ये मेरा सुसाइड नोट है, मां मुझे माफ कर देना, खुदा हाफिज…। इस बयान में अंजुम ने अपने ससुराल और अपने शौहर पर दहेज प्रताड़ना का आरोप लगाया है।
उत्तर प्रदेश के भदोही में भाजपा और बसपा समर्थकों के बीच मंगलवार देर रात मारपीट के मामले में भाजपा प्रत्याशी समेत तीन लोगों पर दलित उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज किया गया है।
‘भारत में वर्ष 2014 के बाद नाटकीय रूप से घृणा अपराधों, सामाजिक बहिष्कार और जबरन धर्मांतरण बढ़ गया है जिससे धार्मिक अल्पसंख्यक समुदायों और दलितों को भेदभाव और उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है।’ अमेरिका की एक स्वतंत्र संस्था ने अपनी 22 पेजी रिपोर्ट में यह दावा किया है।