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निर्भया कांड: दोषी को उसके गांव में नहीं घुसने देंगे गांव वाले

निर्भया कांड: दोषी को उसके गांव में नहीं घुसने देंगे गांव वाले

निर्भया के साथ दरिंदगी के आरोप में तीन साल की सजा भुगतने के बाद रिहा हो रहे किशोर की सजा बढ़ाने की पुरजोर मांगों के बीच बदायूं स्थित उसके गांव में एक पक्ष उसके गांव में दाखिल होने का विरोध करने की तैयारी में है। इस बीच दोषी की रिहाई को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शन को देखते हुए सुरक्षा कारणों से उसे बाल सुधार गृह से किसी दूसरी जगह पर शिफ्ट कर दिया गया है।
पंजाब में अंग प्रत्यारोपण होगा आसान

पंजाब में अंग प्रत्यारोपण होगा आसान

पंजाब सरकार बहुत जल्द राज्य में मानव अंग प्रत्यारोपण अधिनियन (ऑर्गेन ट्रांसप्लांट एक्ट) लागू करने जा रही है। राज्य के चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान मंत्री अनिल जोशी के अनुसार भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से वर्ष 1994 में मानव अंग प्रत्यारोपण अधिनियम बनाया गया था, जिसे पंजाब सरकार ने भी लागू किया था लेकिन इस संबंध में वर्ष 2011 का संशोधित अधिनियम और वर्ष 2014 के नियम राज्यों को लागू करना अनिवार्य नहीं था। अब राज्य सरकार वह करने जा रही है। गौरतलब है कि पंजाब मानव अंगों की तस्करी की वजह से अक्सर सुर्खियों में रहा है। जोशी के अनुसार समय की मांग अनुसार इस अधिनियम में कई बार संशोधन किए गए थे क्योंकि अंग प्रत्यारोपण जान बचाने के लिए एक बहुत कारगर प्रयास साबित हुआ है। उनका कहना है कि इस समय किडनी, आंखें और लीवर आदि प्रत्यारोपित कर हजारों जानें बचाई जा रही हैं।
तेजाब कांड में 11 साल बाद शहाबुद्दीन को उम्र कैद

तेजाब कांड में 11 साल बाद शहाबुद्दीन को उम्र कैद

राजद के पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन और तीन अन्य दोषियों को बिहार के सीवान जिले में 11 वर्ष पहले तेजाब डालकर दो भाइयों की नृशंस हत्या के मामले में एक जिला अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
गोमूत्र से शुद्धिकरण को लेकर दादरी पर राजनीति

गोमूत्र से शुद्धिकरण को लेकर दादरी पर राजनीति

दिल्ली से कुछ किलोमीटर दूर सटे दादरी के गांव बिसाहड़ा को लेकर फिर से राजनीति गरमा गई है। यह वही बिसाहड़ा है जहां बीते दिनों गोमांस की झूठी अफवाह पर गांव के मोहम्मद अखलाक की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई थी और इनके बेटे दानिश को बुरी तरह जख्मी कर दिया गया था। अखलाक की मौत के बाद इस मुद्दे पर खूब हंगामा हुआ।
वीके सिंह के बयान पर राहुल ने संसद में किया पलटवार

वीके सिंह के बयान पर राहुल ने संसद में किया पलटवार

राहुल गांधी ने असहिष्णुता के मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए पिछले दिनों विदेश राज्य मंत्री वी के सिंह के दिए एक बयान का जिक्र किया। राहुल ने कहा, सरकार के एक मंत्री दलितों की तुलना कुत्ते से करते हैं और प्रधानमंत्री मोदी उन्हें अपनी सरकार में मंत्री बनाए रखते हैं।
रिहाई के बाद भी रहे यौन अपराधियों पर नजरः मेनका

रिहाई के बाद भी रहे यौन अपराधियों पर नजरः मेनका

निर्भया सामूहिक बलात्कार कांड में अपराधी ठहराए गए किशोर आरोपी की रिहाई को नजदीक देखते हुए केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने आज कहा कि उन्होंने गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर मांग की है कि यौन अपराधों के आरोपी और इन मामलों में सजा काट चुके अपराधियों के एक बार कारागार से रिहा होने के बाद भी उन पर कड़ी नजर रखी जाए।
क्या वाकई थम गई पुरस्कार वापसी मुहिम?

क्या वाकई थम गई पुरस्कार वापसी मुहिम?

बिहार चुनाव के नतीजे आने का बाद सोशल मीडिया पर इन दिनों एक कविता काफी प्रसारित हो रही है। इस कविता में कहा जा रहा है कि अब कहीं से भी गोमांस, सम्मान वापसी, अरहर दाल की बढ़ती कीमतों को लेकर कोई बयान नहीं आ रहा है। यह सवाल खड़ा होता है कि क्या ऐसा सहिष्णुता की वजह से है या ऐसा बिहार का चुनाव खत्म हो जाने की वजह से है। स्पष्ट तौर पर यह आरोप लगता रहा है कि लेखकों, कलाकारों और वैज्ञानिकों द्वारा जो पुरस्कार लौटाए जा रहे थे वह बिहार चुनावों को प्रभावित करने की एक पूर्वनियोजित साजिश थी। इस संबंध में आरएसएस का मानना है कि पुरस्कार वापसी की मुहीम राजनीतिक ताकतों के हित में बहुत सलीके से संयोजित की गई थी। केंद्रीय मंत्री जनरल वी के सिंह ने तो यहां तक कहने में भी गुरेज नहीं किया कि पुरस्कार वापसी के इस मुहिम में बहुत ज्यादा पैसा सम्मिलित था। जो कुछ भी हुआ, यह उसकी पूरी तरह से एक प्रायोजित और विकृत व्याख्या है।
अब बोलीं निरंजना, गाय के अलावा खाने के लिए बहुत कुछ है

अब बोलीं निरंजना, गाय के अलावा खाने के लिए बहुत कुछ है

केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजना ज्योति ने गोवध पर प्रतिबंध लगाने को राज्य सरकारों का कर्तव्य बताते हुए कहा है कि इस देश में गाय के अलावा खाने को बहुत सी चीजें हैं। कोलकाता में गोवध और गोमांस के उपभोग के बारे में ज्योति ने कहा, ऐसी चीजें नहीं होनी चाहिए। यदि आप हमसे सम्मान चाह रहे हैं तो आपको पहले हमारा सम्मान करना भी सीखना चाहिए।
‘खेर के मार्च को दादरी कांड-कुलबर्गी की हत्या के समर्थन में माना जाए?’

‘खेर के मार्च को दादरी कांड-कुलबर्गी की हत्या के समर्थन में माना जाए?’

देश में बढ़ रही असहिष्णुता के खिलाफ पुरस्कार लौटाने वाले फिल्मकारों और साहित्यकारों के खिलाफ फिल्म अभिनेता और भाजपा समर्थक अनुपम खेर आज राष्ट्रपति भवन तक मार्च का नेतृत्व कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर हैशटैग ‪#‎MarchForIndia टॉप ट्रेंड कर रहा है। खेर का कहना है कि पुरस्कार लौटाने वालों ने न केवल सरकार का बल्कि दर्शकों और ज्यूरी का भी अपमान किया है। खेर के साथ फिल्म जगत की कई और हस्तियां और साहित्यकार भी मार्च में हिस्सा लेंगे। सोशल मीडिया पर अनुपम खेर समेत इन फिल्मकारों और साहित्यकारों के बारे में कुछ ऐसा लिखा गया-
गायें फिर से पशु हो जाना चाहती हैं !

गायें फिर से पशु हो जाना चाहती हैं !

गाय को पवित्र कब से माना गया और क्यों माना गया, यह व्यापक विवाद और विमर्श का विषय है। इस बात पर भी भयंकर मतभेद है कि प्राचीन सभ्यताएं गोमांस को स्वीकृति देती थीं और भारत के आदिकालीन निवासी अपने खान-पान में उसे शामिल करते थे। आर्ष ग्रंथों में आई उन बातों को भी अब कोई नहीं सुनता है कि किसी जमाने में गौमेध यज्ञ भी हुआ करते थे। अब जब गाय को पवित्र मान कर उसे मां का दर्जा दे ही दिया गया है और उसे आस्था की वस्तु बनाकर आलोचना से परे रख दिया गया है तो उस पर बहस की कोई गुंजाईश रही ही कहां है। अब तो ‘वन्दे धेनुमातरम‘ और ‘जय गोमाता‘ कहो, गोकथा कराओ, गोदूध महोत्सव मनाओ, गोशाला चलाओ, गोमंदिर बनाओ, गोकुल धाम निर्मित करो और गोअनुसंधान एवं गोरक्षा के नाम पर तरह-तरह के संगठन और सेनाएं बनाकर जमकर हंगामा मचाओ। आज गाय के नाम पर सब कुछ जायज है क्योंकि गाय हमारी माता है, गाय की रक्षा करना हमारा धर्म है, यह पुण्य का काम है।
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