Advertisement

Search Result : "दादरी कांड"

रोहतक सामूहिक दुष्कर्म के सात दोषियों को सजा-ए-मौत

रोहतक सामूहिक दुष्कर्म के सात दोषियों को सजा-ए-मौत

पिछले साल रोहतक के बहुअकबरपुर में एक नेपाली युवती से सामूहिक दुष्कर्म के मामले में स्‍थानीय अदालत ने सात दोषियों को फांसी की सजा सुनाई है। युवती का शव 4 फरवरी को बहुअकबरपुर के पास खेतों में क्षत-‌विक्षत अवस्‍था ‌में मिला था और उसके साथ नौ लोगों द्वारा बलात्कार की पुष्टि हुई थी। इन दोषियों में से एक ने आत्महत्या कर ली थी जबकि एक आरोपी नाबालिग है।
निर्भया कांड: दोषी की रिहाई पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

निर्भया कांड: दोषी की रिहाई पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

दिल्‍ली महिला आयोग ने निर्भया कांड के नाबालिग दोषी की रिहाई रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने विशेष अनुम‍ित याचिका पर अविलंब सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया था। इस याचिका पर आज सुनवाई होगी।
निर्भया कांड का दोषी रिहा, इंडिया गेट पर विरोध-प्रदर्शन

निर्भया कांड का दोषी रिहा, इंडिया गेट पर विरोध-प्रदर्शन

निर्भया कांड के वक्‍त नाबालिग रहे दोषी को आखिरकार रिहा कर दिया गया है। उसकी रिहाई के विरोध में रविवार को काफी लोग जंतर-मंतर पर जुटे और इंडिया गेट तक मार्च निकालने की कोशिश की। निर्भया के माता-पिता ने भी दोषी की रिहाई के खिलाफ इंडिया गेट पर विरोध-प्रदर्शन किया। पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। खबर है कि इस दौरान निर्भया की माँ को कुछ चोटें भी आई हैं।
निर्भया कांड: दोषी को उसके गांव में नहीं घुसने देंगे गांव वाले

निर्भया कांड: दोषी को उसके गांव में नहीं घुसने देंगे गांव वाले

निर्भया के साथ दरिंदगी के आरोप में तीन साल की सजा भुगतने के बाद रिहा हो रहे किशोर की सजा बढ़ाने की पुरजोर मांगों के बीच बदायूं स्थित उसके गांव में एक पक्ष उसके गांव में दाखिल होने का विरोध करने की तैयारी में है। इस बीच दोषी की रिहाई को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शन को देखते हुए सुरक्षा कारणों से उसे बाल सुधार गृह से किसी दूसरी जगह पर शिफ्ट कर दिया गया है।
पंजाब में अंग प्रत्यारोपण होगा आसान

पंजाब में अंग प्रत्यारोपण होगा आसान

पंजाब सरकार बहुत जल्द राज्य में मानव अंग प्रत्यारोपण अधिनियन (ऑर्गेन ट्रांसप्लांट एक्ट) लागू करने जा रही है। राज्य के चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान मंत्री अनिल जोशी के अनुसार भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से वर्ष 1994 में मानव अंग प्रत्यारोपण अधिनियम बनाया गया था, जिसे पंजाब सरकार ने भी लागू किया था लेकिन इस संबंध में वर्ष 2011 का संशोधित अधिनियम और वर्ष 2014 के नियम राज्यों को लागू करना अनिवार्य नहीं था। अब राज्य सरकार वह करने जा रही है। गौरतलब है कि पंजाब मानव अंगों की तस्करी की वजह से अक्सर सुर्खियों में रहा है। जोशी के अनुसार समय की मांग अनुसार इस अधिनियम में कई बार संशोधन किए गए थे क्योंकि अंग प्रत्यारोपण जान बचाने के लिए एक बहुत कारगर प्रयास साबित हुआ है। उनका कहना है कि इस समय किडनी, आंखें और लीवर आदि प्रत्यारोपित कर हजारों जानें बचाई जा रही हैं।
तेजाब कांड में 11 साल बाद शहाबुद्दीन को उम्र कैद

तेजाब कांड में 11 साल बाद शहाबुद्दीन को उम्र कैद

राजद के पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन और तीन अन्य दोषियों को बिहार के सीवान जिले में 11 वर्ष पहले तेजाब डालकर दो भाइयों की नृशंस हत्या के मामले में एक जिला अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
गोमूत्र से शुद्धिकरण को लेकर दादरी पर राजनीति

गोमूत्र से शुद्धिकरण को लेकर दादरी पर राजनीति

दिल्ली से कुछ किलोमीटर दूर सटे दादरी के गांव बिसाहड़ा को लेकर फिर से राजनीति गरमा गई है। यह वही बिसाहड़ा है जहां बीते दिनों गोमांस की झूठी अफवाह पर गांव के मोहम्मद अखलाक की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई थी और इनके बेटे दानिश को बुरी तरह जख्मी कर दिया गया था। अखलाक की मौत के बाद इस मुद्दे पर खूब हंगामा हुआ।
वीके सिंह के बयान पर राहुल ने संसद में किया पलटवार

वीके सिंह के बयान पर राहुल ने संसद में किया पलटवार

राहुल गांधी ने असहिष्णुता के मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए पिछले दिनों विदेश राज्य मंत्री वी के सिंह के दिए एक बयान का जिक्र किया। राहुल ने कहा, सरकार के एक मंत्री दलितों की तुलना कुत्ते से करते हैं और प्रधानमंत्री मोदी उन्हें अपनी सरकार में मंत्री बनाए रखते हैं।
रिहाई के बाद भी रहे यौन अपराधियों पर नजरः मेनका

रिहाई के बाद भी रहे यौन अपराधियों पर नजरः मेनका

निर्भया सामूहिक बलात्कार कांड में अपराधी ठहराए गए किशोर आरोपी की रिहाई को नजदीक देखते हुए केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने आज कहा कि उन्होंने गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर मांग की है कि यौन अपराधों के आरोपी और इन मामलों में सजा काट चुके अपराधियों के एक बार कारागार से रिहा होने के बाद भी उन पर कड़ी नजर रखी जाए।
क्या वाकई थम गई पुरस्कार वापसी मुहिम?

क्या वाकई थम गई पुरस्कार वापसी मुहिम?

बिहार चुनाव के नतीजे आने का बाद सोशल मीडिया पर इन दिनों एक कविता काफी प्रसारित हो रही है। इस कविता में कहा जा रहा है कि अब कहीं से भी गोमांस, सम्मान वापसी, अरहर दाल की बढ़ती कीमतों को लेकर कोई बयान नहीं आ रहा है। यह सवाल खड़ा होता है कि क्या ऐसा सहिष्णुता की वजह से है या ऐसा बिहार का चुनाव खत्म हो जाने की वजह से है। स्पष्ट तौर पर यह आरोप लगता रहा है कि लेखकों, कलाकारों और वैज्ञानिकों द्वारा जो पुरस्कार लौटाए जा रहे थे वह बिहार चुनावों को प्रभावित करने की एक पूर्वनियोजित साजिश थी। इस संबंध में आरएसएस का मानना है कि पुरस्कार वापसी की मुहीम राजनीतिक ताकतों के हित में बहुत सलीके से संयोजित की गई थी। केंद्रीय मंत्री जनरल वी के सिंह ने तो यहां तक कहने में भी गुरेज नहीं किया कि पुरस्कार वापसी के इस मुहिम में बहुत ज्यादा पैसा सम्मिलित था। जो कुछ भी हुआ, यह उसकी पूरी तरह से एक प्रायोजित और विकृत व्याख्या है।