सब्जियों और चीनी के साथ खाद्य पदार्थों में दूध, अंडा, मांस, मछली तथा अन्य उत्पादों में धातुओं के दाम बढ़ने से जुलाई में थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति की दर बढ़कर 1.88 प्रतिशत पर पहुँच गयी।
रिटेल महंगाई के बाद थोक महंगाई के मोर्चे पर भी बड़ी राहत की खबर है। जून में डब्ल्यूपीआई यानी थोक महंगाई दर घटकर 0.9 फीसदी रह गई, वहीं मई में थोक महंगाई दर 2.17 फीसदी थी। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक जुलाई 2016 के बाद थोक महंगाई सबसे कम स्तर पर दिख रही है।
एक ओर जहां किसान कृषि उत्पादों का उचित दाम नहीं मिल पाने की चिंताएं व्यक्त कर रहे हैं, वहीं अब इसकी बानगी आंकड़ों में भी दिखाई देने लगीं हैं। मई माह में महंगाई दर 3.85 फीसदी के मुकाबले घटकर 2.17 फीसदी हो गई है। इस दौरान खाद्य एवं कृषि उत्पादों की महंगाई दर में भारी कमी दर्ज की गई है।
दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने जीएसटी दरों को कम करने का मुद्दा उठाया है। उन्होंने कहा कि जीएसटी दरें ज्यादा होने से देश में महंगाई और इंस्पेक्टर राज को बढ़ावा मिलेगा।
बुधवार को केंद्र की मोदी सरकार को आर्थिक मोर्चे पर दोहरी मार पड़ी। फरवरी में औद्योगिक उत्पादन में गिरावट आई है और मार्च में खुदरा महंगाई यानी रिटेल इंफ्लेशन में बढ़ोतरी हुई है।
भारतीय रिजर्व बैंक ने नोटबंदी के बाद महंगाई बढ़ने की आशंका जताते हुए डिजिटल भुगतान को सुरक्षित बनाए जाने की आवश्यकता पर आज बल दिया। इसके साथ ही रिजर्व बैंक ने कहा है कि अर्थव्यवस्था पर नोटबंदी का जो अस्थायी प्रतिकूल असर था वह काफी हद तक कमजोर पड़ चुका है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि उनकी सरकार महंगाई पर काबू पाने में सफल रही है जो कि 2014 में नियंत्रण से बाहर हो गई थी। उन्होंने कहा कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के दौरान किसी भी राजनीतिक दल ने महंगाई का मुद्दा नहीं उठाया।
भारतीय अर्थव्यवस्था ने अपेक्षाकृत निम्न मुद्रास्फीति दर, राजकोषीय अनुशासन तथा व्यापक रूप से स्थिर रुपया-डॉलर विनिमय दर के साथ मामूली चालू खाता घाटे के साथ एक सूक्ष्म आर्थिक वातावरण बनाए रखा है। केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली आज संसद में प्रस्तुत आर्थिक समीक्षा 2016-17 में कहा गया है कि वर्तमान में जारी वैश्विक मंदी के बावजूद यह मजबूती बनी रही है। आर्थिक समीक्षा की कुछ खास बातें इस प्रकार की हैं।