हर साल की तरह इस बार भी बरसात आते ही प्याज महंगा होने लगा है। बढ़ाई की बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए सरकारी एजेंसियों ने प्याज की खुदरा बिक्री शुरू कर दी है।
पिछले एक वर्ष में नीतिगत रेपो दर में 25-25 बेसिस प्वाइंट्स की तीन कटौतियों की सौगात दे चुका भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) बैंकों से लोन लेने वाले ग्राहकों को इस साल की दूसरी त्रैमासिक मौद्रिक समीक्षा में शायद ही और कटौती करे।
कांग्रेस के महिला शाखा की ओर से जनआक्रोश रैली कर सरकार पर निशाना साधा गया। मंगलवार को संसद का मानसून सत्र शुरू होते ही कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया। कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्राी नरेन्द्र मोदी ने चुनाव के समय जो घोषणाएं की वह केवल चुनावों तक ही सीमित रही।
खरीफ फसलों के लिए केंद्र सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य का ऐलान किया है। हालांकि अरहर, मूंग और उड़द पर 200 रुपये का अतिरिक्त बोनस दिया जाएगा लेकिन धान, कपास, ज्वार, बाजार जैसी अधिकांश खरीफ फसलों के समर्थन मूल्य में 15 से 50 रुपये तक की मामूली बढ़ोतरी की गई है।
थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित महंगाई द र मई माह में उससे पिछले महीने के मुकाबले थोड़ी चढ कर शून्य से 2.36 अंक पर आ गयी। अप्रैल में यह शून्य से 2.65 अंक नीचे थी।
दालों की बढ़ती महंगाई को देखते हुए केंद्र सरकार ने दालों के आयात का फैसला किया है जबकि चीनी मिलों को 6 हजार करोड़ रुपये के ब्याज मुक्त कर्ज दिया जाएगा। इससे पहले भी केंद्र और राज्य सरकारें चीनी मिलों को कई राहत पैकेज दे चुकी हैं। इसके बावजूद गन्ना किसानों को करीब 21 हजार करोड़ रुपये का भुगतान चीनी मिलों के पास अटका हुआ है।
मानसून की बारिश इस बार सामान्य से और कम होने की आशंका है। पृथ्वी विज्ञान मंत्री हर्षवर्धन ने बताया कि मौसम विज्ञान विभाग का अनुमान है कि इस बार बारिश सामान्य से 12 प्रतिशत कम रह सकती है। इस आशंका ने शेयर बाजार की सेहत भी बिगाड़ दी है और मंगलवार को सेंसेक्स 600 अंक से ज्यादा लुढ़क गया।
रोजमर्रा की जरूरत की ज्यादातर सेवाएं सोमवार से महंगी हो गई हैं। अब 12.36 फीसदी की जगह 14 फीसदी सर्विस टैक्स चुकाना पड़ेगा। आम बजट में हुई यह घोषणा एक जून से लागू हो गई है।
अमूल ने गुजरात से दूध के दाम दो रुपये प्रति लीटर बढ़ाने की शुरुआत कर दी है। अमूल की तर्ज पर अन्य डेयरी कंपनियां भी दूध महंगा कर सकती हैं। इस तरह एक जून सर्विस टैक्स भी 12.36 फीसदी से बढ़कर 14 फीसदी हो जाएगा। इस तरह आम आदमी की जेब पर महंगाई की मार पड़नी तय है।
मोदी सरकार के एक साल के दौरान विभिन्न महानगरों में दालों के दाम 64 फीसदी तक बढ़ चुके हैं। महंगाई से राहत के तमाम दावों के बावजूद आम आदमी पर महंगाई की मार बदस्तूर जारी है।