केरल में नया शिक्षा सत्र शुरू होने के बाद भी स्कूलों में पाठ्यपुस्तकों के न पहुंचने पर विपक्षी वाम लोकतांत्रिक मोर्चा के आर. राजेश ने शिक्षामंत्री पी के अब्दुरब को कुरान के सूरे का हवाला देते हुए कहा कि कुरान में दान के अलावा वादा निभाने की शिक्षा भी दी गई है।
भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने हिंदुत्व एजेंडे को लागू करने के मुद्दे पर पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाने की मांग की है। प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में स्वामी ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने इतने महत्वपूर्ण विषय पर चार महीने बाद भी कोई जवाब नहीं दिया है।
बॉलीवुड का जादू सभी पर काम करता है यह तो सुना था। पर यह रूखे से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी काम करता है यह तब पता चला जब उज्बेकिस्तान और रूस की यात्रा पर गए मोदी ने कहा कि भारतीय फिल्मों और संगीत को सभी पसंद करते हैं और याद रखते हैं।
एलेस्टर कुक ने शतकों का सूखा खत्म करते हुए इंग्लैंड की पारी को पूरी तरह ढहने से बचाया जिसके बाद इंग्लैंड ने वेस्टइंडीज के खिलाफ तीसरे और अंतिम टेस्ट के पहले दिन का खेल खत्म होने तक सात विकेट के नुकसान पर 240 रन बना लिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिन्दी साहित्य को समृद्ध बनाने में योगदान के लिए आज मॉरीशस की सराहना की और कहा कि इस भाषा ने विश्व में एक विशेष स्थान हासिल कर लिया है।
पाकिस्तान के मशहूर अभिनेता और संगीतकार अली ज़ाफ़र पेशावर सैनिक स्कूल में मारे गए बच्चों की याद में एक वीडियो बना रहे हैं। इस वीडियो वहां की पचास नामचीन हस्तियां हिस्सा ले रही हैं।
उनकी मुंदी आंखों के नीचे अंधेरे की गाढ़ी परत बिछी हुई थी। सरकारी अस्पताल के उस आईसीयू में गुजरे जमाने के मशहूर गवैए उस्ताद इकराम मुहम्मद खान को उनकी जिंदगी आखरी सलामी देने की तैयारी कर रही थी।
वन भूमि पर सामुदायिक अधिकारों के दावा फॉर्म अधिकतर जगहों पर न तो उपलब्ध कराए जा रहे हैं न उनकी जानकारी दी जा रही है। एक अनुमान के अनुसार पूरे राजस्थान में अब तक केवल 150 सामुदायिक दावे ही पेश हो पाए हैं। अधिकतर वन अधिकार समितियां निष्क्रिय होने के कारण भौतिक सत्यापन नहीं हो पा रहा है। जहां वे सक्रिय हैं वहां वन विभाग और पटवारी सहयोग नहीं कर रहे हैं। समितियों, यहां तक कि ग्राम सभाओं द्वारा सत्यापित दावों को भी नौकरशाही नहीं सत्यापित कर रही है। कुछ जगहों पर अनपढ़ लोगों को धोखे से कब्जा छोडऩे के दावे पर हस्ताक्षर कराए जा रहे हैं। कहीं-कहीं दावेदारों के मौके पर काबिज होने के बावजूद काबिज नहीं होना दिखाया जा रहा है। साक्ष्यों की सूची में दावेदारों को नियमत: तीन में दो साक्ष्य मांगे जा रहे हैं। इस मामले में वन विभाग ग्राम सभाओं को भी गुमराह कर रहा है। नियमत: हर स्तर पर सत्यापन तक लोगों को बेदखल नहीं किया जा सकता लेकिन कई जगह लोगों को बीच में ही लोगों को बेदखल किया जा रहा है। गैर आदिवासी जंगलवासियों के दावे सीधे नामंजूर किए जा रहे हैं जो नियम विरुद्ध है। अभी तक 1980 के पहले के दावों का ही सत्यापन किया जा रहा है जबकि कानून 2005 तक के कब्जे मान्य होने चाहिए।