Advertisement

Search Result : "दिल्‍ली उच्‍च न्‍यायालय"

गुजरात और जम्‍मू-कश्‍मीर में भी मैगी बैन

गुजरात और जम्‍मू-कश्‍मीर में भी मैगी बैन

यूपी से शुरू हुआ मैगी विवाद तूल पकड़ता जा रहा है। जांच में हानिकारक तत्‍व पाए जाने के बाद अब गुजरात ने भी मैगी पर प्रतिबंध लगा दिया है। आर्मी कैंटीन में भी मैगी की बिक्री करा दी गई है। इस तरह केंद्र सरकार पर भी इस मामले में कार्रवाई का दबाव बढ़ता जा रहा है।
दिल्ली में मैगी के नमूने फेल, नेस्‍ले पर मुकदमा संभव

दिल्ली में मैगी के नमूने फेल, नेस्‍ले पर मुकदमा संभव

मैगी नूडल्‍स में हानिकारक तत्‍वों को लेकर दिल्‍ली में हुई जांच में कई नमूने फेल। दिल्‍ली सरकार नेस्‍ले कंपनी के खिलाफ कर सकती है कार्रवाई
सरकार सौरभ कालिया मामले पर अंतरराष्‍ट्रीय कोर्ट जाने को तैयार

सरकार सौरभ कालिया मामले पर अंतरराष्‍ट्रीय कोर्ट जाने को तैयार

कारगिल शहीद सौरभ कालिया मामले पर बदला सरकार का रुख। विदेश मंत्री सुषमा स्‍वराज ने कहा कि शहीद सौरभ कालिया सहित पांच अन्य भारतीय जवानों को न्याय दिलाने के लिए केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट से अनुमति मिलने के बाद इंटरनेशनल कोर्ट में जाएगी। केंद्र सरकार ने आज ही यह निर्णय लिया है। इससे पहले संसद में विदेश राज्‍यमंत्री वीके सिंह की ओर से दिए जवाब के हवाले से खबर आई थी कि सरकार इस मामले को अंतरराष्‍ट्रीय न्‍यायालय में नहीं ले जाना चाहती है।
मुआवजा दूर 37 साल से जानकारी तक नहीं मिली

मुआवजा दूर 37 साल से जानकारी तक नहीं मिली

दिल्‍ली में 77 साल का एक बुजुर्ग 37 साल ली गई जमीन के मुआवजे के लिए भटक रहा है। मुआवजा तो दूर उसे इसकी जानकारी हासिल करने के लिए भी केंद्रीय सूचना आयोग से गुहार लगानी पड़ी।
अब गैमलिन ने लगाए आप के मंत्री पर आरोप

अब गैमलिन ने लगाए आप के मंत्री पर आरोप

अब वरिष्‍ठ आईएएस अधिकारी शकुंतला गैमलिन ने दिल्‍ली सरकार के उद्योग मंत्री सत्‍येंद्र जैन पर अनुचित कामों के लिए दबाव डालने के गंभीर आरोप लगाए हैं। गैमलिन का आरोप है कि जैन उन पर अौद्योगिक भूखंडों को लीजहोल्‍ड से फ्रीहोल्‍ड में बदलने का दबाव डाल रहे हैं।
दिल्‍ली संकट: सुप्रीम कोर्ट का दिल्‍ली सरकार को नोटिस

दिल्‍ली संकट: सुप्रीम कोर्ट का दिल्‍ली सरकार को नोटिस

भ्रष्‍टाचार निरोधक शाखा के क्षेत्राधिकार को लेकर जारी विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्‍ली सरकार को एक नोटिस भेजा है, जिसका जवाब तीन हफ्ते के अंदर देना है। सुप्रीम कोर्ट ने गूह मंत्रालय की 21 मई की अधिसूचना को संदिग्ध बताने वाली हाईकोर्ट की टिप्‍पणी को भी गैरजरूरी बताया है। इसी अधिसूचना के जरिए केंद्र सरकार ने दिल्‍ली की भ्रष्‍टाचार निरोधक शाखा को दिल्‍ली पुलिस और केंद्र के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई से रोका था।
दिल्‍ली संकट: सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में कल सुनवाई

दिल्‍ली संकट: सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में कल सुनवाई

गृह मंत्रालय दिल्ली हाईकोर्ट के उस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है, जिसमें उपराज्‍यपाल को पूरी शक्तियां देने वाले केंद्र के नोटिफिकेशन को संदिग्ध बताया है। सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर शुक्रवार को सुनवाई करेगा। इस बीच, दिल्‍ली के उपराज्यपाल नजीब जंग ने गुरुवार को गृह मंत्रालय जाकर गृह सचिव एल सी गोयल से मुलाकात की है। माना जा रहा है कि इस दौरान आगे की रणनीति और केंद्र की अधिसूचना के बचाव को लेकर चर्चा की गई। उधर, दिल्‍ली सरकार ने भी नौकरशाहों की नियुक्ति में उपराज्यपाल को पूर्ण अधिकार देने की केंद्र की अधिसूचना को चुनौती देते हुए दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। इस पर भी कल सुनवाई होगी।
नजीब जंग से मिले केजरीवाल और सिसौदिया

नजीब जंग से मिले केजरीवाल और सिसौदिया

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को यहां उपराज्यपाल नजीब जंग से मुलाकात की और भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) के कामकाज पर चर्चा की। दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को अपने एक फैसले में कहा था कि एसीबी को दिल्ली पुलिसकर्मियों सहित केंद्र सरकार के अधिकारियों के खिलाफ जांच करने का अधिकार है।
उच्‍च शिक्षा पर एक नया संकट

उच्‍च शिक्षा पर एक नया संकट

उच्च शिक्षा या शिक्षा मात्र विचारहीनता के संकट से गुजर रही है। अभी विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने सारे केन्द्रीय विश्वविद्यालयों को फरमान जारी किया है कि वे चयन आधारित क्रेडिट व्यवस्था वाले पाठ्यक्रम 2015-16 से लागू करें। यह एक असाधारण आदेश है। विश्वविद्यालयों में क्या पढ़ाया जाएगा, क्या नहीं, यह तय करना आयोग के अधिकार-क्षेत्र से बाहर है। फिर भी, न सिर्फ उसने यह हुक्म जारी किया है, बल्कि अपने वेबसाईट पर उसने अनेक विषयों के पाठ्यक्रम बनाकर लगा भी दिए हैं। विश्वविद्यालयों को कहा गया है कि वे इन्हें तुरंत लागू करें। इनमें बीस प्रतिशत की हेर-फेर करने की छूट उन्हें है। यह अभूतपूर्व है और विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता में सीधा हस्तक्षेप है। मज़ा यह है कि आयोग यह नहीं बता रहा कि आखिर ये पाठ्यक्रम तैयार किन्होंने किए हैं! स्वाभाविक है कि उसके इस कदम का शिक्षकों की ओर से कड़ा विरोध हो रहा है।
Advertisement
Advertisement
Advertisement