कृष्ण और राधा के मिलन, विरह, प्रेम और उपासना को मशहूर कथक नृत्यांगना गौरी दिवाकर ने कथक के जरिये खूबसूरती से पेश किया। इस प्रस्तुती की खास बात यह थी कि यह नृत्य सूफी कवियों की रचनाओं पर किया गया।
एक नवंबर से महाराष्ट्र सरकार ऑटो चलाने के परमिट के लिए नियमों में एक नया बदलाव करने जा रही है। इसके तहत मुंबई में अब उन्हीं लोगों को ऑटो चलाने का परमिट दिया जाएगा, जो मराठी भाषा बोल सकते हैं। इस फैसले के परिणाम का आकलन इसी से लगाया जा सकता है कि मुंबई में अच्छी खासी संख्या में उत्तर भारतीय लोग ऑटो चलाते हैं।
रामधारी सिंह दिवाकर ग्रामीण जीवन के कथा शिल्पी के तौर पर जाने जाते हैं। पाठकों के बीच उनकी प्रसिद्धि गांव के जीवन को यथार्थ रूप में प्रस्तुत करने वाले कहानीकार की है। उनके बारह कहानी संग्रह और सात उपन्यास हैं। इसके अलावा शोध, आलोचना, संस्मरण आदि पर भी दर्जनों पुस्तकें हैं।