उत्तराखंड में घरेलू और व्यवसायिक दोनों श्रेणियों में बिजली की दरों में करीब पांच फीसदी की वृद्धि होने से प्रदेश के उपभोक्ताओं को अब ज्यादा बिल चुकाना होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के 26 मई को दो साल पूरे होने का जश्न मनाने के लिए सूचना प्रसारण मंत्रालय विभिन्न मंत्रालयों से बात-चीत कर रहा है ताकि सरकार की विभिन्न उपलब्धियों को दर्शाया जा सके।
जब भारत-पाकिस्तान का मैच हो तो कोई तर्क-वितर्क काम नहीं करता है। जैसे पर्यावरण की चिंता करने वाले भी यह याद नहीं रखेंगे कि आज अर्थ अवर है जिसमें हर साल एक घंटे के लिए बिजली बंद रखी जाती है।
हरियाणा सरकार द्वारा गुरुवार तक मांगें नहीं माने जाने की सूरत में जाट नेताओं की ओर से आंदोलन फिर से शुरू करने की धमकी दिए जाने के बाद हरियाणा सरकार ने संवेदनशील क्षेत्रों में तैनाती के लिए केंद्र से अर्धसैनिक बलों की मांग की है।
दुर्गम और अधिक चुनौतिपूर्ण इलाकों से निकाली जाने वाली प्राकृतिक गैस की कीमतों में इजाफे के भारत सरकार के फैसले से एक ओर उत्पादक कंपनियों की मार्केट वैल्यू में जबरदस्त उछाल आया है। दूसरी ओर, रिलायंस इंडस्ट्रीज की सह-स्वामित्व वाली ब्रिटिश कंपनी बीपी ने मध्यस्थता प्रक्रिया समाप्त करने का संकेत दिया है। इससे केजी बेसिन केजी डी6 ब्लॉक से गैस उत्खनन शुरू किया जा सकेगा। उधर, भारत सरकार के उपक्रम तेल एवं प्राकृतिक गैस आयोग (ओएनजीसी) ने केजी-डीडब्ल्यूएन 98/2 क्लस्टर 2 ब्लॉक में गैस उत्खनन में बड़े निवेश का ऐलान किया है।
ऐसा लगता है हैदराबाद यूनिवर्सिटी और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के बाद केंद्र सरकार अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) पर नकेल कसने की तैयारी में है। लेकिन एएमयू पर उसका पहला दांव ही खाली गया जब राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा एएमयू की कार्यकारी परिषद की एक सीट के लिए इंडिया टीवी के सीईओ रजत शर्मा और विजनन भारती के प्रमुख विजय पी. भटकार के नाम वाली फाइल वापस कर दी। राष्ट्रपति कार्यालय से कुछ और नामों पर विचार करने की सलाह दी गई है।
जाने-माने अर्थशास्त्री और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के सेवानिवृत प्रोफेसर अरुण कुमार देश में मौजूदा आर्थिक हालात को वैश्विक आर्थिक सुस्ती की देन मानते हैं। उनका यह भी मानना है कि हर सरकार राजकोषीय घाटा कम करने के लिए ही चिंतित रहती है और उसी मुताबिक बजट बनाकर किसी लक्ष्य तक पहुंचने में विफल रहती है। इसे वह गलत धारणा मानते हैं। आउटलुक के राजेश रंजन से बातचीत में उन्होंने रोजगार, घरेलु मांग, विकास दर आदि बढ़ाने पर जोर दिया।