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Search Result : "दीपिका पादुकोण"

सार्वजनिक संस्‍था है बीसीसीआई: खेल मंत्री

सार्वजनिक संस्‍था है बीसीसीआई: खेल मंत्री

खेल मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने मंगलवार कहा कि देश के अन्य किसी खेल महासंघ की तरह भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) को भी अपने कामकाज में जवाबदेह और पारदर्शी बनने की जरूरत है क्योंकि उच्चतम न्यायालय के अनुसार वह सार्वजनिक संस्था है।
लैंगिक असमानता के विरुद्ध दीपिका का जोरदार 'शॉट'

लैंगिक असमानता के विरुद्ध दीपिका का जोरदार 'शॉट'

एक ही खेल, एक ही स्‍तर पर खेलने वाले पुरुष को मिलने वाली इनामी राशि महिलाओं राशि से ज्यादा क्यों? यह सवाल उठाते हुए दीपिका पल्‍लीकल ने नेशनल स्क्वॉश चैंपियनशिप में हिस्सा लेने से इंकार कर दिया है। पिछले दिनों फिल्‍म अभिनेत्री दीपिका पादुकोण के एक वीडियो ने स्‍त्री की आजाद के सवाल को प्रमुखता से उठाया था। लेकिन दीपिका पल्‍लीकल ने खुद अपने जीवन में महिलाओं को बराबरी का हक दिलाने की मुहिम छेड़ी है।
प्रियंका की अंगूठी

प्रियंका की अंगूठी

वैसे तो नायिकाओं की खास ऊंगली में यदि अंगूठी दिख जाए तो हंगामा हो जाता है। इस बार भी हंगामा तो है मगर इतना ज्यादा नहीं। हालांकि चर्चा में एक खास अंगूठी ही है।
आईफा में क्वीन और हैदर का जलवा

आईफा में क्वीन और हैदर का जलवा

क्वीन फिल्म का पुरस्कार जीतने का सिलसिला जारी है। विकास बहल की इस फिल्म ने आईफा अवॉर्ड समारोह में भी इस परंपरा को बनाए रखा। सोहलवें आईफा अवॉर्ड में क्वीन के साथ विशाल भारद्वाज की फिल्म हैदर की झोली में भी कई पुरस्कार आए। सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री कंगना रनौत और सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार शाहिद कपूर के नाम रहा।
अपने दिल की ‘क्वीन’

अपने दिल की ‘क्वीन’

कंगना द्वारा यह कहकर फेयरनेस क्रीम के विज्ञापन को ठुकराना कि सेलिब्रिटीज की भी कुछ जिम्मेदारी होनी चाहिए, मुझे बहुत पसंद आया। मुझे यकीन है कि बॉलीवुड के पुरुष सितारे इस पहाड़ी कन्या से कुछ नसीहत लेंगे। लेकिन मैं यह भी कहना चाहती हूं कि तनु वेड्स मनु रिटर्न्स मुझे बहुत उबाऊ लगी। फिल्म देखकर मुझे लगा कि आखिर उससे जुड़ा शोर किस बात का था। मुझे बरसों पहले गैंगस्टर (जिसमें अब लगभग बर्बाद हो चुका शाइनी आहूजा भी लाजवाब था) में अपने लीक से जुदा रूप रंग से भाने वाली कंगना की यह अब तक की सबसे बेकार फिल्म लगी। मेरी राय में वह नशे की शिकार मॉडल के रूप में फैशन में अपने छोटे से रोल में प्रियंका चोपड़ा से कहीं अधिक असरदार रही थी। वहीं क्वीन, फिल्म और उसकी नायिका दोनों बेहद चमत्कारी थे।
समीक्षा - पीकू

समीक्षा - पीकू

शुजीत सरकार की नई फिल्म पीकू वैसे तो पारिवारिक कहानी है, पर आजकल पूरी तरह पारिवारिक कहानियों का दौर और परिभाषा दोनों बदल गई है। शायद अभी भी कुछ दर्शक यह न पचा पाएं कि एक पिता किसी तीसरे व्यक्ति के सामने बेटी के लिए कहे, ‘शी इज नॉट वर्जिन।’ फिर भी यह ऐसी फिल्म है जो पारिवारिक मुद्दों और बूढ़ों की समस्याओं पर हल्के-फुल्के ढंग से रोशनी डालती है। अच्छा लगता है जब नकारा श्रेणी में आ गई नई पीढ़ी की लड़की पिता की खातिर शादी नहीं कर रही और कहती है, ‘एक वक्त के बाद माता-पिता को बच्चे ही जिंदा रखते हैं।’
भारतीय मीडिया और स्त्री सौंदर्य के रूपक-विरूपक

भारतीय मीडिया और स्त्री सौंदर्य के रूपक-विरूपक

बाज़ार को बेचने हैं सौंदर्य को बढ़ाने वाले संसाधन इसलिए ‘च्‍वाइसेस’ या विकल्‍पों की बात हो रही है। लेकिन मुझे परेशानी इस बात से ज्यादा है कि वही स्त्री जब भारत के सड़कों, गलियों, खेतों, खलिहानों, कस्बों में बलत्कृत, क्षत-विक्षत मृत शरीर के रूप मे पाई जाती है। तब ना आपको उस पर बात करने से गुरेज है और ना उसका छायांकन करने में। लेकिन वही स्त्री जीवित अवस्था में अपने उसी शरीर पर हक की बातें करती है तो आपको 'परिवार व्यवस्था' से लेकर 'स्त्री देवी' के भ्रम के टूटने की धमक सुनाई देने लगती है।
पीकू ने पूरी की इरफान की तमन्ना

पीकू ने पूरी की इरफान की तमन्ना

गंभीर से और लगभग खड़ूस से दिखने वाले इरफान के सीने में भी दिल है ! दिल भी ऐसा वैसा नहीं वह भी फिल्मों में अपनी नायिकाओं के लिए धड़कना चाहता है। फिर जहां चाह वहां राह। ‘पीकू’ के जरिये आखिर खुरदुरे चेहरे वाले इरफान की इच्छा पूरी हो ही गई। पर शायद इरफान भूल गए हैं कि इससे पहले ‘लाइफ इन ए मेट्रो’ में भी एक दीवाने प्रेमी की भूमिका निभा चुके हैं
बिरजू महाराज की शिष्या बनी दीपिका

बिरजू महाराज की शिष्या बनी दीपिका

आठ किलो के पीले लहंगे में जब माधुरी दीक्षित ने कथक के तोड़े किए थे तब दर्शकों के दिलों की धड़कने थम गईं थीं। इस खूबसूरत नृत्य की कोरयोग्राफी प्रसिद्ध कथक सम्राट बिरजू महाराज ने की थी।
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