टीपू सुल्तान को लेकर विवाद थमने के बजाय बढ़ता ही जा रहा है। अब आरएसएस के मुखपत्र पांचजन्य में छपे एक लेख में टीपू सुल्तान को दक्षिण भारत का औरंगजेब बताया गया है।
नेपाल की संसद ने कम्युनिस्ट नेता विद्या देवी भंडारी को नेपाल की पहली महिला राष्ट्रपति के रूप में चुना है। बीते सितंबर में ही देश की संसद ने नेपाल ने नए संविधान को मंजूरी दी थी।
नेपाल में सात वर्षों की सियासी कशमकश के बाद तैयार एेतिहासिक संविधान लागू हो गया है। इसके साथ ही नेपाल एक हिंदू राजशाही से पूरी तरह धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक गणतंत्र में परिवर्तित हो गया। लेकिन इसका विरोध करते हुए मधेसी समूह कई जगह हिंसक प्रदर्शन कर रहे हैं जिसमें एक व्यक्ति के मारे जाने और दर्जनों लोगों के घायल होने की खबर है। स्थिति पर काबू पाने के लिए 14 जिलों में कर्फ्यू लगाया गया है।
नेपाल की संविधान सभा ने नेपाल को हिंदू राष्ट्र घोषित करने के प्रस्ताव को सख्ती से ठुकरा दिया और हिंदू बहुल इस हिमालयी देश के धर्मनिरपेक्ष बने रहने पर सहमति जताई। संविधान सभा के इस फैसले का हिंदू संगठनों ने विरोध किया है।
उत्तर प्रदेश के रायबरेली में आज धर्मांतरण का आरोप लगाते हुए भाजपा कार्यकर्ताओं ने एक प्रार्थना सभा में खूब हंगामा किया और सभा में शामिल लोगों के साथ मारपीट की गई।
संगठन में नई जान फूंकने की कोशिश में जुटी कांग्रेस ने पार्टी कार्यकर्ताओं से चंदे के नए नियम तय किए हैं। पार्टी को वित्तीय रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए हरेक कार्यकर्ता से सालाना 250 रुपये का चंदा मांगा जाएगा।
नेपाल के राजनीतिक दल नए संविधान को अंगीकार करने के मुहाने पर पहुंच गए हैं। नेपाल की संविधान मसौदा समिति ने एक बड़ी सफलता के तहत लंबे समय से लंबित संविधान के प्रथम मसौदे को मंजूरी दे दी है। इस संविधान के लागू हो जाने पर नेपाल को एक धर्मनिरपेक्ष, समावेशी और विविध जातीय देश के रूप में पहली बार मान्यता मिलेगी।
प्रफुल्ल बिदवई विलक्षण प्रतिभा के धनी पत्रकार, प्रवक्ता, बुद्धिजीवी और कार्यकर्ता थे। उनका अकस्मात हमारे बीच से चले जाना जनतांत्रिक, धर्मनिरपेक्ष और शांति आंदोलनों के लिए एक बड़ा झटका है। आज के विपरीत समय में अपनी बेबाक शैली, सुव्यवस्थित विश्लेषण और दुस्साहस के स्तर तक जोखिम उठाने की क्षमता के चलते वे अनेक युवा और आदर्शवादी पत्रकारों के प्रेरणास्रोत रहे। उनकी वैज्ञानिक और संपूर्ण दृष्टि तथा ऐतिहासिक बोध, उनकी विश्लेषण क्षमता का मूल मंत्र रहा। इसी ने उन्हें हमेशा खास बनाए रखा और जीवनभर उनकी लेखनी की चमक यूं ही बनी रही।
विधानसभा चुनाव से पहले ही बिहार भाजपा में असंतोष के स्वर उठने लगे हैं। प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी के नाम एक पत्र जारी कर सफाई मांगी गई है। इस पत्र की प्रति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजी गई है। लेकिन पत्र पर किसी कार्यकर्ता के हस्ताक्षर नहीं है लेकिन सूत्र बता रहे हैं कि भाजपा के सभी बड़े नेताओं को पत्र भेजा गया है।
सीताराम येचुरी भारतीय वामपंथी आंदोलन के एक जाने-माने चेहरा हैं। हिंदी, अंग्रेजी, तेलुगु, बांग्ला भाषा में मजबूत पकड़ रखने के साथ एक-दो और भाषाओं के ज्ञाता है 62 वर्षीय येचुरी। मिलनसार स्वभाव वाले इस मृदुभाषी वाम नेता के कंधों पर भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की गहरे संकट में फंसी नाव को निकालने की जिम्मेदारी है।