Advertisement

Search Result : "धारा 66 ए"

पुरुष-पुरुष प्यार के कारण जीवन जेल हो गया

पुरुष-पुरुष प्यार के कारण जीवन जेल हो गया

राजस्थान के रहने वाले नकुल शर्मा काफी परेशान हैं। इस दफा उन्हें संसद से काफी उम्मीद थी कि धारा 377 से संबंधी विधेयक पर जरूर कुछ न कुछ होगा। आखिरकार सर्वोच्च न्यायालय ने गेंद संसद के पाले में डाली है। लेकिन कांग्रेसी नेता शशि थुरूर का विधेयक पटल तक पर नहीं आ सका। इस संबंध में नकुल शर्मा की परेशानी यह है कि वह गे यानी समलैंगिक हैं। उनका कहना है कि उन्हें लैंगिक अल्पसंख्यक का दर्जा चाहिए। अपनी कहानी के जरिये नकुल बताते हैं कि बलात्कार सिर्फ मर्द औरत के बीच नहीं होता है बल्कि उनके जैसे असंख्य लोगों के साथ होता है तो कोई कानून नहीं है जो उन्हें न्याय दिलवा सके।
धारा 377 के खिलाफ लामबंद होंगे लैंगिक अल्पसंख्यक

धारा 377 के खिलाफ लामबंद होंगे लैंगिक अल्पसंख्यक

धारा 377 पर संसद में चर्चा तक नहीं हो सकी। भाजपा सांसदों ने विधेयक टेबल तक नहीं होने दिया। गौरतलब है कि गत दिवस लोकसभा में कांग्रेस नेता शशि थरूर ने धारा 377 संशोधन विधेयक पेश किया था। विधेयक को लोकसभा में हार का सामना करना पड़ा। इस विधेयक के खिलाफ 71 और पक्ष में कुल 24 वोट डले। इस दिन को लेस्बियन, गे, बाईसेक्सुअल एंड ट्रांसजेंडर (एलजीबीटी) समुदाय ने काला दिवस बताया।
दादरी में धारा 144 लागू, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में एलर्ट जारी

दादरी में धारा 144 लागू, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में एलर्ट जारी

दादरी के बिसाहड़ा गांव में गोहत्या की अफवाह के बाद एक व्यक्ति की हत्या का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। राजनीतिक दलों के नुमाइंदों के दादरी पहुंचने से जहां कानून-व्यवस्था पर असर पड़ रहा है वहीं इसको लेकर सियासत गरम हो गई है। मामले की गंभीरता और लोगों को उग्र होते देख प्रशासन ने धारा 144 लगा दिया है। बताया जा रहा है कि एसडीएम ने पीड़ित को धमकाया भी है।
कोर्ट के साइबर फैसले से नागरिक गौरवान्वित

कोर्ट के साइबर फैसले से नागरिक गौरवान्वित

यह आम बात हो गई है कि भारत के राजनीतिज्ञ कठोर राजनीतिक फैसले लेने से कतराते हैं और उन्हें अदालत के भरोसे छोड़ देते हैं। राजनैतिक, कार्यकारी और विधायी जिम्मेदारियों से यह पलायन ही न्यायिक सक्रियतावाद को जन्म देता है।
कोई नहीं हटा सकता धारा 370- महबूबा

कोई नहीं हटा सकता धारा 370- महबूबा

जम्मू-कश्मीर में भारतीय जनता पार्टी के सहयोग से सरकार चला रही पीडीपी का कहना है कि राज्य से कोई भी ताकत धारा 370 को नहीं हटा सकती है। इस बयान से पता चलता है कि बीजेपी और पीडीपी के बीच की खाई पटने का नाम नहीं ले रही है।
सईद ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली

सईद ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली

मुफ्ती मोहम्मद सईद के नेतृत्व में जम्मू-कश्मीर में नई सरकार बनी जिसके साथ ही राज्य में 49 दिनों से चला आ रहा राज्यपाल शासन खत्म हो गया। राज्यपाल एन एन वोहरा ने जम्मू में 79 वर्षीय सईद को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। उपमुख्यमंत्री के तौर पर भारतीय जनता पार्टी के निर्मल सिंह ने शपथ ली।
मुफ्ती-मोदी मिलन के सवाल

मुफ्ती-मोदी मिलन के सवाल

इसे लोकतंत्र का कमाल कहिये या सीमा कि वैचारिक तौर पर बिल्कुल विपरीत धरातल पर खड़ी दो पार्टियां मिलकर जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाने जा रही हैं। सारी तैयारियां हो चुकी हैं। रविवार को पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के संरक्षक मुफ्ती मोहम्मद सईद मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। दिल्ली में मुफ्ती और मोदी ने मिलकर इस बात पर अंतिम फैसला कर लिया है।
Advertisement
Advertisement
Advertisement