भारत सरकार में इंटेलीजेंस ब्यूरो के पूर्व अधिकारी और विवेकानंद फाउंडेशन के फेलो आरएनपी सिंह को खुफिया से जुड़े विभिन्न क्षेत्रों में गहरा अनुभव है। उनकी राइट्स एंड रांग्स, बांग्लादेश डिकोडेड और हिंदी में दो पुस्तकें बहुत चर्चित रहीं। नेहरू: ए ट्रबल्ड लीगेसी से उन्होंने कुछ मौलिक सवाल उठाए हैं: क्या हमने कभी नेहरू के बारे में ईमानदारी से मूल्यांकन किया है और इस प्रभाव में क्या हमने देश के समकालीन इतिहास का निष्पक्ष मूल्यांकन किया है? इस पुस्तक में नेहरू के सिद्धांतवाद या अपने हित में दोहरे मानदंड अपनाने पर सवाल उठाए गए हैं।
दिल्ली के करीब दादरी के एक गांव में मीट के टुकड़े मिलने से तनाव फैल गया। प्रशासन ने ऐतियात के तौर पर इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी है। इसी इलाके के बिसाहड़ा गांव में उग्र भीड़ ने गोमांस खाने के संदेह पर अखलाक नामक व्यक्ति को पीट-पीट कर मार दिया था।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में डेंगू के बढ़ते मामलों के बीच, नगर निकायों की भूमिका पर सवाल उठाने लगे हैं। लोगों का मानना है कि मच्छर जनित बीमारी से निपटने में स्थानीय नगर निगमों की लचर तैयारियाें की पोल खोल खुल गई है। दिल्ली में डेंगू के कुल मामले 2000 की संख्या को पार कर ग हैं। सितंबर में ही 1200 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं।
मध्य प्रदेश के कुख्यात व्यावसायिक परीक्षा मंडल मामले की जांच करने मेघनगर (झाबुआ) गए दिवगंत पत्रकार अक्षय सिंह के परिवार वालों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मदद ठुकरा दी है। मुख्यमंत्री आज अक्षय के घर गए हुए थे। उन्होंने मध्यप्रदेश सरकार से उनकी मौत के कारणों की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है।
उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल और विधायक मनोज तिवारी ने धारचुला आधार शिविर से वार्षिक कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए श्रद्धालुओं का पहला जत्था आज रवाना किया।
दिल्ली सरकार ने कपिल मिश्रा को दिल्ली का नया कानून मंत्री नियुक्त किया है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने यह फैसला जितेंद्र सिंह की गिरफ्तारी और इस्तीफे के एक दिन बाद ही किया है जिन पर फर्जी डिग्री अपनाने का आरोप है।
आलोचना (त्रैमासिक) पत्रिका के अंक 53-54 के प्रकाशन के उपलक्ष्य में ‘भारतीय जनतंत्र का जायजा’ विषय पर साहित्य अकादमी-सभागार में आयोजित परिचर्चा में युवाओं की भागीदारी जबरदस्त रही। दिल्ली विश्वविद्यालय, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय सहित अन्य अकादमिक संस्थानों के छात्रों ने इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया। युवाओं ने जनतंत्र से जुड़े सवालों की झड़ी लगा दी। एक युवा ने सवाल खड़ा किया कि आखिर क्यों ‘आलोचना’ पहले जैसी नहीं होती ! जिसकी आलोचना होती है वह और मजबूत क्यों हो जाता है।