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Search Result : "नरसिंह मिश्रा"

देंग से मिलने की नरसिंह राव की हसरत दिल में ही रह गई थी

देंग से मिलने की नरसिंह राव की हसरत दिल में ही रह गई थी

ये तो सभी जानते हैं कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिंह राव और उनके वित्त मंत्री मनमोहन सिंह की जोड़ी ने देश में आर्थिक उदारीकरण की शुरुआत की और देश को आर्थिक बदहाली से उबार लिया मगर यह बहुत कम लोगों को पता है राव दरअसल चीन के अपने समय के सबसे शक्तिशाली कम्युनिस्ट नेता देंग श्याओ पिंग से बेहद प्रभावित थे और उनसे मिलना चाहते थे मगर राजीव गांधी जब देश के प्रधानमंत्री थे तो राव को विदेश मंत्री होने के बावजूद अपने साथ चीन नहीं ले गए।
चर्चाः आर्थिक क्रांति पर चांदी की चमक | आलोक मेहता

चर्चाः आर्थिक क्रांति पर चांदी की चमक | आलोक मेहता

21 जून को योग दिवस के रूप में अंतरराष्ट्रीय मान्यता मिलने का एक कारण दुनिया में भारत की आर्थिक शक्ति की पहचान भी है। बाहर वालों को ध्यान नहीं आएगा, लेकिन भारतीयों को याद आ जाना चाहिए कि 21 जून, 1991 को आर्थिक नीति में क्रांतिकारी बदलाव की नींव राष्ट्रपति भवन में रखी गई थी।
डेल्ही वाक्स: जायकों के लुत्फ के साथ शाहजहांबाद की गलियों की सैर

डेल्ही वाक्स: जायकों के लुत्फ के साथ शाहजहांबाद की गलियों की सैर

पुरानी दिल्ली की हर एक गली अपने आप में इतिहास समेटे हुए है। जब इन गलियों से हम गुजरते हैं तो कहीं से जायकों की खुशबू आती है तो कहीं हाथों की बेहतरीन कारीगरी का नमूना आंखों में बस सा जाता है। कभी शाहजहांबाद के नाम से मशहूर इस शहर की इसी सांस्कृतिक विरासत को समझने और नई पीढ़ी को उससे रूबरू कराने के मकसद से इंडिया सिटी वाक्स ने बुधवार को डेल्ही वाक्स का आयोजन किया।
दिल्‍ली हाई कोर्ट की सुशील को दो टूक, बेहतर नरसिंह यादव ही रियो जाएंगे

दिल्‍ली हाई कोर्ट की सुशील को दो टूक, बेहतर नरसिंह यादव ही रियो जाएंगे

दिल्ली उच्च न्यायालय ने दो बार के ओलंपिक पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार की याचिका सोमवार को खारिज कर दी जिसमें उन्होंने रियो ओलंपिक में पुरूषों की 74 किलो फ्रीस्टाइल स्पर्धा में भारत का प्रतिनिधित्व तय करने के लिये भारतीय कुश्ती महासंघ को चयन टायल के आयोजन का निर्देश देने की मांग की थी।
सुशील कुमार पर अदालत ने कहा, ट्रायल कराना अनिवार्य नहीं

सुशील कुमार पर अदालत ने कहा, ट्रायल कराना अनिवार्य नहीं

दिल्ली उच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया कि राष्ट्रीय खेल संहिता और केंद्र के अनुसार भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के लिए रियो ओलंपिक 2016 में पहलवानों के चयन के लिए ट्रायल कराना अनिवार्य नहीं है। फिर भी अदालत ने कहा कि उसने इस मामले में लंबी बहस सुनी है और वह फैसला देगी। उसने खिलाड़ी की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा।
सुशील कुमार का आरोप डब्ल्यूएफआई वादे से मुकर रहा

सुशील कुमार का आरोप डब्ल्यूएफआई वादे से मुकर रहा

ओलिंपिक में दो बार पदक जीत चुके पहलवान सुशील कुमार ने कहा कि भारतीय कुश्ती महासंघ रियो खेलों से पहले पुरूष 74 किलोग्राम फ्रीस्टाइल वर्ग में ट्रायल कराने के अपने वादे से मुकर रहा है। ट्रायल कराया जाना चाहिए जिससे फैसला हो सके कि उनके और नरसिंह यादव के बीच कौन बेहतर है।
सतीश चंद्र मिश्रा को बसपा फिर भेजेगी राज्यसभा

सतीश चंद्र मिश्रा को बसपा फिर भेजेगी राज्यसभा

बहुजन समाज पार्टी ने उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के लिए पार्टी के अधिकृत उम्मीदवारों की घोषणा कर दी। बसपा प्रमुख मायावती ने पार्टी के भरोसेमंद सतीश चंद्र मिश्रा के नाम पर मुहर लगाई है।
सुशील की याचिका पर फेडरेशन और खेल मंत्रालय को नोटिस

सुशील की याचिका पर फेडरेशन और खेल मंत्रालय को नोटिस

दिल्ली उच्च न्यायालय ने आज भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) को निर्देश दिया कि ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार की बात सुनी जाए जिन्होंने रियो ओलंपिक 2016 की कुश्ती प्रतियोगिता के पुरुष 74 किग्रा फ्री स्टाइल वर्ग में भारत के प्रतिनिधित्व को लेकर फैसला करने के लिए चयन ट्रायल कराने की मांग की है।
रियो ओलंपिक : सुशील ने नरसिंह के साथ चाहा दंगल, मोदी को लिखा खत

रियो ओलंपिक : सुशील ने नरसिंह के साथ चाहा दंगल, मोदी को लिखा खत

इस बार पहलवान सुशील कुमार ने रियो ओलंपिक में 74 किलोग्राम वर्ग में कुश्‍ती के दांवपेंच आजमाने की चाहत रखे हुए हैं। इसके लिए उन्‍होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। सुशील ने पीएम से मिलने के लिए समय भी मांगा है। सुशील का कहना है कि 74 किलोग्राम वर्ग में उनके और नरसिंह‍ के बीच कुश्‍ती हो जाए। जो जीतेगा वह ओलंपिक में इस वर्ग में खेलने जाए।
मनमोहन सिंह के मौन का अर्थ। आलोक मेहता

मनमोहन सिंह के मौन का अर्थ। आलोक मेहता

मनमोहन सिंह की ईमानदारी और भलमनसाहत पर कोई प्रश्न नहीं उठाया गया। यह तर्क भी दिया जाता है कि वह राजनीतिज्ञ ही नहीं हैं। उनके वित्त मंत्री रहते शेयर घोटाले जैसे आरोप आने पर सारा कीचड़ नरसिंह राव के सिर पर उलट दिया गया। 2004 से 2014 तक दस वर्ष प्रधानमंत्री रहते हुए सरकार पर घोटालों और भ्रष्टाचार के गंभीरतम आरोप लगे एवं कांग्रेस पतन के गर्त तक पहुंच गई।