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चतुर्भुज स्थान की दास्तां कोठागोई

चतुर्भुज स्थान की दास्तां कोठागोई

यह किस्सों का संकलन है। मुजफ्फरपुर बिहार में तवायफों की एक 100 साल से पुरानी बस्ती है चतुर्भुज स्थान, जो बहुत प्रसिद्ध रहा है। उसके 100 साल के इतिहास को जानने-समझने की एक विनम्र कोशिश है यह किताब। इसमें उनके उत्थान के किस्से हैं, उनके पतन की नजीरें हैं। कोठागोई का एक उद्देश्य है आज की पीढ़ी का परिचय कोठों की उस संस्कृति से करवाना जो कभी तहजीब का केंद्र होता था, बाद में उसका रूप, उसकी पहचान बदलती गई। इसमें उन किरदारों के सुख हैं, दुःख हैं, गीत है, संगीत है जिनको न इतिहास ने याद किया न संस्कृति के अलंबरदारों ने। इस किताब का प्रकाशन वाणी प्रकाशन से हो रहा है।
दिल्ली एयरपोर्ट पर रेडियोधर्मी लीक से दहशत!

दिल्ली एयरपोर्ट पर रेडियोधर्मी लीक से दहशत!

शुक्रवार सुबह दिल्ली एयरपोर्ट पर किसी रेडियोधर्मी पदार्थ के रिसाव की खबर से दहशत फैल गई। खबर मिलते ही एनडीआरएफ की टीम तुरंत मौके पर पहुंची और पूरे क्षेत्र को विकिरणमुक्‍त करा लिया। शुरुआत में माना गया कि किसी रेडियोधर्मी पदार्थ का रिसाव हुआ है। यह पदार्थ फोर्टिस अस्‍पताल के लिए तुर्की के एक कार्गो विमान से लाया गया था। दिन भर एयपोर्ट को विकिरणमुक्‍त करने के लिए मशक्‍कत जारी रही। लेकिन शाम को परमाणु ऊर्जा नियामक बोर्ड और दिल्‍ली सरकार ने किसी रेडियोधर्मी पदार्थ के रिसाव से साफ इन्‍कार कर दिया।
विटामिन डी से लाभ के दावों पर उठे सवाल

विटामिन डी से लाभ के दावों पर उठे सवाल

यह तो सब को पता ही है कि सूर्य की किरणें विटामिन डी का सीधा स्रोत हैं। वर्तमान में जो जीवनशैली लोग अपनाए हुए हैं उसमें अधिकांश लोगों में विटामिन डी की कमी हो जाती है क्योंकि सूर्य की सीधी रोशनी लोगों के शरीर को कम ही छूती है।
42 साल कोमा के बाद अरुणा शानबाग का निधन

42 साल कोमा के बाद अरुणा शानबाग का निधन

करीब 42 सालों से जिंदा लाश की तरह केईएम अस्पताल के वॉर्ड नंबर 4 में भर्ती अरुणा शानबाग की मौत हो गई। तीन दिन पहले उन्हें निमोनिया के चलते आईसीयू में रखा गया था।
साई एथलीटों की हालत स्थिर, मेडिकल बोर्ड का गठन

साई एथलीटों की हालत स्थिर, मेडिकल बोर्ड का गठन

केरल में साइ सेंटर पर सीनियरों द्वारा कथित प्रताड़ना दिए जाने के कारण आत्महत्या के प्रयास में बची तीन युवा महिला खिलाड़ियों की हालत अब स्थिर है जबकि खेल मंत्रालय ने मामले की जांच के लिए मेडिकल बोर्ड का गठन किया है।
अब कौन सलमान का फैन

अब कौन सलमान का फैन

सलमान का भोला-भोला चेहरा हमेशा से ही लोगों के जहन में बहुत आसानी से जगह बनाता आया है। लाखों लोग उनके प्रशंसक हैं। उनकी भूमिकाओं के जरिए उनसे प्यार करने वालों की कमी नहीं है। अब जब सालों से चल रहे मुकदमे में उन्हें सजा हो गई है तो लाजिमी है कि उनके प्रशंसक जानें कि दरअसल वह उतने भोले भी नहीं जितने परदे पर दिखते हैं।
चिकित्सा के क्षेत्र में खामियां

चिकित्सा के क्षेत्र में खामियां

एक रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका जैसे विकसित देश में हर साल 10 हजार से ज्यादा मरीजों की मौत चिकित्सा त्रुटि के कारण हो रही है। स्वास्थ्य सेवाओं में गुणवत्ता का ध्यान रखकर, बेहतर सेवा प्रदान किया जा सकता है। ऐसा नहीं है कि इस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
व्यवस्था की विकलांगता ही चुनौतीः केदार

व्यवस्था की विकलांगता ही चुनौतीः केदार

जब वह मेरे दफ्तर मिलने के लिए आए तो अचानक ही लगा कि मेरा दफ्तर भी विकलांग व्यक्ति के लिए कितना असुविधाजनक है। वह हथेलियों में हवाई चप्पल पहने हुए पूरी सहजता और जबर्दस्त आत्मविश्वास के साथ दफ्तर में आ चुके थे। तकरीबन लपकते हुए वह कुर्सी की ओर बढ़े।
विरह में दो मंत्र

विरह में दो मंत्र

सर्वेश सिंह की कविताएं आध्यात्म और वास्तविक जीवन के ईद-गिर्द खूबसूरत ताना-बाना बुनती हैं। उनके द्वारा लिखे गए कई लेखों पर तीखी बहसें भी हुई हैं। उनकी कहानी ज्ञान क्षेत्रे, कुरूक्षेत्रे को बहुत सराहना मिली थी। सर्वेश फिलवक्त डीएवीपीजी कॉलेज, बनारस में हिंदी विभागाध्यक्ष हैं।