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Search Result : "निजी जानकारियां"

पाकिस्तान के सबसे अमीर नेताओं में नवाज शरीफ भी शामिल

पाकिस्तान के सबसे अमीर नेताओं में नवाज शरीफ भी शामिल

पनामा पेपर्स लीक विवाद के बीच पाकिस्तान के वजीरे आजम नवाज शरीफ दो अरब रूपये की निजी संपत्ति के साथ देश के सबसे अधिक दौलतमंद नेता के तौर पर उभरे हैं। गौरतलब है कि महज चार साल में उनकी संपत्ति में करीब एक अरब रूपये का इजाफा हुआ है।
इसरो के सस्ते यानों से अमेरिका का निजी अंतरिक्ष उद्योग नाराज

इसरो के सस्ते यानों से अमेरिका का निजी अंतरिक्ष उद्योग नाराज

अंतरिक्ष के क्षेत्र में अमेरिका के भारत के साथ सहयोग विस्तार को बढ़ावा देने के बीच देश के नवोदित निजी अंतरिक्ष उद्योग ने अमेरिकी उपग्रह को कक्षा में पहुंचाने के लिए बड़े पैमाने पर कम लागत वाले इसरो के प्रक्षेपण यानों के इस्तेमाल पर विरोध जताया है।
फ्रीडम 251 पर कांग्रेस ने सरकार से मांगा जवाब

फ्रीडम 251 पर कांग्रेस ने सरकार से मांगा जवाब

एक निजी कंपनी द्वारा 251 रुपये में स्मार्ट फोन उपलब्ध कराने की योजना को मेक इन इंडिया की बजाय मेक इन फ्रॉड करार देते हुए कांग्रेस के प्रमोद तिवारी ने इस योजना को लांच करने के अवसर पर भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति पर कड़ा एतराज जताया और सरकार से इस बारे में जवाब देने को कहा।
ऑटो वाले हड़ताल पर, मुंबई हलकान

ऑटो वाले हड़ताल पर, मुंबई हलकान

मुंबई और उसके उपनगरों में करीब एक लाख ऑटोरिक्शा वाले निजी टैक्सी कंपनियों के परिचालन और परमिट शुल्क में बढ़ोतरी के खिलाफ आज हड़ताल पर हैं। राज्य परिवहन आयुक्त श्याम वारधाने ने आज एक निर्देश जारी कर निजी कारों, बसों और अन्य वाहनों को सार्वजनिक परिवहन के रूप में चलाने की इजाजत दी है ताकि यात्रियों को कम असुविधा का सामना करना पड़े।
हेडली का धन भेजने में सारे नियमों का पालन किया: इंडसइंड बैंक

हेडली का धन भेजने में सारे नियमों का पालन किया: इंडसइंड बैंक

निजी क्षेत्र के इंडसइंड बैंक ने आज कहा कि उसने आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के लिए काम करने वाले पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी नागरिक डेविड हेडली को नकदी हस्तांतरित करते समय सभी नियमों और दिशानिर्देशों का अनुपालन किया था।
चर्चाः गरीब की जेब से डिजिटल क्रांति | आलोक मेहता

चर्चाः गरीब की जेब से डिजिटल क्रांति | आलोक मेहता

डिजिटल इंडिया का नारा आकर्षक है। रिक्‍शे वाला और सब्जी विक्रेता अथवा दूर-दराज काम कर रहे मजदूर के पास भी मोबाइल फोन पहुंच गया है। सरकार गौरव के साथ कहने लगी है कि देश में एक सौ करोड़ मोबाइल फोन लोगों के हाथों में दिखने वाले हैं। इस क्रांति से लोगों को सुविधा हो रही है, लेकिन धीरे-धीरे सरकार और निजी कंपनियां गरीब लोगों की जेब अधिक खाली करने लगी है।
लिंग परीक्षण का सुझाव मेनका गांधी की निजी रायः नड्डा

लिंग परीक्षण का सुझाव मेनका गांधी की निजी रायः नड्डा

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा ने कहा कि महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी द्वारा लिंग परीक्षण जांच संबंधी सुझाव उनकी व्यक्तिगत राय है, यह मंत्रीमंडल का निर्णय नहीं है।
निजी कोचिंग सेंटर शिक्षा का संगठित माफिया

निजी कोचिंग सेंटर शिक्षा का संगठित माफिया

जिसका मन करता है, वह चार कुर्सी-टेबल लगा कर कोचिंग सेंटर खोल लेता है क्योंकि हमारे देश में स्कूल खोलना मुश्किल काम है। स्कूल खोलने के लिए कई औपचारिकताएं होती हैं, जिसे हर कोई पूरा नहीं कर सकता है लेकिन निजी कोचिंग सेंटर के लिए कुछ नहीं करना होता। इसके लिए देश में कोई रेगुलेटरी बोर्ड नहीं। कोचिंग सेंटर्स शिक्षा का रैकेट और संगठित माफिया है। इनके बड़े-बड़े होर्डिंग्स, विज्ञापन छात्रों को आकर्षित करते हैं। शिक्षकों को लगता है कि स्कूल या कॉलेज में क्यों पढ़ाना? वे स्कूल-कॉलेज में वे ट्रिक्स नहीं देते जो कोचिंग सेंटर में देते हैं। कोई नहीं जानता कि देश में कितने कोचिंग इंस्टीट्यूट्स हैं, ये सालाना कितने करोड़ रुपये का कारोबार करते हैं।
आवरण कथाः उच्च शिक्षा की साख पर खतरा

आवरण कथाः उच्च शिक्षा की साख पर खतरा

हाल ही में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने देश में उच्च शिक्षा के गिरते स्तर को लेकर चिंता प्रकट की मगर साथ ही साथ उन्होंने इस बात पर संतोष भी जताया कि निजी शिक्षा के क्षेत्र में फैलाव से उच्च शिक्षा तक छात्रों की पहुंच बढ़ गई है। आंकड़े दिखाते हैं कि राष्ट्रपति की दोनों ही बातों में दम है। वर्तमान में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में 60 फीसदी छात्र निजी संस्थानों से हैं। निजी शिक्षा के प्रसार ने ऊंची शिक्षा तक पहुंच को बढ़ा दिया है लेकिन समय-समय पर सरकारी और निजी विश्वविद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठते रहे हैं। संसद की एक समिति ने भी उच्च शिक्षा की दशा पर सवाल उठाए हैं और इसे दुरुस्त करने की सिफारिश की है। हालांकि शिक्षा को लेकर सरकार कितनी गंभीर है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि साल 2014-15 के बजट में शिक्षा के बजट को 83 हजार करोड़ रुपये से घटाकर 69 हजार करोड़ रुपये कर दिया गया और इससे अगले साल के बजट में भी इसमें बढ़ोतरी नहीं की गई।
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