इंटरनेट क्षेत्र की कंपनी याहू करीब 1,700 कर्मचारियों की छंटनी करने जा रही है। इस क्रम में देखना है कि मुख्य कार्यकारी मेरिसा मेयर की नौकरी बचती है या नहीं।
भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि पहले भाजपा की सरकार बनवाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की अब राममंदिर के निमार्ण के लिए काम करेंगे। एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में स्वामी ने कहा कि मैं तो मंत्री नहीं बना, सांसद नहीं बना पर मैंने सबसे ज्यादा योगदान किया कि ये सरकार आए इसके लिए विश्व हिंदू परिषद और संघ के साथ मिलकर काम किया।
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की चर्चा भर से बुद्धिजीवियों एवं राजनीतिज्ञों का एक वर्ग छद्म आक्रोश व्यक्त करने लगता है। ऐसा ही तब हुआ जब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक श्री मोहन भागवत ने विश्व हिंदू परिषद के नेता अशोक सिंघल की श्रद्धांजलि सभा में राम मंदिर निर्माण के संकल्प को दोहराया। फिर क्या था। संघ पर सांप्रदायिकता, ध्रुवीकरण, न्यायालय की अवहेलना जैसे आरोप मढ़ दिए गए।
नेपाल के पूर्व नरेश ज्ञानेंद्र शाह ने पिछले एक दशक से अपने महल के बिजली बिल का भुगतान नहीं किया है। पूर्व नरेश पर जुर्माने के साथ अब 70,000 डॉलर का बिजली बिल बकाया हो गया है।
विश्व हिंदू परिषद ने ऐलान किया है कि सवा लांख गांवों में नए मंदिरों का निर्माण होगा। इस बार रामनवमी से यह काम शुरू हो जाएगा। घोषणा उत्तर प्रदेश में की गई है, लेकिन लक्ष्य देश भर के गांवों का है।
भारत की कंपनी हाइक मैसेंजर ने फेसबुक पर उसके विज्ञापनों के एक विकल्प को बंद करने का आरोप लगाया जिसके जरिये लोग इस चैटिंग एप्लिकेशन वेबसाइट पर जा सकते हैं। भारती एंटरप्राइजेज के चेयरमैन सुनील मित्तल के पुत्र केविन मित्तल की कंपनी हाइक, फेसबुक के स्वामित्व वाले एप्लिकेशन व्हाट्सऐप से प्रतिस्पर्धा कर रही है। हाइक का स्वामित्व भारती और जापान के साफ्टबैंक के संयुक्त उद्यम के पास है।
दिल्ली विश्वविद्यालय में राम मंदिर के निर्माण पर आयोजित सम्मेलन में भाजपा के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि कोई भी कार्य बलपूर्वक या कानून के खिलाफ नहीं किया जाएगा। सम्मेलन को लेकर विश्वविद्यालय के छात्रों और शिक्षकों के जारी विरोध के बीच स्वामी ने कहा, अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हमारी संस्कृति को पुनर्जीवित करने के लिए जरूरी है और जब तक इसका निर्माण नहीं होता है तब तक हम इसे नहीं छोड़ेंगे।
यूं तो कलाई घड़ी का पूरा कारोबार ही संकट में है। हाथ में थमा मोबाइल फोन एक साथ घड़ी, कैलेंडर, डायरी और इस तरह के दसियों काम को अंजाम देता है मगर इस कंपनी का बंद होना पुरानी पीढ़ी के लोगों के लिए शायद कुछ ज्यादा निराशाजनक है। एक दौर था जब हिंदुस्तान मशीन टूल्स यानी एचएमटी की घड़ियों की तूती बोलती थी और देश की हर कलाई पर यह घड़ी सजती थी।