मद्रास उच्च न्यायालय ने सत्ताधारी पार्टी के 130 विधायकों को कथित कैद में रखने को लेकर दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिकाओं पर तुरंत सुनवाई करने से आज इनकार कर दिया। इससे पहले तमिलनाडु सरकार ने कहा कि ये विधायक कहीं भी आने जाने के लिये स्वतंत्र हैं और वे विधायक निवास में ही हैं।
अन्नाद्रमुक के प्रिसिडियम अध्यक्ष ई. मदुसूदनन ओ पनीरसेल्वम के खेमे में आज यह कहते हुए आ गए कि वह पार्टी को बचाना चाहते हैं। उनके आने से मुख्यमंत्री के खेमे को बड़ी बढ़त मिली है। मदुसूदनन ने कहा, अन्नाद्रमुक की रक्षा करने के लिए हर किसी को ओपीएस (पनीरसेल्वम) के साथ आना चाहिए।
भारत के एकदम दक्षिणी राज्य तमिलनाडु में सत्ताधारी पार्टी अन्नाद्रमुक में मचा घमासान गुरुवार को भी जारी रहा। राज्यपाल विद्यासागर राव आज मुंबई से चेन्नई पहुंचे और बारी-बारी से दोनों पक्षों यानी पनीरसेल्वम और शशिकला से मुलाकात की मगर अभी तक उन्होंने नई सरकार के गठन या पनीरसेल्वम को सदन में बहुमत साबित करने के लिए समय देने संबंधी कोई घोषणा नहीं की है। माना जा रहा है कि वे अब कानूनी विशेषज्ञों से सलाह लेने के बाद कोई फैसला करेंगे।
एक ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि उत्तराखंड में दोबारा चुनाव लड़ रहे 60 विधायकों की संपत्ति में पिछले पांच सालों में औसतन 1.77 करोड़ रूपये का इजाफा हुआ है। भाजपा के 29 विधायकों की संपत्ति में औसतन दो करोड़ रूपये से अधिक का इजाफा हुआ वहीं कांग्रेस के 28 विधायकों की संपत्ति में एक करोड़ रूपये से अधिक की वृद्धि हुई।
तमिलनाडु में मुख्यमंत्री पद पर बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है क्योंकि सत्ताधारी अन्नाद्रमुक के विधायक कल आयोजित होने वाली बैठक में दिवंगत जयललिता की करीबी सहयोगी शशिकला से सरकार की कमान संभालने का अनुरोध कर सकते हैं।
भाजपा ने पंजाब में 17 सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों के नाम की आज घोषणा की लेकिन उसने उन छह अन्य सीटों पर उम्मीदवारों के नाम की घोषणा नहीं की, जहां मौजूदा विधायक पार्टी से ही हैं। इससे यह संकेत मिलता है कि उनमें से कुछ का नाम इस बार सूची में शामिल नहीं किए जाने की संभावना है।
एक 14 साल की नाबालिग लड़की से जुड़े सेक्स रैकेट के मामले में वांछित मेघालय के निर्दलीय विधायक जूलियस दोरफांग को असम से गिरफ्तार किया गया है। विधायक की गिरफ्तारी लुक आउट नोटिस जारी करने के एक दिन बाद हुई। राज्य पुलिस ने पड़ोसी राज्यों की पुलिस से विधायक की तलाश में मदद मांगी थी।
देश के निवर्तमान प्रधान न्यायाधीश टीएस ठाकुर ने आज एक बार फिर लंबित मामलों की बढती संख्या के बीच न्यायाधीशों की कमी पर चिंता जताई और न्यायपालिका से भविष्य में चुनौतियों के लिए तैयार रहने का आह्वान किया ताकि यह सुनिश्चित हो कि राष्ट्र एक समग्र समाज बना रहे।