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फेडरल रिजर्व ने बढ़ाई ब्‍याज दर, भारत चुनौती के लिए तैयार

फेडरल रिजर्व ने बढ़ाई ब्‍याज दर, भारत चुनौती के लिए तैयार

अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने 2008 के वित्तीय संकट के बाद सात साल में पहली बार ब्याज दर 0.25 फीसदी बढ़ाई है। इस बढ़ोतरी के बाद अमेरिका में ब्‍याज दरें 0.25 से 0.50 फ़ीसदी के बीच आ जाएंगे। इस फैसले को अमेरिका अर्थव्‍यवस्‍था में सुधार का संकेत माना जा रहा है और इसका असर पूरी दुनिया पर पड़ सकता है। हालांकि, भारत सरकार ने कहा है कि वह इस चुनौती से निपटने के लिए तैयार है।
मौद्रिक नीति समीक्षा: नीतिगत ब्याज दरों में बदलाव नहीं

मौद्रिक नीति समीक्षा: नीतिगत ब्याज दरों में बदलाव नहीं

रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने मंगलवार को मुख्य नीतिगत ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं किया लेकिन कहा कि आगे गुंजाइश होने पर केंद्रीय बैंक इसमें कटौती करने को प्रतिबद्ध है। गवर्नर ने यह भी कहा कि चालू वित्त वर्ष में मुद्रास्फीति की स्थिति पहले के अनुमान से बेहतर रहने की उम्मीद है।
आरबीआई ने नहीं घटाई ब्‍याज दरें, बैंकों पर बनाया दबाव

आरबीआई ने नहीं घटाई ब्‍याज दरें, बैंकों पर बनाया दबाव

ऊंची महंगाई दर का हवाला देते हुए रिजर्व बैंक ने नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन ने कहा है कि इस साल ब्‍याज दरों में हुई कटौती का पूरा फायदा बैंकों ने ग्राहकों तक नहीं पहुंचाया है।
गवर्नर की वीटो पावर खत्म करने के पक्ष में रघुराम राजन!

गवर्नर की वीटो पावर खत्म करने के पक्ष में रघुराम राजन!

ब्‍याज दरें तय करने के मामले में आरबीआई गवर्नर की वीटो पावर खत्‍म करने के मुद्दे पर आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन भी सरकार के सुर में सुर मिलाते दिख रहे हैं। राजन ने कहा है कि बेहतर होगा यदि एक व्यक्ति के बजाय कोई समिति मुख्‍य ब्‍याज दरों के बारे में फैसला करे। राजन के मुताबिक, इस मामले पर आरबीआई और सरकार के बीच कोई मतभेद नहीं है।
सस्‍ते कर्ज की आस, रेपो रेट 0.25% घटा

सस्‍ते कर्ज की आस, रेपो रेट 0.25% घटा

रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती की है, जिससे कर्ज सस्‍ता होने की उम्‍मीद बढ़ गई है। फिलहाल बैंकाें को आरबीआई से सस्‍ता कर्ज मिलेगा। माना जा रहा है कि जल्‍द ही बैंक इस राहत को ग्राहकों तक भी पहुंचाएंगे।
रिजर्व बैंक ने नीतिगत दरें अपरिवर्तित रखीं

रिजर्व बैंक ने नीतिगत दरें अपरिवर्तित रखीं

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने मंगलवार को नीतिगत ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं किया। वह देखना चाहते हैं कि खाद्य मुद्रास्फीति पर हाल की बेमौसम बारिश का क्या असर रहता है। साथ ही वह यह भी चाहते हैं कि रेपो दर में पिछली कटौतियों का फायदा बैंक उपभोक्ताओं को दें।
राजन की नाराजगी के बाद स्टेट बैंक ने दरें गिराईं

राजन की नाराजगी के बाद स्टेट बैंक ने दरें गिराईं

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन द्वारा ब्याज दरों में कटौती का फायदा उपभोक्ताओं को न देने के लिए बैंकों की आलोचना किए जाने के बाद मंगलवार को देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक ने ऋण पर ब्याज दर में 0.15 प्रतिशत कटौती की घोषणा कर दी। एसबीआई द्वारा यह कदम उठाए जाने के कुछ ही देर बाद निजी क्षेत्र के दो बड़े बैंकों आईसीआईसीआई और एचडीएफसी ने अपने दरों में कटौती कर दी। एचडीएफसी ने जहां एसबीआई के बराबर .15 फीसदी की कटौती की वहीं आईसीआईसी बैंक ने आधार दर में .25 फीसदी की कमी की। अब एचडीएफसी बैंक की आधार दर 9.85 फीसदी हो जाएगी वहीं आईसीआईसीआई बैंक की आधार दर 9.75 फीसदी रहेगी।
घटेंगी लैंडलाइन फोन की दरें

घटेंगी लैंडलाइन फोन की दरें

इससे लैंडलाइन फोन कॉल की दरों में कमी आने की उम्मीद है। देश में फिक्स्ड लाइन फोन कनेक्शनों को बढ़ावा देने के लिए भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने लैंडलाइन सेवा प्रदाता द्वारा अन्य सेवाप्रदाताओं को उसके उपभोक्ता की कॉल को संप्रेषित करने के लिए दिए जाने वाले शुल्क को हटा दिया है।
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