Advertisement

Search Result : "नीतीश कुमा"

नीतीश का जादू चला, लेकिन सबसे ज्‍यादा सीटें लालू को

नीतीश का जादू चला, लेकिन सबसे ज्‍यादा सीटें लालू को

बिहार विधानसभा चुनाव के अब तक के रुझानों से साफ हो गया है कि शानदार जीत के साथ नीतीश कुमार एक बार फिर बिहार में सरकार बनाने जा रहे हैं। महागठबंधन को 178 सीटें मिली हैं जबकि भाजपा नीत एनडीए सिर्फ 58 सीटें हासिल कर पाया है। खास बात यह है कि लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्‍ट्रीय जनता दल 80 सीटों के साथ बिहार में सबसे बड़े दल के तौर पर उभरी है जबकि नीतीश की जदयू 71 सीटों पर जीती है। पिछली बार 91 सीटें जीतने वाली भाजपा 53 सीटों पर सिमटकर रह गई है।
महागठबंधन को 178 सीटें, भाजपा की करारी हार

महागठबंधन को 178 सीटें, भाजपा की करारी हार

बिहार चुनाव में नीतीश-लालू के महागठबंधन को शानदार जीत मिली जबकि भाजपा नेतृत्‍व वाले एनडीए का सफाया हो गया है। नीतीश कुमार एक बार फिर राज्‍य के मुख्‍यमंत्री बनने जा रहे हैं। बिहार के साथ-साथ देश की राजनीतिक दिशा-दशा तय करने वाले इन चुनावों में महागठबंधन ने 178 सीटें हासिल की हैं जबकि एनडीए के खाते में सिर्फ 58 सीटें आई हैं। भाजपा खिसक कर तीसरे नंबर पर आ गई है। लालू यादव की राजद सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।
बिहार चुनाव अपडेट: पीएम मोदी ने दी नीतीश कुमार को बधाई

बिहार चुनाव अपडेट: पीएम मोदी ने दी नीतीश कुमार को बधाई

विधानसभा चुनाव में शानदार जीत के साथ नीतीश कुमार एक बार फिर बिहार के मुख्‍यमंत्री बनने जा रहे हैं। भाजपा और इसके सहयोगी दलों को चुनाव में बुरी तरह हार का मुहं देखना पड़ा है जबकि नीतीश-लालू की जोड़ी ने रंग जमा दिया।
बिहार से निकली बात दूर तलक जाएगी | नीलाभ मिश्र

बिहार से निकली बात दूर तलक जाएगी | नीलाभ मिश्र

बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे राष्ट्रीय राजनीति में भले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्थिति को तत्काल कोई खतरा न पहुंचाएं मगर कुछ चीजें तो इसने बिलकुल साफ कर दी हैं। सबसे पहले तो इन नतीजों ने भारतीय जनता पार्टी के सामने यह सबक रखा है कि समाज को बांटने वाले मुद्दे ज्यादा दूर तक आपका साथ नहीं देते। भाजपा को इस देश में अगर सही मायने में एक दक्षिणपंथी विचारधारा वाली पार्टी बनना है तो उसे सामाजिक विभाजक मुद्दों से परहेज करना चाहिए। एक बार को जनता आपकी दक्षिणपंथी आर्थिक नीतियों को तो सह लेगी मगर सामाजिक विभाजक नीतियों को नहीं। वैसे भारत में आर्थिक दक्षिणपंथी नीतियों के लिए भी जगह कम ही है।
नफरत की राजनीति फेल, मजबूत विपक्ष चाहता है देश: नीतीश

नफरत की राजनीति फेल, मजबूत विपक्ष चाहता है देश: नीतीश

बिहार में प्रचंड बहुमत के साथ तीसरी बार मुख्‍यमंत्री बनने जा रहे नीतीश कुमार ने देश की भावी राजनीति में भूमिका के संकेत दे दिए हैं। चुनाव नतीजे आने के बाद पहली बार मीडिया से रूबरू हुए नीतीश कुमार ने कहा कि देश मजबूत विपक्ष चाहता है और महागठबंधन मजबूत विकल्‍प है। बिहार की जनता ने समाज को बांटने की राजनीति को नकार दिया है।
बिहार चुनाव: महागठबंधन की आंधी में कई दिग्गज धराशायी

बिहार चुनाव: महागठबंधन की आंधी में कई दिग्गज धराशायी

महागठबंधन की इस आंधी में बिहार की राजनीति के कई बड़े और चर्चित चेहरों को हार का सामना करना पड़ा है। भाजपा, लोजपा और हम के साथ साथ एमआईएम के कई बड़े नेता हार गए हैं।
एग्जिट पोल: कांटे की टक्‍कर में नीतीश का पलड़ा भारी

एग्जिट पोल: कांटे की टक्‍कर में नीतीश का पलड़ा भारी

बिहार विधानसभा चुनाव के पांचवें और आखिरी चरण का मतदान संपन्‍न होते ही आज कई न्‍यूज चैनलों ने अपने ए‍ग्जिट पोल के नतीजे जारी किए हैं। टुडेज-चाणक्‍य और इंडिया टुडे को छोड़कर ज्‍यादातर ए‍ग्जिट पोल कांटे की टक्‍कर में महागठबंधन का पलड़ा भारी होने का अनुमान लगा रहे हैं।
डिजिटल नामसझी ने कराई भाजपा नेताओं की किरकिरी

डिजिटल नामसझी ने कराई भाजपा नेताओं की किरकिरी

यह सही है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वजह से ही भारत में छोटे-बड़े तमाम नेताओं ने सोशल मीडिया और इंटरनेट की ताकत का लोहा माना है। लेकिन ऐसा लगता है कि खुद भाजपा के नेताओं को अभी डिजिटल दुनिया के बारे में काफी कुछ सीखने की जरूरत है। बिहार चुनाव में भाजपा नेताओं की डिजिटल नासमझी के चलते नीतीश कुमार के खिलाफ चला दांव उल्‍टा पड़ गया और पार्टी की किरकिरी हुई सो अलग।
दारूवाला का दावा, मोदी दिखा चुके हैं अपना हाथ

दारूवाला का दावा, मोदी दिखा चुके हैं अपना हाथ

देश के प्रसिद्ध ज्योतिष बेजान दारूवाला ने दावा किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उन्हें अपना हाथ दिखा चुके हैं। इस संबंध में दारूवाला की ओर से एक फोटो भी जारी किया गया है जिसमें पीएम मोदी उन्हें अपना हाथ दिखाते हुए नजर आ रहे हैं।
इन छह चीजों ने तय की हैं बिहार चुनाव की रेखा

इन छह चीजों ने तय की हैं बिहार चुनाव की रेखा

चुुनाव अपने यहां सचमुच उत्सव हैं। चुनाव लडऩे-लड़ाने वालों को छोडक़र सभी इसको इंज्वॉय करते हैं। और बिहार चुनाव तो उत्सवों के समय ही होते रहे। दशहरा, दीपावली- सबको निबटाते हुए चुनाव में भागीदारी का अलग ही आनंद है। बिहार का आदमी थोड़ा हटकर भी होता है। वह अमेरिकी चुनाव को लेकर भी अंदर की खबरें जानता-समझता है। इस मामले में भुच्च बिहारी भी इंटरनेशनल है। इसलिए कोई यह कैसे सोच सकता है कि अपने घर में हो रहे चुनाव के अंदर की खबरें उसके पास नहीं होंगी।
Advertisement
Advertisement
Advertisement