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नीतीश ने मोदी से हाथ मिला ही लिया

नीतीश ने मोदी से हाथ मिला ही लिया

राजनीतिक दुश्मनी छोड़ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हाथ मिला ही लिया। इससे पहले बिहार में राजनीतिक समीकरण के चलते नीतीश मोदी से मिलना नहीं चाहते थे। 34 महीनों बाद मोदी और नीतीश की मुलाकात में बिहार के विकास को लेकर चर्चाएं हुई।
सेबी ने नगर पालिका बांड, आइफएससी नियमों को मंजूरी दी

सेबी ने नगर पालिका बांड, आइफएससी नियमों को मंजूरी दी

भारतीय पूंजी बाजार को और व्यापक बनाने तथा कंपनियों और बुनियादी परियोजनाओं के लिए पूंजी जुटाने के काम में आसानी के लिए भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने रविवार को कई फैसले किए। इनमें नगर पालिका बांडों की सूचीबद्धता और देश में सिंगापुर और दुबई की तर्ज पर वित्तीय सेवा केंद्रों की स्थापना के नियम शामिल हैं।
बच्चियों से बलात्कार का आरोपी आइएएस गिरफ्तार

बच्चियों से बलात्कार का आरोपी आइएएस गिरफ्तार

महाराष्ट्र के पूणे में अट्ठावन साल के एक आइएएस अधिकारी को चार नाबालिग लड़कियों के साथ छेड़छाड़ और बलात्कार करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। यहां पुलिस ने यह जानकारी दी है।
भूमि अधिग्रहण विधेयक के खिलाफ नीतीश का सत्याग्रह

भूमि अधिग्रहण विधेयक के खिलाफ नीतीश का सत्याग्रह

भूमि अधिग्रहण विधेयक के विरोध में बिहार में सत्ताधारी पार्टी जदयू के राज्यव्यापी आंदोलन के तहत राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की तर्ज पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का 24 घंटे का सत्याग्रह और उपवास पटना स्थित जदयू मुख्यालय में शनिवार सुबह से शुरू हो गया है।
नीतीश के सामने और भी है चुनौतियां

नीतीश के सामने और भी है चुनौतियां

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भले ही विश्वास मत हासिल कर लिया हो लेकिन इस साल के अंत में राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव में असल चुनौती अभी बाकी है।
मांझी गुट के विधायकों ने दिया नीतीश का साथ

मांझी गुट के विधायकों ने दिया नीतीश का साथ

बिहार के मुख्य‍मंत्री नीतीश कुमार ने विश्वासमत हासिल कर लिया। पूर्व मुख्य‍मंत्री जीतनराम मांझी गुट के विधायकों ने भी विधायकी जाने के डर से नीतीश कुमार का साथ दिया। विश्वासमत प्रस्ताव के पक्ष में 140 वोट पड़े जबकि विरोध में कोई मत नहीं पड़ा।
विश्वास मत के दौरान अनुपस्थित मांझी

विश्वास मत के दौरान अनुपस्थित मांझी

बिहार विधानमंडल के समवेत सत्रा में आज राज्यपाल केशरी नाथ त्रिापाठी के अभिभाषण और उसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सरकार के विश्वास मत हासिल करने के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी सदन से अनुपस्थित रहे। वह विधानसभा सचिवालय के जवाब का इंतजार कर रहे हैं कि उन्हें असंबद्ध घोषित किए जाने के बाद उनपर व्हिप लागू होगा।
भाजपा ने धोखा दिया- मांझी

भाजपा ने धोखा दिया- मांझी

बिहार की राजनीति अभी गर्म लावा की तरह है। जिसकी आंच दिल्ली तक जा रही है। राजनीति के कई माहिर खिलाड़ी आने वाले चुनाव को लेकर रणनीति बनाने में लगे हैं। ऐसे में बिहार के पूर्व मुक्चयमंत्री जीतन राम मांझी की भूमिका सभी दलों के लिए चुनौती है। मांझी इतिहास के छात्र रहे हैं, उन्हें अतीत की समझ है। वे जानते हैं राजनीति के लिए इतिहास का होना जरुरी है। इतिहास में दलितों की ञ्चया जगह रही है उसे वे बार बार याद दिलाते हैं। मांझी जानते हैं दलित होने के क्या‍ फायदे और नुकसान हैं। मांझी से कई मुद्दों पर आउटलुक के लिए निवेदिता ने बातचीत की। पेश है प्रमुख अंश-