23 अप्रैल 2015 को दौसा के गजेंद्र सिंह के रूप में देश के हाहाकार ने जंतर-मंतर पर दम तोड़ दिया। उसकी चीखती खामोशी को सत्ता और मीडिया की धडक़नों में एक और हाहाकार के रूप में धड़कना चाहिए था।
रमणिका फाउंडेसन का सम्मान समारोह हाशिए के शब्दों को रेखांकित करने और पूरी शक्ति के साथ उनके समर्थन में खड़े होने के अपने संकल्प की ओर बढ़या गया एक ठोस और सार्थक कदम है
केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्री कलराज मिश्र ने कहा है कि किरण बेदी को नेता के तौर पर पेश किए जाने से दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा को नुकसान हुआ और पार्टी अब अन्य राज्यों में पैराशूट नेताओं के कारण पैदा होने वाली स्थिति से निपटने के लिये ठोस रणनीति बना रही है।
भारतीय संविधान के तहत उपलब्ध न्यायिक सुनवाई के अधिकार और संस्थाबद्ध प्रणालियों में त्वरित न्याययिक सुनवाई के अधिकार की ज्यादा गुंजाइश नहीं बनाई गई है, यह हाल में 40 साल बाद ललित नारायण मिश्र हत्याकांड में आए फैसले से साबित है।