राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की सांसद सुप्रिया सुले ने मौजूदा राजनीतिक हालात में महिला नेताओं की भूमिका और महिला सशक्तीकरण के मुद्दों पर रखी है अपनी बेबाक राय
बिहार चुनाव पराजय की जिम्मेदारी तय करने के लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी जैसे वरिष्ठ नेताओं के बयान का स्वागत करते हुए भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने आज कहा कि हमें जिम्मेदारी तय करने से भागना नहीं चाहिए। उन्होंने कहा, अब जनादेश सामने आ गया है। हम इस शर्मनाक हार से दुखी हैं। हमें जवाबदेही तय करने से भागना नहीं चाहिए।
पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश के बयान के बाद से पार्टी में दो राय बनती दिख रही है। रमेश ने यह संकेत दिया कि जब राहुल कांग्रेस की कमान संभालेंगे तो पार्टी में 60 साल से अधिक उम्र के नेताओं की भूमिका सीमित हो जाएगी।
बिहार में दो चरण का मतदान होने के बाद मतदान के रुझानों और विभिन्न जातों की गोलबंदी से एक बड़ा सवाल उभर रहा है कि क्या यह विधानसभा चुनाव अगड़ा बनाम पिछड़ा बनता जा रहा है।
संसद सत्र के दौरान सुबह ठीक साढे 10.30 बजे। कांग्रेस के युवा सांसदों की एक टीम पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मिलती है और यह तय किया जाता है कि आज सरकार का विरोध किस तरीके से करना है, कब तक करना है और किस हद तक जाना है। यह कोई एक दिन की रणनीति नहीं होती थी बल्कि हर दिन सत्र से पहले कांग्रेस के युवा सांसदों की टीम राहुल के इंतजार में रहती थी और इशारा मिलने पर पूरी मुस्तैदी के साथ सरकार के विरोध में उतर आती।
भारतीय जनता पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने पार्टी के संस्थापक सदस्य को अपनी व्यथा सुनाते हुए कहा कि सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। तब पार्टी के संस्थापक सदस्य ने कहा कि, 'कुछ मत बोलो बहुत टेरर है।’ विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक यह कटाक्ष भाजपा के मौजूदा नेतृत्व को लेकर था और जब पार्टी के वरिष्ठ नेता शांता कुमार की चिट्ठी सामने आई तो इस 'टेरर’ का अंदाजा लगाया जा सकता है।
स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं की मानें तो प्राकृतिक माहौल में सैर करने से अवसाद से दूर रहा जा सकता है। जो लोग अवसाद में रहते हैं और शहरी इलाकों या बहुत भीड़ वाली जगह पर रहते हैं या ऐसी ही जगहों पर सैर करते हैं उन्हें सलाह है कि प्रकृति के थोड़ा करीब जाएं।
जो न बदले वह फैशन ही क्या। पल-पल बदलती शैली ही फैशन की असली ताकत है। खादी आजादी की लड़ाई के वक्त से जनता के बीच लोकप्रिय है। पर इसे जनप्रिय बनाने के लिए समय-समय पर बदलाव करने पड़ते हैं। फैशन के इस दौर में खादी भी निखर रही है, संवर रही है।
अमेरिका के एक पूर्व शीर्ष राजनयिक ने कहा है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वैश्विक जिम्मेदारियों को उठाने और भारत एवं अमेरिका के बीच संबंधों को मजबूती देने के लिए भारत के भीतर मोदी की प्रगति बेहद जरूरी है।
प्रधानमंत्री मोदी ने दक्षिणी कोरिया की राजधानी सोल में आयोजित छठे एशिया नेतृत्व सम्मेलन में कहा, यदि एशिया को एक बनकर उभरना है तो उसे अपने आप को क्षेत्रीय धड़े के रूप में नहीं सोचना चाहिए।