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Search Result : "नेतृत्व शैली"

प्रकृति के साथ अवसाद की न हो बात

प्रकृति के साथ अवसाद की न हो बात

स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं की मानें तो प्राकृतिक माहौल में सैर करने से अवसाद से दूर रहा जा सकता है। जो लोग अवसाद में रहते हैं और शहरी इलाकों या बहुत भीड़ वाली जगह पर रहते हैं या ऐसी ही जगहों पर सैर करते हैं उन्हें सलाह है कि प्रकृति के थोड़ा करीब जाएं।
निखर रही है खादी

निखर रही है खादी

जो न बदले वह फैशन ही क्या। पल-पल बदलती शैली ही फैशन की असली ताकत है। खादी आजादी की लड़ाई के वक्त से जनता के बीच लोकप्रिय है। पर इसे जनप्रिय बनाने के लिए समय-समय पर बदलाव करने पड़ते हैं। फैशन के इस दौर में खादी भी निखर रही है, संवर रही है।
भारत में मोदी की प्रगति वैश्विक नेतृत्व के लिए जरूरी: बर्न्स

भारत में मोदी की प्रगति वैश्विक नेतृत्व के लिए जरूरी: बर्न्स

अमेरिका के एक पूर्व शीर्ष राजनयिक ने कहा है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वैश्विक जिम्मेदारियों को उठाने और भारत एवं अमेरिका के बीच संबंधों को मजबूती देने के लिए भारत के भीतर मोदी की प्रगति बेहद जरूरी है।
एशिया के दो चेहरे नहीं होने चाहिए: मोदी

एशिया के दो चेहरे नहीं होने चाहिए: मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने दक्षिणी कोरिया की राजधानी सोल में आयोजित छठे एशिया नेतृत्व सम्मेलन में कहा, यदि एशिया को एक बनकर उभरना है तो उसे अपने आप को क्षेत्रीय धड़े के रूप में नहीं सोचना चाहिए।
एक शाम वतन की राह पर

एक शाम वतन की राह पर

दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के स्पेशल सीपी और चर्चित बांसुरी वादक मुक्तेश चंद्र जी ने पहली बार देश भक्ति के गीतों पर अपनी बांसुरी की तान छेड़ी।
येचूरी के नेतृत्व में भाकपा के साथ क्या माकपा का होगा विलय

येचूरी के नेतृत्व में भाकपा के साथ क्या माकपा का होगा विलय

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की कमान सीताराम येचूरी के हाथों में आने के कई निहितार्थ हैं। सबसे पहला एजेंडा भाकपा के साथ विलय का संभावना पर विचार करना है। भाकपा का एक धड़ा लंबे समय से यह चाह रहा है, येचूरी ने इस ओर इशारा भी किया है। संकट के दौर में वाम दलों का एका एक लोकप्परिय समाधान के तौर पर देखा जा रहा है।
राहुल वापसी के बजाय जमीन वापसी पर चर्चा बेहतर होगी

राहुल वापसी के बजाय जमीन वापसी पर चर्चा बेहतर होगी

मीडिया, खासकर इलेक्ट्रॉनिक ‌मीडिया आज दिनभर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की 56 दिनों की छुट्टी के बाद दिल्ली वापसी की खबरों को लेकर जितना व्यग्र था उतना तो शायद कांग्रेस अध्यक्ष भी पार्टी के भविष्य को लेकर न रही होगी।
राहुल की वापसी से क्या कांग्रेस को वापस मिलेगी जमीन

राहुल की वापसी से क्या कांग्रेस को वापस मिलेगी जमीन

आखिरकार राहुल गांधी की घर वापसी हो गई। अब कल वह किसानों के बीच पार्टी की क्या दशा-दिशा तय करेंगे। इसकी तैयारी में कांग्रेस पार्टी का सारा नेतृत्व जुटा हुआ है। कई नेताओं ने बताया कि अब पार्टी में एक जान का संचार होगा और वह नई ऊर्जा के साथ किसानों के बीच भू-अधिग्रहण पर जाएगी।
नेतृत्व के मुद्दे पर कांग्रेस में वरिष्ठ नेताओं के अलग-अलग सुर

नेतृत्व के मुद्दे पर कांग्रेस में वरिष्ठ नेताओं के अलग-अलग सुर

नेतृत्व के मुद्दे पर कांग्रेस में अलग-अलग सुर सुनने को मिले। वरिष्ठ नेता अंबिका सोनी ने जहां सोनिया गांधी के अध्यक्ष पद पर बने रहने की जरूरत पर जोर दिया, वहीं पार्टी महासचिव दिग्विजय सिंह ने राहुल गांधी की वकालत करते हुए कहा कि पीढ़ीगत बदलाव होना है।