इस बार के राष्ट्रीय पुरस्कारों में अलग हट कर बनी फिल्मों ने बाजी मारी है। दम लगा के हाईशा, पीकू और तनु वेड्स मनु रिटर्न्स का पुरस्कारों की सूची में तीन महत्वपूर्ण स्थान लेना दिखाता है कि ‘ऑफ बीट’ सिनेमा का दम अब तक बरकरार है।
गूगल मैप पर एंटी नेशनल, सिडिशन, पैट्रियोटिज्म और भारत माता की जय जैसे शब्द सर्च करने पर यूजर को जेएनयू की तरफ निर्देशित किया जाता है जहां के छात्र देशद्रोह के आरोपों का सामना कर रहे हैं।
संजय लीला भंसाली के निर्देशन में बनी फिल्म बाजीराव मस्तानी ने टाइम्स ऑफ इंडिया फिल्म अवार्ड्स के दूसरे सत्र के दुबई में शुरू होने पर सर्वश्रेष्ठ कॉस्ट्यूम डिजाइन समेत तकनीकी श्रेणियों में सर्वाधिक पुरस्कारों पर कब्जा किया।
सेंसर बोर्ड के प्रमुख पहलाज निहलानी ने दावा किया कि ऐसी कई घटनाएं हुई हैं जब निर्देशकों ने अपनी फिल्म में कुछ सीन रहने देने के लिए उन्हें रिश्वत देने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि कुछ लोग रिश्वत देकर अपने काम को वैसा ही बनाए रखना चाहते हैं।
अपने संजीदा अभिनय के लिए मशहूर इरफान खान जल्द ही जाने-माने बांग्लादेशी निर्देशक मुस्तफा सरवर फारूकी के निर्देशन में बनने वाली अंतरराष्ट्रीय फिल्म नो बेड ऑफ रोजेज में मुख्य भूमिका में नजर आएंगे।