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जेएनयू छात्र हड़ताल पर, कन्हैया की अदालत में पेशी आज

जेएनयू छात्र हड़ताल पर, कन्हैया की अदालत में पेशी आज

जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्रसंघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार की देशद्रोह के आरोप में की गई गिरफ्तारी के विरोध में विश्वविद्यालय के छात्र हड़ताल पर चले गए हैं। छात्रों का कहना है कि कन्हैया की रिहाई होने तक उनकी हड़ताल जारी रहेगी।
जेएनयू विवादः छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया गिरफ्तार

जेएनयू विवादः छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया गिरफ्तार

जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में देशविरोधी नारेबाजी और संसद हमले के दोषी अफजल गुरू की बरसी मनाने को लेकर दिल्ली पुलिस ने सख्त रुख अपना लिया है। इस मामले में जेएनयू के छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने पूछताछ के बाद कन्हैया को गिरफ्तार किया।
‘पंजाब में कैंसर के लिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराएगी कांग्रेस’

‘पंजाब में कैंसर के लिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराएगी कांग्रेस’

विश्व कैंसर दिन के मौके पर पंजाब कांग्रेस की कमान संभाल रहे और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ट्वीट किया है कि अगर उनकी सरकार सत्ता में आती है तो पंजाब के लोगों को बेहतर स्वाथ्य सुविधाएं देगी।
निजी कोचिंग सेंटर शिक्षा का संगठित माफिया

निजी कोचिंग सेंटर शिक्षा का संगठित माफिया

जिसका मन करता है, वह चार कुर्सी-टेबल लगा कर कोचिंग सेंटर खोल लेता है क्योंकि हमारे देश में स्कूल खोलना मुश्किल काम है। स्कूल खोलने के लिए कई औपचारिकताएं होती हैं, जिसे हर कोई पूरा नहीं कर सकता है लेकिन निजी कोचिंग सेंटर के लिए कुछ नहीं करना होता। इसके लिए देश में कोई रेगुलेटरी बोर्ड नहीं। कोचिंग सेंटर्स शिक्षा का रैकेट और संगठित माफिया है। इनके बड़े-बड़े होर्डिंग्स, विज्ञापन छात्रों को आकर्षित करते हैं। शिक्षकों को लगता है कि स्कूल या कॉलेज में क्यों पढ़ाना? वे स्कूल-कॉलेज में वे ट्रिक्स नहीं देते जो कोचिंग सेंटर में देते हैं। कोई नहीं जानता कि देश में कितने कोचिंग इंस्टीट्यूट्स हैं, ये सालाना कितने करोड़ रुपये का कारोबार करते हैं।
आवरण कथाः कोचिंग का धंधा, कितना स्याह, कितना सफेद

आवरण कथाः कोचिंग का धंधा, कितना स्याह, कितना सफेद

कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक और कटक से अटक तक कोचिंग का धंधा औपचारिक शिक्षा के साथ-साथ पांव पसार चुका है और इस सच से कोई इनकार नहीं कर सकता। बिहार के मूल निवासी पीयूष कुमार गुजरात के अहमदाबाद में बैंक अधिकारी हैं। परिवार में पत्नी के अलावा सिर्फ एक बेटा है जो दसवीं की परीक्षा पास कर चुका है। मगर बेटा और पत्नी उनके साथ नहीं रहते। दोनों राजस्थान के कोटा में हैं जहां बेटा आईआईटी की प्रवेश परीक्षा पास करने के लिए एक नामी कोचिंग सेंटर में तैयारी कर रहा है। एक और उदाहरण देखें:ओडिशा से इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर चुकी श्वेता कुमारी इंजीनियरिंग क्षेत्र में मंदी के कारण बैंक की नौकरी की तैयारी कर रही हैं। सिलीगुड़ी के अपने घर में रहकर उसने परीक्षा दी मगर लिखित परीक्षा की बाधा पार नहीं हो पाई। उसने दिल्ली का रुख किया और यहां एक कोचिंग से बैंकिंग की तैयारी के बाद पहली बार में ही रिजर्व बैंक और बैंक पीओ की लिखित परीक्षा पास कर ली। ये दो उदाहरण देश में कोचिंग के पूर्ण विकसित हो चुके धंधे की कहानी बयां करते हैं। जरा 15 साल पहले का जमाना याद करें जब कोचिंग का मतलब आपके घर में ही आस-पड़ोस के किसी बेरोजगार युवक द्वारा आपके बच्चों को पढ़ाई में थोड़ी-बहुत मदद कर देना होता था। अब अगर बच्चे को डॉक्टर, इंजीनियर, मैनेजर, प्रशासनिक अधिकारी या किसी सरकारी दफ्तर में क्लर्क ही बनना हो तो औपचारिक शिक्षा की डिग्री के साथ-साथ किसी कोचिंग संस्था का मार्गदर्शन होना अनिवार्य है अन्यथा गला काट प्रतिस्पर्धा के इस दौर में उसका पिछड़ना तय है। सीधे शद्ब्रदों में कहें तो कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक और कटक से अटक तक कोचिंग का धंधा औपचारिक शिक्षा के साथ-साथ पांव पसार चुका है और इस सच से कोई इनकार नहीं कर सकता। साल 2013 में हुए एक आकलन के मुताबिक भारत में कोचिंग इंडस्ट्री लगभग 23.7 अरब डॉलर (160.16 अरब रुपये) की थी, जिसके साल 2015 में 40 अरब डॉलर (270 अरब रुपये) के होने की भविष्यवाणी की गई थी और अगले पांच वर्षों में यह 500 अरब रुपये तक पहुंच सकती है।
नेताजी पर सरकार ने गलत दस्तावेज पेश किए- कांग्रेस

नेताजी पर सरकार ने गलत दस्तावेज पेश किए- कांग्रेस

नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो फाइल सार्वजनिक की है कांग्रेस ने उसकी जमकर आलोचना की है। मीडिया रिपोर्ट में इस बात का खुुलासा हुआ कि पंडित जवाहर लाल नेहरू ने ब्रिटेन के तत्कालीन प्रधानमंत्री एटली को चिट्ठी लिखी थी जो कि जिसमें नेताजी को युद्घ अपराधी लिखा गया था। जिसका कांग्रेस ने विरोध किया।
इंजीनियरिंग के प्रोफेसर जगदीश कुमार होंगे जेएनयू के नए कुलपति

इंजीनियरिंग के प्रोफेसर जगदीश कुमार होंगे जेएनयू के नए कुलपति

आईआईटी दिल्ली के प्रोफेसर एम. जगदीश कुमार जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के नए कुलपति होंगे। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय के भेजे चार नामों में से जगदीश कुमार के नाम को मंजूरी दी है। भाजपा नेता सुब्रमण्‍यम स्‍वामी को जेएनयू का वीसी बनाए जाने की अटकलों के बाद यह नियुक्ति चर्चाओं में आ गई थी।
जयजलिता सरकार की नई सेवा, अम्मा कॉल सेंटर

जयजलिता सरकार की नई सेवा, अम्मा कॉल सेंटर

तमिलनाडु में सरकारी सेवाओं के त्वरित निष्पादन के लिए मुख्‍यमंत्री जयललिता ने मंगलवार को शिकायतों पर तुरंत कार्यवाही के लिए 24 घंटे का कॉल सेंटर शुरू किया है।
'राजनीतिक सक्रियता में नजरअंदाज जेएनयू का अकादमिक योगदान'

'राजनीतिक सक्रियता में नजरअंदाज जेएनयू का अकादमिक योगदान'

देश के प्रतिष्ठित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के निवर्तमान कुलपति एसके सोपोरी का कहना है कि जेएनयू को अक्सर राजनीतिक सक्रियता के मंच के रूप में देखा जाता है और अकादमिक क्षेत्र में इसके योगदान को नजरंदाज किया जाता है।
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