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कश्मीर घाटी में हड़ताल, सामान्य जनजीवन प्रभावित

कश्मीर घाटी में हड़ताल, सामान्य जनजीवन प्रभावित

कश्मीर घाटी में पृथकतावादी संगठनों द्वारा बुलाई गई हड़ताल की वजह से सामान्य जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में अफजल गुरू प्रकरण के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर एस ए आर गिलानी और जेएनयू छात्रों को देशद्रोह के आरोपों में गिरफ्तार किए जाने के खिलाफ इस हड़ताल का आह्वान किया गया है।
चर्चाः षडयंत्रों का सिरदर्द | आलोक मेहता

चर्चाः षडयंत्रों का सिरदर्द | आलोक मेहता

सिंहासन के लिए महाभारत और रामायण युग के षडयंत्रों की कहानियां भारत के गौरवशाली इतिहास के साथ सुनाई-पढ़ाई जाती रही हैं। इसलिए अरविंद केजरीवाल और नरेंद्र मोदी को षडयंत्रों की सूचनाओं पर क्या अधिक चिंतित होकर जनता के दरबार में गुहार लगानी चाहिए?
कन्हैया को लेकर सभी छात्र संगठन लामबंद, आंदोलन की तैयारी

कन्हैया को लेकर सभी छात्र संगठन लामबंद, आंदोलन की तैयारी

केंद्रीय जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार की रिहाई के लिए देश भर के छात्र संगठन लामबंद हो गए हैं। आज वामपंथी दलों के छात्र संगठनों के अलावा नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई, कांग्रेस का छात्रसंगठन), जदयू, आरजेडी और स्टूडेंट्स फ्रंट फॉर स्वराज जैसे छात्र संगठन एक मंच पर आए। इनके नेताओं ने ऐलान किया कि कन्हैया को बिना शर्त रिहा किया जाए अन्यथा सरकार देशव्यापी छात्र आंदोलन के लिए तैयार रहे।
दुनिया के 400 शिक्षण संस्थानों से जेएनयू को समर्थन

दुनिया के 400 शिक्षण संस्थानों से जेएनयू को समर्थन

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के छात्रों ने दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) परिसर में पुलिस की कथित ज्यादती के विरोध में आज यहां प्रदर्शन किया। आने वाली 18 तारीख को देश भर के विश्वविद्यालय में हड़ताल का आह्वान किया गया है। इसके अलावा दुनिया भर से 400 शिक्षण संस्थानों ने जेएनयू के हक में समर्थन दिया है।
जेएनयू छात्र हड़ताल पर, कन्हैया की अदालत में पेशी आज

जेएनयू छात्र हड़ताल पर, कन्हैया की अदालत में पेशी आज

जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्रसंघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार की देशद्रोह के आरोप में की गई गिरफ्तारी के विरोध में विश्वविद्यालय के छात्र हड़ताल पर चले गए हैं। छात्रों का कहना है कि कन्हैया की रिहाई होने तक उनकी हड़ताल जारी रहेगी।
जेएनयू विवादः छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया गिरफ्तार

जेएनयू विवादः छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया गिरफ्तार

जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में देशविरोधी नारेबाजी और संसद हमले के दोषी अफजल गुरू की बरसी मनाने को लेकर दिल्ली पुलिस ने सख्त रुख अपना लिया है। इस मामले में जेएनयू के छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने पूछताछ के बाद कन्हैया को गिरफ्तार किया।
‘पंजाब में कैंसर के लिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराएगी कांग्रेस’

‘पंजाब में कैंसर के लिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराएगी कांग्रेस’

विश्व कैंसर दिन के मौके पर पंजाब कांग्रेस की कमान संभाल रहे और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ट्वीट किया है कि अगर उनकी सरकार सत्ता में आती है तो पंजाब के लोगों को बेहतर स्वाथ्य सुविधाएं देगी।
निजी कोचिंग सेंटर शिक्षा का संगठित माफिया

निजी कोचिंग सेंटर शिक्षा का संगठित माफिया

जिसका मन करता है, वह चार कुर्सी-टेबल लगा कर कोचिंग सेंटर खोल लेता है क्योंकि हमारे देश में स्कूल खोलना मुश्किल काम है। स्कूल खोलने के लिए कई औपचारिकताएं होती हैं, जिसे हर कोई पूरा नहीं कर सकता है लेकिन निजी कोचिंग सेंटर के लिए कुछ नहीं करना होता। इसके लिए देश में कोई रेगुलेटरी बोर्ड नहीं। कोचिंग सेंटर्स शिक्षा का रैकेट और संगठित माफिया है। इनके बड़े-बड़े होर्डिंग्स, विज्ञापन छात्रों को आकर्षित करते हैं। शिक्षकों को लगता है कि स्कूल या कॉलेज में क्यों पढ़ाना? वे स्कूल-कॉलेज में वे ट्रिक्स नहीं देते जो कोचिंग सेंटर में देते हैं। कोई नहीं जानता कि देश में कितने कोचिंग इंस्टीट्यूट्स हैं, ये सालाना कितने करोड़ रुपये का कारोबार करते हैं।
आवरण कथाः कोचिंग का धंधा, कितना स्याह, कितना सफेद

आवरण कथाः कोचिंग का धंधा, कितना स्याह, कितना सफेद

कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक और कटक से अटक तक कोचिंग का धंधा औपचारिक शिक्षा के साथ-साथ पांव पसार चुका है और इस सच से कोई इनकार नहीं कर सकता। बिहार के मूल निवासी पीयूष कुमार गुजरात के अहमदाबाद में बैंक अधिकारी हैं। परिवार में पत्नी के अलावा सिर्फ एक बेटा है जो दसवीं की परीक्षा पास कर चुका है। मगर बेटा और पत्नी उनके साथ नहीं रहते। दोनों राजस्थान के कोटा में हैं जहां बेटा आईआईटी की प्रवेश परीक्षा पास करने के लिए एक नामी कोचिंग सेंटर में तैयारी कर रहा है। एक और उदाहरण देखें:ओडिशा से इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर चुकी श्वेता कुमारी इंजीनियरिंग क्षेत्र में मंदी के कारण बैंक की नौकरी की तैयारी कर रही हैं। सिलीगुड़ी के अपने घर में रहकर उसने परीक्षा दी मगर लिखित परीक्षा की बाधा पार नहीं हो पाई। उसने दिल्ली का रुख किया और यहां एक कोचिंग से बैंकिंग की तैयारी के बाद पहली बार में ही रिजर्व बैंक और बैंक पीओ की लिखित परीक्षा पास कर ली। ये दो उदाहरण देश में कोचिंग के पूर्ण विकसित हो चुके धंधे की कहानी बयां करते हैं। जरा 15 साल पहले का जमाना याद करें जब कोचिंग का मतलब आपके घर में ही आस-पड़ोस के किसी बेरोजगार युवक द्वारा आपके बच्चों को पढ़ाई में थोड़ी-बहुत मदद कर देना होता था। अब अगर बच्चे को डॉक्टर, इंजीनियर, मैनेजर, प्रशासनिक अधिकारी या किसी सरकारी दफ्तर में क्लर्क ही बनना हो तो औपचारिक शिक्षा की डिग्री के साथ-साथ किसी कोचिंग संस्था का मार्गदर्शन होना अनिवार्य है अन्यथा गला काट प्रतिस्पर्धा के इस दौर में उसका पिछड़ना तय है। सीधे शद्ब्रदों में कहें तो कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक और कटक से अटक तक कोचिंग का धंधा औपचारिक शिक्षा के साथ-साथ पांव पसार चुका है और इस सच से कोई इनकार नहीं कर सकता। साल 2013 में हुए एक आकलन के मुताबिक भारत में कोचिंग इंडस्ट्री लगभग 23.7 अरब डॉलर (160.16 अरब रुपये) की थी, जिसके साल 2015 में 40 अरब डॉलर (270 अरब रुपये) के होने की भविष्यवाणी की गई थी और अगले पांच वर्षों में यह 500 अरब रुपये तक पहुंच सकती है।
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