हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने सीबीआई को आय से अधिक संपत्ति मामले में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह को गिरफ्तार करने से रोक दिया है।
उच्चतम न्यायालय ने आधार कार्ड की अनिवार्यता पर बरकरार संशय को खत्म करते हुए आज व्यवस्था दी कि सरकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के लिए आधार कार्ड अनिवार्य नहीं होगा। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने इस योजना में पंजीकरण के लिए एकत्र व्यक्तिगत बायोमेट्रिक आंकड़ों को साझा करने से भी प्राधिकारियों पर रोक लगा दी।
सुप्रीम कोर्ट ने बैंक पीओ प्रवेश परीक्षा में शामिल होने वाले जाट आवेदकों की उस अपील को आज खारिज कर दिया जिसमें इन आवेदकों ने ओबीसी आरक्षण की मांग की थी। इन आवेदकों ने जाट आरक्षण को सर्वोच्च अदालत द्वारा रद्द कर दिए जाने से पहले ओबीसी श्रेणी में बैंक पीओ प्रवेश परीक्षा के अलग-अलग स्तर पर सफलता हासिल कर ली थी मगर आरक्षण रद्द हो जाने के कारण इन्हें अंतिम रूप से नौकरी नहीं दी गई।
केरल के मौजूदा राज्यपाल पी. सदाशिवम को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का अध्यक्ष बनाए जाने की सुगबुगाहट जैसे ही तेज हुई, वैसे ही मानवाधिकार संगठनों ने इसके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। संभवतः यह पहला मौका है जब किसी राज्यपाल को इस पद के लिए चुना जा रहा है।
केंद्र सरकार को झटका देते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्रीय सूचना आयोग के वरिष्ठतम सूचना आयुक्त से कहा है कि वह अपने मुखिया की अनुपस्थिति में मामले पर सुनवाई करें। अदालत ने कहा कि किसी भी तरह का बैकलॉग आरटीआई आवेदकों के हितों को खतरे में डालेगा।
राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) के दो महत्वपूर्ण सदस्यों को चुनने वाली कमेटी में शामिल होने से प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति एच.एल. दत्तू के इनकार से इस आयोग के अस्तित्व पर ही सवालिया निशान उठने लगे हैं और कुछ लोग इसे संवैधानिक संकट भी करार देने लेगे हैं मगर कानून के जानकार ऐसा नहीं मानते।
राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) प्रकरण में तब नया मोड़ आ गया जब भारत के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति एच.एल. दत्तू ने छह सदस्यीय आयोग में दो प्रमुख व्यक्तियों के चयन के लिए तीन सदस्यीय पैनल का हिस्सा बनने से इंकार कर दिया।
गुड फ्राइडे से शुरू होकर ईस्टर तक चले भारत के शीर्ष न्यायाधीशों के तीन दिवसीय सम्मेलन को लेकर सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश कुरियन जोसफ द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे गए पत्र ने कई सवालों को जन्म दिया है।
इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने वर्ष 2008 के मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड एवं लश्कर ए तैयबा के ऑपरेशन कमांडर जकीउर रहमान लखवी के हिरासत आदेश को शुक्रवार को रद्द कर दिया।
बिना भारतीय व्यवस्था में भ्रष्टाचार के क्या पाकिस्तानी आतंकवादी भी मुंबई में संहार कर सकते थे? उनके पास चार-चार सौ डॉलर के नोट मिले। कुछ रिपोर्टों के अनुसार समुद्र मार्ग से अवैध घुसपैठ कराने के लिए तटरक्षकों की रिश्वत दर 400 डॉलर है। अन्य रिपोर्टों के अनुसार कथित कठोर प्रशासन वाले गुजरात की कई मछुआरी नौकाएं विदेशी तस्करों के साथ संलिप्त हैं और शायद इसीलिए आतंकवादी ऐसी एक नौका को इतनी सरलता से गिरफ्त में लेकर मुंबई आ सके। लेकिन आतंकवादी विरोधी कठोर कानून, पाकिस्तान को कठोर कार्रवाई की धमकी और कुछ नेताओं का इस्तीफा मांगने वाले कभी भ्रष्टाचार के खिलाफ इतनी सक्रियता क्यों नहीं दिखाते?