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Search Result : "न्यायाधीश न्यायमूर्ति मोहन एम शांतनागोदर"

खेसारी दाल पर बड़ा दांव लगा रही केंद्र सरकार

खेसारी दाल पर बड़ा दांव लगा रही केंद्र सरकार

दालों की बढ़ती कीमतों और दलहन आयात पर अंकुश लगाने के लिए केंद्र सरकार खेसारी दाल पर 55 साल पहले लगा प्रतिबंध हटाने की कवायद में जुट गई है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के एक पैनल ने इस दाल को खाने के लिए सुरक्षित बताया है और बारे में अंतिम फैसला खाद्य नियामक एफएसएसएआई को करना है। लेकिन स्‍वास्‍थ्‍य से जुड़े इस अहम फैसले को लेकर कई सवाल भी खड़े हो रहे हैं।
मंदिर निर्माण के लिए संवाद जरूरी

मंदिर निर्माण के लिए संवाद जरूरी

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की चर्चा भर से बुद्धिजीवियों एवं राजनीतिज्ञों का एक वर्ग छद्म आक्रोश व्यक्त करने लगता है। ऐसा ही तब हुआ जब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक श्री मोहन भागवत ने विश्व हिंदू परिषद के नेता अशोक सिंघल की श्रद्धांजलि सभा में राम मंदिर निर्माण के संकल्प को दोहराया। फिर क्या था। संघ पर सांप्रदायिकता, ध्रुवीकरण, न्यायालय की अवहेलना जैसे आरोप मढ़ दिए गए।
लोकपाल के 16 दावेदारों में सुप्रीम कोर्ट के तीन जज भी शामिल

लोकपाल के 16 दावेदारों में सुप्रीम कोर्ट के तीन जज भी शामिल

भ्रष्टाचार निरोधक निकाय लोकपाल के अध्यक्ष पद के लिए कुल 16 आवेदन आए हैं। आवेदन करने वालों में उच्चतम न्यायालय के तीन पूर्व न्यायाधीश के अलावा उच्च न्यायालय के एक पूर्व मुख्य न्यायाधीश ने भी आवेदन किया है। इनके अलावा यूजीसी के एक पूर्व सदस्य और एक सूचना आयुक्त समेत कुल 16 लोगों ने लोकपाल के अध्यक्ष पद के लिए अपनी दावेदारी जताई है। यह जानकारी कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने सूची जारी कर दी है।
संघ की सीटी से शुरू कबड्डी

संघ की सीटी से शुरू कबड्डी

महाराष्ट्र के जलगांव में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शीर्ष रणनीतिकारों के अलावा संघ से जुड़े आनुषंगिक संगठनों की जब बैठक हो रही थी तो सभी की चिंता भारतीय जनता पार्टी के अंदर उभरे आंतरिक मतभेद को लेकर थी। लेकिन इन चिंताओं से बेखबर संघ प्रमुख मोहन भागवत का एक ही शब्द‍ सब पर भारी पड़ गया कि अपना काम करो चिंता मत करो।
सट्टा होगा मंजूर तो मिटेगा भ्रष्टाचारः न्यायमूर्ति लोढ़ा

सट्टा होगा मंजूर तो मिटेगा भ्रष्टाचारः न्यायमूर्ति लोढ़ा

देश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आर. एम. लोढ़ा खुद मानते हैं कि स्कूल के बाद क्रिकेट में उनकी ज्यादा रुचि नहीं रही। बतौर न्यायाधीश उन्होंने सिर्फ दो मैच खेले और एक मैच में क्षेत्ररक्षण के दौरान अपना अंगूठा तुड़वा बैठे। लेकिन भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआई) की गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए गठित समिति के अध्यक्ष के तौर पर क्रिकेट में अपनी नई पारी से वह उत्साहित हैं और इसमें कई महत्वपूर्ण सुधार की सिफारिश की है। लोढ़ा समिति की कुछ सिफारिशों से सत्ता पर काबिज कुछ लोगों के अहं को भी ठेस लगी है। उषिनोर मजुमदार को दिए एक इंटरव्यू में न्यायमूर्ति लोढ़ा ने खुलकर बताया कि क्यों क्रिकेट की जागीर प्रथा खत्म होनी चाहिए और सट्टेबाजी को कानूनी मान्यता मिलनी चाहिए। पेश है बातचीत के मुख्य अंश:
हाईकोर्ट न्यायाधीश के खिलाफ 58 सांसदों का महाभियोग नोटिस

हाईकोर्ट न्यायाधीश के खिलाफ 58 सांसदों का महाभियोग नोटिस

राज्यसभा के 58 सदस्यों ने शुक्रवार को सभापति को एक याचिका देकर गुजरात उच्च न्यायालय के न्यायाधीश जे बी परदीवाला के खिलाफ महाभियोग की कार्यवाही चलाने का अनुरोध किया है। उनके खिलाफ यह याचिका हार्दिक पटेल मामले में उनके द्वारा आरक्षण के खिलाफ की गई कथित असंवैधानिक टिप्पणी के कारण दी गई है।
डीडीसीए दूध का धुला है तो बीसीसीआई और हाईकोर्ट ने क्यों रोका: बेदी

डीडीसीए दूध का धुला है तो बीसीसीआई और हाईकोर्ट ने क्यों रोका: बेदी

पूर्व भारतीय कप्तान बिशन सिंह बेदी ने शुक्रवार को दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि राज्य सरकार को इस खेल संस्था में कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच के लिये अनुमति लेने की जरूरत नहीं है।
समाज में भेदभाव रहने तक जरूरी है आरक्षण : मोहन भागवत

समाज में भेदभाव रहने तक जरूरी है आरक्षण : मोहन भागवत

आरक्षण प्रणाली की समीक्षा के अपने पूर्व के बयान से पलटते हुए आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि जब तक सामाजिक भेदभाव है तब तक देश में आरक्षण जारी रहना चाहिए और संघ इसे खत्म किए जाने के पक्ष में नहीं है।
एनसीआर में बड़ी डीजल गाड़ियों के पंजीकरण पर रोक समेत कई पाबंदियां

एनसीआर में बड़ी डीजल गाड़ियों के पंजीकरण पर रोक समेत कई पाबंदियां

दिल्ली में प्रदूषण के बढ़ते स्तर से निपटने के लिए सख्त कदम उठाते हुए उच्चतम न्यायालय ने आज 2000 सीसी से अधिक क्षमता के इंजन वाली डीजल एसयूवी और कारों के दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में पंजीकरण पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दिया है। फिलहाल यह रोक अगले साल 31 मार्च तक के लिए लगाई गई है। इसके अलावा पीठ ने एक और अहम निर्देश देते हुए 2005 से पहले के पंजीकृत वाणिज्यिक वाहनों के दिल्ली में प्रवेश करने पर भी रोक लगा दी है।
डीजल एसयूवी, भारी वाहनों पर लग सकती है सुप्रीम कोर्ट की रोक

डीजल एसयूवी, भारी वाहनों पर लग सकती है सुप्रीम कोर्ट की रोक

प्रदूषण के बढ़ते स्तर से चिंतित उच्चतम न्यायालय ने आज संकेत दिया है कि वह अगले तीन चार महीने के लिए 2000 सीसी से अधिक क्षमता वाले इंजनों की डीजल एसयूवी कारों और वाणिज्यिक वाहनों के पंजीकरण पर रोक लगा सकता है। साथ ही न्यायालय ने यह भी संकेत दिया कि इसके अलावा राजधानी में प्रवेश करने वाले ट्रकों पर लगने वाला हरित शुल्क दोगुना किया जा सकता है।
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