केंद्रीय बजट की तैयारियां शुरू हो गई है और इसमें ग्रामीण भारत की एक महत्वपूर्ण योजना को लेकर खासा मंथन चल रहा है। यह योजना है महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना।
‘योजना भवन’ की दीवार पोतकर ‘नीति आयोग’ का बोर्ड लगाने की पहली वर्षगांठ पर रोशनी और धूमधाम की तैयारी नहीं हो रही है। ‘नीति सम्राट’ आयोग के कामकाज और अब तक की ढिलाई से अप्रसन्न हैं। नवगठित आयोग में मुख्यमंत्रियों के उपसमूहों की रिपोर्ट अवश्य बनती गई, लेकिन अफसरों-बाबुओं ने पूरे एक वर्ष में केवल एक रिपोर्ट सरकार को दी। अब एक कुशल प्रशासनिक अधिकारी अमिताभ कांति को मुख्य कार्यकारी अधिकारी बनाया गया है, ताकि पूंजी निवेश और वितरण की योजना एवं व्यवस्था को पश्चिमी देशों की तर्ज पर आगे बढ़ाया जा सके।
बच्चों को अपराध से रोकने के साथ-साथ उन पर होने वाले जुल्म से बचाने के लिए किशोर न्याय अधिनियम लागू हो गया है। इसके तहत बच्चों से मारपीट करने पर अभिभावक को भी सजा का प्रावधान है।
स्टार्टअप को प्रोत्साहन देने के साथ-साथ सरकार की योजना है स्टैंड अप इंडिया को पेश करने की। इस योजना के तहत बैंकों की शाखाएं अनुसूचित जाति-जनजाति एवं महिला उद्यमियों को कर्ज देगी।
शुरुआत में फीके रुझान के बावजूद केंद्र सरकार की स्वर्ण मौद्रिकरण योजना कामयाब होती नजर आ रही है। इस योजना के तहत अब तक घर या मंदिरों में रखा 500 किलोग्राम से ज्यादा सोना सरकार को मिल चुका है।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने बढ़ते वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए शुरू की गई वाहनों की सम-विषम योजना में हस्तक्षेप करने से इंकार करते हुए कहा कि योजना के तहत रोक केवल 15 जनवरी तक है।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने जनता को हो रही असुविधा की बात कहते हुए दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार से पूछा है कि वह सम-विषम योजना को एक सप्ताह तक के लिए सीमित क्यों नहीं कर सकती? उच्च न्यायालय ने दिल्ली सरकार से कहा, आपको यह मानना होगा कि आपके पास जनता को लाने-ले जाने के लिए पर्याप्त सार्वजनिक परिवहन नहीं है।
दिल्ली में आज से लागू हुई सम-विषय योजना को लेकर लोगों में जितना उत्साह देखा जा रहा है इसके नतीजे भी उतने ही उत्साहवर्धक हैं। पहले दिन ही से दिल्ली की सड़कों पर इसका असर दिखने लगा है। लोगों में प्रदूषण कम करने को लेकर काफी जागरूकता देखी जा रही है।
दिल्ली काे प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए वाहनों को एक दिन छोड़कर चलाने की योजना को शुरुआत से ही दिल्ली की जनता का भरपूर सहयोग मिल रहा है। जनता तमाम आशंकाओं को दरकिनार करते हुए दिल्ली के लोग योजना का बढ़-चढ़कर पालन कर रहे हैं। हालांकि, असली चुनौती सोमवार से शुरू होगी जब सभी लोग छुट्टियों के बाद काम पर लौटेंगे।