प्रगतिशील काव्यधारा के महान कवि त्रिलोचन का जन्मदिन है। संस्कृत, उर्दू, फारसी, हिंदी और अंग्रेजी भाषा पर जबर्दस्त महारथ हासिल थी कवि त्रिलोचन को। उनका जन्म 20 अगस्त 1917 को चिरानी पट्टी, जिला सुल्तानपुर उत्तर प्रदेश में हुआ था। त्रिलोचन का मूल नाम वासुदेव सिंह था और वह ताउम्र अपने सहज-सरल स्वभाव और फक्कड़ी के लिए जाने जाते रहे। उनका निधन 10 दिसंबर 2007 को हुआ। हिंदी कविता के इस हस्ताक्षर कवि को आज उनके जन्मदिन पर उनकी कविताओं के जरिए याद करते हैं
भारत में अपने 20 साल पूरे होने के अवसर पर डिस्कवरी चैनल ने देश की कुछ बेहतरीन कहानियों समेत अपने कुछ सबसे शानदार कार्यक्रमों को विशेष रूप से प्रदर्शित करने की योजना बनाई है।
मीरांबाई की संघर्ष-यात्रा को केंद्र में रखकर लिखा गया उपन्यास ‘रंग राची’ आखिरकार पाठकों तक पहुंच ही गया। दिल्ली के साहित्य अकादमी सभागार में नामवर सिंह ने अध्यक्षीय आशीर्वचन दिया। उन्होंने कहा, ‘हिंदी में बहुत कवयित्रियां हुई लेकिन जो स्थान मीरां ने बनाया वह सब के लिए आदर्श है। मीरा को करूणा, दया के पात्र के रूप में देखने की जरूरत नहीं है, मीरां स्त्रियों के स्वाभिमान की प्रतीक हैं।’ इस उपन्यास को सुधाकर अदीब ने लिखा है और यह राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित हुई है।
मसान यानी श्मशान के इर्द-गिर्द भी प्रेम पनपता है। जलती चिता से उठती चिंगारियां दिल की कोमलता को नहीं झुलसा पातीं। नीरज घायवन ने कम संसाधनों में एक बढ़िया फिल्म रच दी है। दो कहानियां अतंतः एक ही मंजिल को पहुंचती हैं, त्रासदी।
बॉलीवुड अभिनेता शाहिद कपूर ने मंगलवार को दिल्ली की मीरा राजपूत से गुड़गांव स्थित एक फार्म हाउस में सादे समारोह में विवाह रचाया। प्रसिद्ध अभिनेता पंकज कपूर और उनकी पूर्व पत्नी नीलिमा अजीम के बेटे 34 वर्षीय शाहिद राधा स्वामी संप्रदाय की परंपराओं के अनुसार 21 वर्षीय मीरा से विवाह बंधन में बंध गए।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी शुक्रवार को अपना ४५वां जन्मदिन कुछ खास अंदाज में मनाया। राहुल के सांसद बनने के बाद यह पहला अवसर था कि उन्होने अपना जन्मदिन दिल्ली में मनाया। नहीं तो हर साल राहुल दिल्ली से बाहर रहे और कांग्रेसी कार्यकर्ता मायूस रहे। लेकिन इस बार कांग्रेसी कार्यकर्ताओं में उत्साह रहा और राहुल ने भी उन्हें निराश नहीं किया।
‘कसाब.गांधी@यरवदा.इन’ संग्रह पंकज सुबीर का तीसरा संग्रह है और अपने पूर्व के दो संग्रहों की ही तरह इसमें भी पंकज सुबीर की कहानियों की विषय वैविध्यता दिखाई देती है। कई कई विषयों को समेटे हुए दस कहानियां हैं। इनमें विषयों में सांप्रदायिकता है, आतंकवाद है, बचपन की फैंटेसी है, मध्यमवर्गीय जीवन है, देह के समीकरण हैं और कुछ रहस्य की कहानियां भी हैं। मतलब यह कि दस कहानियों में लगभग दस अलग-अलग विषयों को समेटने की कोशिश की गई है।
विमलेश त्रिपाठी के उपन्यास 'कैनवास पर प्रेम ' के नाम ने आकर्षित किया था। नाम से कहानी का जो कुछ अंदाजा होता है वह ठीक-ठीक होते हुए भी उससे बहुत अलग भी है।