अपनी नई फिल्म सरबजीत के लिए शूटिंग कर रही ऐश्वर्या राय को पनामा पेपर का भूत छोड़ नहीं रहा है। इस फिल्म के सिलसिले में वह जहां भी जा रही हैं पत्रकार उनसे पनामा के बारे में ही पूछ रहे हैं।
डेविड कैमरन अपना व्यक्तिगत आयकर रिटर्न सार्वजनिक करने वाले ब्रिटेन के पहले प्रधानमंत्री हो गए हैं। साथ ही कैमरन ने पनामा दस्तावेजों की जांच के लिए एक नए कार्यबल का गठन किया है।
भारतीय नेता हों या अभिनेता, व्यापारी हों या खिलाड़ी, समय के साथ नए-नए रूप दिखाते हैं। रंगमंच पर ही नहीं, जीवन में भी मुखौटा लगाकर पाप-पुण्य करना चाहते हैं। तभी तो पनामा में काले धन के खातों का पर्दाफाश होने के बावजूद किसी ने यह नहीं माना कि उससे कोई गलती हुई है। पर्दे के शहंशाह अमिताभ बच्चन ने जानकर अनजान बनते हुए इतना माना कि किसी ने उनके नाम का दुरुपयोग किया होगा। दूसरी तरफ पनामा पेपर्स आने के बाद आइसलैंड के प्रधानमंत्री ने नैतिक अपराध स्वीकार कर पद से इस्तीफा दे दिया।
'पनामा पेपर्स’ ने विकीलीक्स से ज्यादा विश्वभर में हलचल पैदा की है। भारत में भी क्योंकि 500 से ज्यादा भारतीयों के विदेशी कंपनियों में हिस्सेदारी होने के कागजातों का खुलासा हुआ है। लेकिन मेरा मानना है कि यह भारतीय खोजी पत्रकारिता की बहुत अच्छी मिसाल नहीं है। कारण दुनिया भर के तथाकथित खोजी पत्रकारिता के 'स्टार अलाइंस’ ने जो दस्तावेज एकत्रित किए, उनको हमारे अखबारों ने हूबहू छाप दिया है। उनकी आगे से कोई खोजबीन नहीं की। मीडिया अब भी, ज्यादातर घटनाओं में, सरकारी एजेंसियों एवं कचहरी द्वारा प्राप्त किए कागजातों को अपने सूत्रों के हवाले से छापकर वाहवाही लूटने की कोशिश करता है। ज्यादातर 'खोजी खबरें’ प्लेट में सजी-सजाई मिलती हैं।
पनामा की लॉ फर्म मोसेक फोंसेका से लीक दस्तावेजों के आधार पर टैक्स हेवन में 500 भारतीयों के नाम के खुलासे के साथ यह सवाल प्रमुखता से उठाया जा रहा है कि क्या वाकई इन लोगों के खिलाफ कोई कानूनी मामला बनता है या नहीं। और, अगर होता इस पूरे खुलासे के दो कानूनी पहलू हैं, जिनपर आगे जाकर स्थिति स्पष्ट होगी-पहला यह कि क्या इन भारतीयों ने भारतीय कानून के तहत यानी कानूनी रूप से करोड़ों रुपये के निवेश किए और दूसरा यह कि कानूनी रूप से नहीं फंसने के बावजूद नैतिक आधार पर यह गलत है।
पनामा ने हैकिंग के जरिए अपने खिलाफ गैरकानूनी धन को पनाह देने के लगे आरोप पर पलटवार करते हुए ओईसीडी के प्रमुख को पत्र लिखा है जिसमें उसने इसे अनुचित और भेद-भावपूर्ण करार दिया है।
पनामा पेपर्स वित्तीय दस्तावेज लीक के बाद पहली बड़ी राजनीतिक घटना के तहत आइसलैंड के प्रधानमंत्री सिगमुंदुर डेविड गुनलौगसन ने इस्तीफा दे दिया है। उनकी पार्टी ने आज यह जानकारी दी। प्रोग्रेसिव पार्टी के उप नेता और कृषि मंत्री सिगुरदुर इंगी जोहानसन ने एक सीधे प्रसारण में बताया, प्रधानमंत्री ने (अपनी पार्टी के) संसदीय समूह की बैठक में कहा कि वह प्रधानमंत्री के तौर पर इस्तीफा देंगे और मैं इस पद को संभालूं।
पनामा पेपर्स लीक मामले में नाम आने के बाद बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन ने बयान जारी कर कहा कि उनके ऊपर लगे आरोप गलत हैं। उन्होने कहा कि टैक्स धोखाधड़ी के आरोप पूरी तरह से गलत हैं।