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Search Result : "परमाणु प्रसार"

डीडी किसान पर अमिताभ की सफाई से उठे सवाल

डीडी किसान पर अमिताभ की सफाई से उठे सवाल

फिल्‍म स्‍टार अमिताभ बच्‍चन से डीडी किसान चैनल का प्रचार कराने का मुद्दा तूल पकड़ता जा रहा है। इस बारे में अपनी सफाई देते हुए अमिताभ बच्‍चन ने जो तथ्‍य सामने रखें हैं, उनसे कई सवाल खड़े हो गए हैं। अगर अमिताभ बच्‍चन वाकई डीडी किसान का निशुल्‍क प्रचार करने वाले थे तो दूरदर्शन 8.5 करोड़ रुपये लुटाने पर क्‍यों आमादा रहा? कहीं अमिताभ की आड़ में दूरदर्शन और एड एजेंसी के बीच तो बड़ा खेल नहीं हो गया?
ईरान समझौते पर अमेरिका में घमासान

ईरान समझौते पर अमेरिका में घमासान

ईरान पर प्रतिबंध हटाने को लेकर अमेरिका और पश्चिमी देशों ने जो समझौता किया है उसे लेकर खुद अमेरिका में ही घमासान मचा हुआ है। राष्ट्रपति बराक ओबामा जहां डेमोक्रेटिक पार्टी का प्रनिनिधित्व करते हैं वहीं अमेरिकी सीनेट और कांग्रेस में उनके विरोधी रिपब्लिकन पार्टी के सांसदों का दबदबा है और यह पार्टी ईरान समझौते से नाखुश बताई जा रही है।
भारत का रक्षा मंत्री हूं, पाकिस्‍तान का नहीं: पर्रिकर

भारत का रक्षा मंत्री हूं, पाकिस्‍तान का नहीं: पर्रिकर

पाकिस्‍तान के रक्षा मंत्री के परमाणु बम संबंधी बयान पर टिप्‍पणी से इन्‍कार करते हुए मनोहर पर्रिकर ने कहा है कि वह भारत के रक्षा मंत्री हैं, पाकिस्‍तान के नहीं। उन्‍होंने इतना जरूर कहा कि भारत अपनी सीमाओं की रक्षा करने में सक्षम है।
प्रफुल्ल बिदवईः जनपक्षधर पत्रकारिता की मिसाल

प्रफुल्ल बिदवईः जनपक्षधर पत्रकारिता की मिसाल

प्रफुल्ल बिदवई विलक्षण प्रतिभा के धनी पत्रकार, प्रवक्ता, बुद्धिजीवी और कार्यकर्ता थे। उनका अकस्मात हमारे बीच से चले जाना जनतांत्रिक, धर्मनिरपेक्ष और शांति आंदोलनों के लिए एक बड़ा झटका है। आज के विपरीत समय में अपनी बेबाक शैली, सुव्यवस्थित विश्लेषण और दुस्साहस के स्तर तक जोखिम उठाने की क्षमता के चलते वे अनेक युवा और आदर्शवादी पत्रकारों के प्रेरणास्रोत रहे। उनकी वैज्ञानिक और संपूर्ण दृष्टि तथा ऐतिहासिक बोध, उनकी विश्लेषण क्षमता का मूल मंत्र रहा। इसी ने उन्हें हमेशा खास बनाए रखा और जीवनभर उनकी लेखनी की चमक यूं ही बनी रही।
करोड़ों रुपये योग दिवस के प्रचार-प्रसार पर स्वाहा

करोड़ों रुपये योग दिवस के प्रचार-प्रसार पर स्वाहा

करोड़ों रुपये योग दिवस के प्रचार-प्रसार पर स्वाहा हो गए। सरकार ने ब्रांडिग कर यह दिखाना चाहा कि भारत इसके लिए कितना गंभीर है। लेकिन इस दिवस के अवसर को कुछ लोगों ने मजाक के रुप में लिया तो कुछ ने इसे सियासत के तौर पर देखा। सोशल मीडिया पर भी योग दिवस को लोगों ने अलग-अलग तरीके से परिभाषित किया।
योग दिवस के प्रचार-प्रसार पर सवा सौ करोड़ खर्च

योग दिवस के प्रचार-प्रसार पर सवा सौ करोड़ खर्च

विश्व योग दिवस के अवसर इतिहास रचने की मंशा लिए भारत सरकार ने सवा सौ करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि केवल प्रचार-प्रसार पर खर्च किया है। सरकार के विभिन्न मंत्रालयों ने इस दिवस को सफल बनाने का जो बजट तैयार किया है वह प्रचार-प्रसार के लिए अन्य योजनाओं के मुकाबले कहीं ज्यादा है।
सम्प्रति वार्ताः श्रूयन्ताम्!

सम्प्रति वार्ताः श्रूयन्ताम्!

दूरदर्शन द्वारा संस्कृत-समाचार प्रसारण की अवधि बढ़ाने के निर्णय पर कोई खास आश्चर्य नहीं हुआ, क्योंकि संस्कृत मोदी सरकार के एजेंडे में है। इस निर्णय का निहितार्थ भी आसानी से समझ में आने वाला है, इसलिए इस पर सवाल भी उठेंगे ही। इस ऐलान के बाद लोगों के जेहन में सबसे पहला सवाल तो यह है कि संस्कृत में न्यूज बुलेटिनों और समाचार-चर्चा के कार्यक्रमों का दर्शक या श्रोता वर्ग कौन है? दूसरा सवाल यह है कि देश में कितने लोग ऐसे होंगे जो वास्तव में संस्कृत माध्यमों से इन कार्यक्रमों की बाट जोह रहे हैं? ये महज शोशा है या इसकी कोई ठोस जरूरत है?
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