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Search Result : "परमाणु समझौता"

आधी रात को एक और आजादी, 14000 बांग्लादेशी बने भारतीय

आधी रात को एक और आजादी, 14000 बांग्लादेशी बने भारतीय

भारत और बांग्लादेश के बीच 162 एनक्लेव की अदला-बदली का समझौता शुक्रवार मध्यरात्रि से प्रभावी हो गया है। भारत ने इसे ऐतिहासिक दिन बताया है। आजादी के बाद से ये मुद्दा लंबित था।
भारत-बांग्लादेश सीमा समझौते पर अमल

भारत-बांग्लादेश सीमा समझौते पर अमल

चार दशक से अधिक समय तक इंतजार के बाद भारत और बांग्लादेश अपने ऐतिहासिक भूमि सीमा समझौते का क्रियान्वयन होने के साथ कल से 162 एन्क्लेवों का आदान-प्रदान शुरू करेंगे।
ईरान समझौते पर अमेरिका में घमासान

ईरान समझौते पर अमेरिका में घमासान

ईरान पर प्रतिबंध हटाने को लेकर अमेरिका और पश्चिमी देशों ने जो समझौता किया है उसे लेकर खुद अमेरिका में ही घमासान मचा हुआ है। राष्ट्रपति बराक ओबामा जहां डेमोक्रेटिक पार्टी का प्रनिनिधित्व करते हैं वहीं अमेरिकी सीनेट और कांग्रेस में उनके विरोधी रिपब्लिकन पार्टी के सांसदों का दबदबा है और यह पार्टी ईरान समझौते से नाखुश बताई जा रही है।
ग्रीस को मिलेगा बेलआउट, यूरोजोन के साथ हुआ समझौता

ग्रीस को मिलेगा बेलआउट, यूरोजोन के साथ हुआ समझौता

यूरोपीय देश आर्थिक संकट से जूझ रहे यूनान को राहत पैकेज देने पर तैयार हो गए हैं। ब्रसेल्‍स में करीब 17 घंटे तक चली शिखर वार्ता के बाद यूरोपीय संघ और यूनान के बीच इस मुद्दे पर सहमति बन गई है। पिछले पांच साल में यूनान को मिलने वाला यह तीसरा राहत पैकेज होगा, जिसके साथ कई कठोर शर्ते भी माननी होंगी।
भारत का रक्षा मंत्री हूं, पाकिस्‍तान का नहीं: पर्रिकर

भारत का रक्षा मंत्री हूं, पाकिस्‍तान का नहीं: पर्रिकर

पाकिस्‍तान के रक्षा मंत्री के परमाणु बम संबंधी बयान पर टिप्‍पणी से इन्‍कार करते हुए मनोहर पर्रिकर ने कहा है कि वह भारत के रक्षा मंत्री हैं, पाकिस्‍तान के नहीं। उन्‍होंने इतना जरूर कहा कि भारत अपनी सीमाओं की रक्षा करने में सक्षम है।
टीवी18 से अलग होगा सीएनएन, जी से समझौते की अटकलें

टीवी18 से अलग होगा सीएनएन, जी से समझौते की अटकलें

10 साल पुराना समझौता खत्‍म करते हुए सीएनएन अौर टीवी18 ने अलग होने का फैसला किया है। इस बीच सीएनएन के जी ग्रुप के साथ जाने की अटकलें लगाई जा रही हैं।
प्रफुल्ल बिदवईः जनपक्षधर पत्रकारिता की मिसाल

प्रफुल्ल बिदवईः जनपक्षधर पत्रकारिता की मिसाल

प्रफुल्ल बिदवई विलक्षण प्रतिभा के धनी पत्रकार, प्रवक्ता, बुद्धिजीवी और कार्यकर्ता थे। उनका अकस्मात हमारे बीच से चले जाना जनतांत्रिक, धर्मनिरपेक्ष और शांति आंदोलनों के लिए एक बड़ा झटका है। आज के विपरीत समय में अपनी बेबाक शैली, सुव्यवस्थित विश्लेषण और दुस्साहस के स्तर तक जोखिम उठाने की क्षमता के चलते वे अनेक युवा और आदर्शवादी पत्रकारों के प्रेरणास्रोत रहे। उनकी वैज्ञानिक और संपूर्ण दृष्टि तथा ऐतिहासिक बोध, उनकी विश्लेषण क्षमता का मूल मंत्र रहा। इसी ने उन्हें हमेशा खास बनाए रखा और जीवनभर उनकी लेखनी की चमक यूं ही बनी रही।
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