यमुना के जल ग्रहण क्षेत्र में आध्यात्मिक गुरू श्री श्री रविशंकर के आर्ट आॅफ लिविंग द्वारा शुक्रवार से आयोजित होने वाले तीन दिवसीय संस्कृति महोत्सव के आयोजन को लेकर पर्यावरण संबंधी चिंताओं के चलते कुछ विवाद उत्पन्न होने के बाद अब राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने इसमें हिस्सा नहीं लेने का फैसला किया है।
ग्रीनपीस के नासा उपग्रह डेटा विश्लेषण में यह तथ्य सामने आया है कि इस शताब्दी में पहली बार भारतीय को चीन के नागरिकों की तुलना में अधिक वायु प्रदूषण का दंश झेलना पड़ा। चीन द्वारा वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिये साल-दर-साल अपनाये गए उपायों की वजह से वहां की आवोहवा में सुधार हुआ है जबकि भारत का प्रदूषण स्तर पिछले दशक में धीरे-धीरे बढ़कर अधिकतम स्तर पर पहुंच गया है।
सामान्य लोकतांत्रिक प्रक्रिया के जरिये जर्मनी में हिटलर के सत्ता में आने और भारत में आपातकाल के ऐतिहासिक घटनाक्रमों का जिक्र करते हुए अभिनेता कमल हासन ने कहा कि हम बोलने की आजादी को हल्के में नहीं ले सकते। साथ ही हासन ने लोकतंत्र में बोलने की आजादी के संरक्षण के लिए सतत निगरानी को जरूरी बताया।
गंगा हिमालय से निकलती है, लेकिन सागर तक पहुंचने में बहुत रोड़े आते हैं। केंद्र और राज्य सरकारें लगभग तीस वर्षों से गंगा को पवित्र बनाए रखने के लिए हजारों करोड़ खर्च कर चुकी हैं, लेकिन ‘पुण्यलाभ’ नहीं मिल पा रहा है। गंगा अधिक मैली होती गई है। गंगा किनारे बसे शहरों की तरक्की के साथ मोहल्ले का कचरा, मल-मूत्र ही नहीं औद्योगिक बस्तियों के जहरीले रसायनों से गंगा को अपवित्र एवं प्रदूषित किया गया। अब नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने सरकार की नमामि गंगे योजना में फंड जारी करने पर रोक लगा दी है। ट्रिब्यूनल इस बात से खफा हुआ कि उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश की सरकारों ने गंगा में प्रदूषण से जुड़े सवालों पर स्पष्ट जवाब तक नहीं दिए।
जलवायु परिवर्तन पर एेतिहासिक समझौते की समय सीमा से दो दिन पहले वार्ताकारों ने एक नया और छोटा मसौदा जारी किया है जिसमें सभी महत्वपूर्ण प्रगतियों और मतभेदों को शामिल किया गया है। हालांकि यह मसौदा भी जटिल मुद्दों पर मतभेदों को दूर करने में नाकाम रहा है।
जम्मू में वैष्णो देवी मंदिर परिसर में घोड़े और टट्टुओं के उपयोग पर रोक लगाने की मांग को लेकर एक पर्यावरण कार्यकर्ता ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण यानी एनजीटी का दरवाजा खटखटाया है। इस मामले में हरित अधिकरण ने केंद्र सरकार को नोटिस भेजकर अपना पक्ष रखने को कहा है।
उच्चतम न्यायालय ने राजधानी में बढते प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए दिल्ली में दाखिल होने वाले वाणिज्यिक वाहनों से पर्यावरण शुल्क वसूलने का आदेश दिया है। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि एक नवंबर से चार महीने के लिए राजधानी में प्रवेश करने वाले वाणिज्यिक वाहनों से टोल टैक्स के अतिरिक्त पर्यावरण शुल्क वसूला जाए।