भारत पिछले कई वर्षों से अमेरिका सहित दुनिया के देशों को पाकिस्तान में पल रहे आतंकवादी दानवों के खतरे की ओर ध्यान आकर्षित करता रहा है। फिर भी अमेरिका बड़े पैमाने पर पाकिस्तान को आर्थिक मदद एवं अत्याधुनिक हथियार देता रहा। ओसामा बिन लादेन के तालिबानी हमले के बाद उसने अफगानिस्तान के कुछ क्षेत्रों पर बमबारी की और सैनिक तैनात किए लेकिन पाकिस्तान में छिपे लादेन के अपवाद को छोड़कर किसी आतंकवादी ठिकाने को निशाना नहीं बनाया।
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने पार्टी का दामन छोड़कर भाजपा में गए स्वामी प्रसाद मौर्य की आज की रैली को फ्लॉप बताते हुए कहा कि भाजपा को खुद ही पछतावा हो रहा होगा कि खोदा पहाड़ और निकली चुहिया। इस रैली में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी मौजूद थे। माना जा रहा है कि इस रैली के जरिये मौर्य अपनी ताकत दिखाना चाह रहे थे।
“एम. ए.। प्राचीन इतिहास में पीएच.डी। कहानी-कविता के साथ-साथ यात्रा वृत्तां पर भी पुस्तक। धूप का गुलाब और चबूतरे का सच नाम से कहानी संग्रह। बादल को घिरते देखा है यात्रा वृत्तांत और तख्त बनने लगा आकाश नाम से कविता संग्रह प्रकाशित। साथ में खिले हैं शब्द नाम से एक हाइकू संग्रह। महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी का मुंशी प्रेमचंद पुरस्कार।”